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संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ, महासचिव बोले- सादगी के साथ मनाएंगे

कोविड-19 महामारी की वजह से संयुक्त राष्ट्र अपनी 75वीं वर्षगांठ सादगी से मनाएगा. गुतारेस ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर दस्तखत होने की याद में आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में कहा कि वैश्विक दबाव बढ़ रहा है और आज की हकीकत हमेशा की तरह डराने वाली है.

एंतोनियो गुतारेस
एंतोनियो गुतारेस
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Published : Jun 27, 2020, 10:30 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : कोविड-19 महामारी की वजह से संयुक्त राष्ट्र अपनी 75वीं वर्षगांठ सादगी से मनाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 के अलावा गरीबी, असमानता, भेदभाव और खत्म न होने वाले युद्धों के साथ ही काफी गहरे तक बंट चुकी दुनिया को संभालने की चुनौती से भी इस विश्व निकाय को निपटना है.

गुतारेस ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर दस्तखत होने की याद में आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में कहा, 'वैश्विक दबाव बढ़ रहा है' और 'आज की हकीकत हमेशा की तरह डराने वाली है.'

उन्होंने कहा कि लोगों का राजनीतिक प्रतिष्ठानों में विश्वास खत्म होता जा रहा है. उन्होंने बहुपक्षवाद को चुनौती देने वाले लोकप्रियवाद का जिक्र करते हुए विदेशी लोगों को पसंद न करने, नस्लवाद और असहिष्णुता की निंदा की.

उन्होंने वीडियो के जरिए अपने संबोधन में कहा, 'नस्लवाद के खिलाफ आज के मार्च में असमानता, भेदभाव, भ्रष्टाचार और अवसरों की कमी को लेकर व्यापक विरोध दुनियाभर में पहले से था. इस शिकायत को निस्तारित किया जाना अभी बाकी है, जिनमें नए सामाजिक संपर्क भी शामिल हैं.'

पढ़ें - भारत-चीन सीमा विवाद पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव का आग्रह-अधिकतम संयम बरतें

गुतारेस ने कहा, 'इस बीच, एक और मूलभूत कमजोरी बढ़ी है, जलवायु संकट, पर्यावरण का क्षरण, साइबल हमला, परमाणु प्रसार, मानवाधिकारों को दबाना और एक और महामारी का खतरा.'

उन्होंने वैश्विक सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया.

संयुक्त राष्ट्र : कोविड-19 महामारी की वजह से संयुक्त राष्ट्र अपनी 75वीं वर्षगांठ सादगी से मनाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 के अलावा गरीबी, असमानता, भेदभाव और खत्म न होने वाले युद्धों के साथ ही काफी गहरे तक बंट चुकी दुनिया को संभालने की चुनौती से भी इस विश्व निकाय को निपटना है.

गुतारेस ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर दस्तखत होने की याद में आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में कहा, 'वैश्विक दबाव बढ़ रहा है' और 'आज की हकीकत हमेशा की तरह डराने वाली है.'

उन्होंने कहा कि लोगों का राजनीतिक प्रतिष्ठानों में विश्वास खत्म होता जा रहा है. उन्होंने बहुपक्षवाद को चुनौती देने वाले लोकप्रियवाद का जिक्र करते हुए विदेशी लोगों को पसंद न करने, नस्लवाद और असहिष्णुता की निंदा की.

उन्होंने वीडियो के जरिए अपने संबोधन में कहा, 'नस्लवाद के खिलाफ आज के मार्च में असमानता, भेदभाव, भ्रष्टाचार और अवसरों की कमी को लेकर व्यापक विरोध दुनियाभर में पहले से था. इस शिकायत को निस्तारित किया जाना अभी बाकी है, जिनमें नए सामाजिक संपर्क भी शामिल हैं.'

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गुतारेस ने कहा, 'इस बीच, एक और मूलभूत कमजोरी बढ़ी है, जलवायु संकट, पर्यावरण का क्षरण, साइबल हमला, परमाणु प्रसार, मानवाधिकारों को दबाना और एक और महामारी का खतरा.'

उन्होंने वैश्विक सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया.

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