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चीन पर कड़ी नजर रख रहे नाटो सहयोगी : अमेरिकी दूत

अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि बैली हचिसन ने मीडिया से कहा है कि कि नाटो सहयोगी इस पर नजर रख रहे हैं और इस बात का आकलन कर रहे हैं कि चीन क्या कर रहा है.

बैली हचिसन
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Published : Jun 18, 2020, 8:10 PM IST

वॉशिंगटन : उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में अमेरिका की एक शीर्ष दूत ने कहा है कि चीन अपने कदमों के कारण नाटो की रडार पर इतना पहले कभी नहीं रहा, जितना इस समय है.

नाटो में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि बैली हचिसन ने यहां डिजिटल बैठक में संवाददाताओं से कहा, 'चीन एक शांतिपूर्ण साझीदार, एक अच्छा व्यापार सहयोगी हो सकता था, लेकिन वह इस समय ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है. मुझे लगता है कि नाटो सहयोगी इस पर नजर रख रहे हैं और इस बात का आकलन कर रहे हैं कि चीन क्या कर रहा है.'

हचिसन ने ताइवान, जापान और भारत के खिलाफ चीन के आक्रामक एवं उकसाने वाले कदमों पर कहा, 'वह हमारी रडार पर है और मुझे लगता है कि ऐसा होना चाहिए क्योंकि हमें जोखिम का आकलन करना चाहिए. हमें सबसे अच्छा होने की उम्मीद करनी चाहिए, लेकिन सबसे खराब के लिए तैयार रहना चाहिए.'

यह पूछे जाने पर कि क्या वास्तविक सैन्य संघर्ष का खतरा निकट है, उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि नाटो इस मामले में अब पूर्व की ओर देख रहा है.'

हचिसन ने 5जी नेटवर्क के बारे में कहा, 'हम हमारे संचार को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं और देख रहे हैं कि हमारे कुछ चीनी प्रतिद्वंद्वी संचार प्रदाताओं द्वारा तैयार किए गए संविदात्मक दायित्वों को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हैं. 'बेल्ट एवं रोड' पहल समेत यह सभी चीजों हमारे सहयोगियों के बीच इस बात को लेकर चिंता पैदा कर रही हैं कि चीन का इरादा क्या है.

पढ़ें - चीन ने गीदड़ भभकी दे भारतीय सैनिकों पर मढ़ी 'सीमा संघर्ष' की तोहमत

उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट है कि वह चीन को वैश्विक व्यवस्था में साझीदार बनाना चाहता है और यह ज्ञात है कि चीन ने बौद्धिक संपदा की चोरी की है और विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं विश्व की अदालतों द्वारा तय शुल्कों एवं सब्सिडी का उल्लंघन किया है.

वॉशिंगटन : उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में अमेरिका की एक शीर्ष दूत ने कहा है कि चीन अपने कदमों के कारण नाटो की रडार पर इतना पहले कभी नहीं रहा, जितना इस समय है.

नाटो में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि बैली हचिसन ने यहां डिजिटल बैठक में संवाददाताओं से कहा, 'चीन एक शांतिपूर्ण साझीदार, एक अच्छा व्यापार सहयोगी हो सकता था, लेकिन वह इस समय ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है. मुझे लगता है कि नाटो सहयोगी इस पर नजर रख रहे हैं और इस बात का आकलन कर रहे हैं कि चीन क्या कर रहा है.'

हचिसन ने ताइवान, जापान और भारत के खिलाफ चीन के आक्रामक एवं उकसाने वाले कदमों पर कहा, 'वह हमारी रडार पर है और मुझे लगता है कि ऐसा होना चाहिए क्योंकि हमें जोखिम का आकलन करना चाहिए. हमें सबसे अच्छा होने की उम्मीद करनी चाहिए, लेकिन सबसे खराब के लिए तैयार रहना चाहिए.'

यह पूछे जाने पर कि क्या वास्तविक सैन्य संघर्ष का खतरा निकट है, उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि नाटो इस मामले में अब पूर्व की ओर देख रहा है.'

हचिसन ने 5जी नेटवर्क के बारे में कहा, 'हम हमारे संचार को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं और देख रहे हैं कि हमारे कुछ चीनी प्रतिद्वंद्वी संचार प्रदाताओं द्वारा तैयार किए गए संविदात्मक दायित्वों को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हैं. 'बेल्ट एवं रोड' पहल समेत यह सभी चीजों हमारे सहयोगियों के बीच इस बात को लेकर चिंता पैदा कर रही हैं कि चीन का इरादा क्या है.

पढ़ें - चीन ने गीदड़ भभकी दे भारतीय सैनिकों पर मढ़ी 'सीमा संघर्ष' की तोहमत

उन्होंने कहा कि अमेरिका इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट है कि वह चीन को वैश्विक व्यवस्था में साझीदार बनाना चाहता है और यह ज्ञात है कि चीन ने बौद्धिक संपदा की चोरी की है और विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं विश्व की अदालतों द्वारा तय शुल्कों एवं सब्सिडी का उल्लंघन किया है.

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