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फाइजर, मॉडर्ना के टीके कोरोना के बी1617 वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी ! - विश्व स्वास्थ्य संगठन

अमेरिका में राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. फ्रांसिस कोलिन्स ने कहा है कि अमेरिका द्वारा स्वीकृत टीके कोरोना वायरस के बी1617 स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं, जिसके कारण भारत में संक्रमण फैल रहा है.

फ्रांसिस कोलिन्स
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Published : May 13, 2021, 10:42 AM IST

वॉशिंगटन : एक अध्ययन में कहा गया कि अमेरिका ने फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसे जिन कोविड-19 रोधी टीकों को मंजूरी दी है, वे भारत में मौजूद कोरोना वायरस के बी1617 स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं. भारत कोविड-19 के इस स्वरूप के कारण महामारी के सबसे बुरे दौर का सामना कर रहा है.

अमेरिका में राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. फ्रांसिस कोलिन्स ने कहा कि यह विश्लेषण कोविड-19 के स्वरूप और अमेरिका द्वारा स्वीकृत तीन प्रमुख टीकों के बारे में ताजा आंकड़ों पर आधारित है.

कोलिन्स ने मीडिया से कहा, आंकड़ें आ रहे हैं और यह उत्साहजनक बात है कि अमेरिका द्वारा स्वीकृत फाइजर, मॉडर्ना, जेएंडजे के टीके कोरोना के बी1617 नाम के स्वरूप के खिलाफ भी प्रभावी हैं.

यह भी पढ़ें- कोविड-19 को लेकर भारत ने बनाई गलत धारणा, समय से पहले हटाया लॉकडाउन : डॉ. फाउची

इस हफ्ते की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि भारत में पिछले साल पहली बार सामने आया कोरोना वायरस का बी1617 स्वरूप 44 देशों में पाया गया है और यह स्वरूप चिंताजनक है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बी1617 में संक्रमण फैलाने की दर अधिक है.

वॉशिंगटन : एक अध्ययन में कहा गया कि अमेरिका ने फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसे जिन कोविड-19 रोधी टीकों को मंजूरी दी है, वे भारत में मौजूद कोरोना वायरस के बी1617 स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं. भारत कोविड-19 के इस स्वरूप के कारण महामारी के सबसे बुरे दौर का सामना कर रहा है.

अमेरिका में राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. फ्रांसिस कोलिन्स ने कहा कि यह विश्लेषण कोविड-19 के स्वरूप और अमेरिका द्वारा स्वीकृत तीन प्रमुख टीकों के बारे में ताजा आंकड़ों पर आधारित है.

कोलिन्स ने मीडिया से कहा, आंकड़ें आ रहे हैं और यह उत्साहजनक बात है कि अमेरिका द्वारा स्वीकृत फाइजर, मॉडर्ना, जेएंडजे के टीके कोरोना के बी1617 नाम के स्वरूप के खिलाफ भी प्रभावी हैं.

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इस हफ्ते की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि भारत में पिछले साल पहली बार सामने आया कोरोना वायरस का बी1617 स्वरूप 44 देशों में पाया गया है और यह स्वरूप चिंताजनक है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बी1617 में संक्रमण फैलाने की दर अधिक है.

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