वॉशिंगटन : अमेरिकी प्रतिनधि सभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर हांगकांग में मौलिक अधिकारों तथा आजादी को कमतर करने और चीन की ओर से हो रहे मानवाधिकार हनन की घटनाओं की निंदा की है .
अमेरिकी सदन में बुधवार को ध्वनि मत से पारित इस प्रस्ताव में चीन सरकार की कार्रवाइयों की निंदा की गयी है औैर आरोप लगाया गया है कि इनसे हांगकांग की उच्च स्तर की स्वायत्तता एवं वहां के लोगों के मौलिक आधिकारों एवं आजादी का उल्लंघन हुआ .
प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा, 'आज सदन ने प्रस्ताव पारित कर कड़ा संदेश दिया है और चीन से मानवाधिकार हनन को समाप्त करने का आह्वान किया गया है. सदन द्विदलीय आधार पर हमेशा तिब्बत में धर्म और संस्कृति की स्वतंत्रता एवं हांगकांग में कानून के शासन के लिए लड़ाई लड़ेगा .' यह प्रस्ताव संयुक्त राज्य अमेरिका को हांगकांग के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जताने के लिए सहयोगियों के साथ समन्वय करने की भी सलाह देता है .
इसमें जोर दिया गया है कि चीन की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसकी विश्वसनीयता कम करती है . प्रस्ताव में चीन एवं हांगकांग की सरकार से वह इस कानून को लागू करने अथवा कोई कार्रवाई करने से परहेज करने का आग्रह किया गया है, जो हांगकांग के लोगों के अधिकारों को आंशिक रूप से या पूरी तरह से कम करता है, जो बेसिक कानून एवं संयुक्त घोषणा के तहत उन्हें प्रदान किया गया है.
प्रस्ताव में हांगकांग के घटनाक्रम पर अमेरिकी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री एवं वित्त मंत्री से सहयोगियों के साथ समन्वय स्थापित करने का आग्रह किया गया है. इसमें हांगकांग के लिये संयुक्त राष्ट्र में विशेष दूत नियुक्त करना भी शामिल है .
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कांग्रेस के सदस्य क्रिस पप्पास ने कहा, 'चीन सरकार को निश्चित रूप से मानवाधिकारों के इसके भयावह उल्लंघन के लिये जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिये.' चीन ने हांगकांग में मानवाधिकारों एवं आजादी के उल्लंधन से इनकार किया है.