न्यूयार्क : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सभी विदेशी लड़ाकों से अपील की है कि वे पिछले साल 23 अक्टूबर को हुए संघर्ष विराम समझौते के अनुसार लीबिया छोड़कर चले जाएं. तेल समृद्ध इस उत्तरी अफ्रीकी देश में वर्षों के संघर्ष के बाद प्रतिद्वंद्वी पक्षों ने संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार और सैन्य बलों के कमांडर खलीफा हफ्तार से अपील की है कि वे इस संघर्ष के राजनीतिक समाधान का अपना संकल्प बरकरार रखें. ताकि यहां के आर्थिक मुद्दों और मानवीय संकट को दूर किया जा सके. संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार राजधानी त्रिपोली में सत्ता संभालती है, जबकि हफ्तार के पास देश का पूर्व और दक्षिण इलाका है.
इस साल होंगे संसदीय चुनाव
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में गुतारेस ने लीबियन पॉलिटकिल डायलॉग फॉरम की ओर से अंगीकार किए गए खाके का स्वागत किया. इसमें देश के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य के 75 प्रतिनिधि शामिल हैं. देश में इस साल 24 दिसंबर को राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव आयोजित होंगे.
लीबिया में 2011 में नाटो नीत विद्रोह ने तानाशाह मुअम्मार गद्दाफी को सत्ता से उतार दिया था और बाद में वे मारे गए थे. इसके बाद से लीबिया पूर्व और पश्चिम के प्रतिद्वंद्वी पक्षों के बीच बंट गया और दोनों को ही मिलिशिया और विदेशी ताकतों का समर्थन हासिल है. तुर्की त्रिपोली सरकार को संरक्षण दे रही है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात, रूस, मिस्र हफ्तार का समर्थन कर रहे हैं.
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गुतारेस ने दोनों पक्षों का समर्थन कर रहे देशों और वृहद अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे 'बिना देरी के' संघर्ष विराम समझौता लागू करने का समर्थन करें.