न्यूयॉर्कः संयुक्त राष्ट्र के शिखर सम्मेलन के दौरान 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग के भाषण से दुनिया भर में हड़कंप मच गया. इसके बाद स्पीच का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया. इसी को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लड़की के भाषण का मजाक उड़ाया.
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She seems like a very happy young girl looking forward to a bright and wonderful future. So nice to see! https://t.co/1tQG6QcVKO
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गौरतलब है कि अपने भावुक भाषण में दुनिया भर के नेताओं को लताड़ लगाई है. उसने नेताओं पर क्लाइमेट एक्शन पर कार्रवाई न करके अपनी पीढ़ी को धोखा देने का आरोप लगाया है.
ग्रेटा थुनबर्ग ने चार बार 'तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई' शब्दों को दोहराया.
भावुक भाषण से नेताओं को फटकारा
ग्रेटा ने कहा, आपने अपने खोखले शब्दों से हमारा बचपन, हमारे सपने छीने. हालांकि मैं अब भी भाग्यशाली हूं. लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा इको सिस्टम बर्बाद हो रहा है.
ट्रंप ने किया ट्वीट
इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने बच्ची के भाषण के कुछ घंटों के बाद उसकी स्पीच की एक क्लिप के साथ ट्वीट भी किया.
ट्रंप ने ट्वीट में लिखा, वह बेहद खुशहाल युवा लड़की नजर आ रही है, जो उज्जवल और अद्भुत भविष्य की तलाश में है, देख कर अच्छा लगा.
एस्पर्गर सिंड्रोम से ग्रस्त बच्ची
16 साल की ट्रोल हुई यह बच्ची एस्पर्गर सिंड्रोम से ग्रस्त है.
पढ़ेंः पर्यावरण बचाने के लिए लड़ रही हैं स्वीडन की ग्रेटा थुनबर्ग, भारत में भी समर्थन
बच्ची के भाषण के बाद तकरीबन 16,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं सामने आई इनमें से अत्यधिक लोग राष्ट्रपति पर हमला कर रहे थे.
ट्रोलर्स ने जताई नाराजगी
एक यूजर ने लिखा, एक मासूम लड़की पर डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया बेहद ही बेहुदा है.
बता दें कि थनबर्ग जलवायु निष्क्रियता के खिलाफ बढ़ते युवा आंदोलन का एक चेहरा बन गई हैं. जिसने शुक्रवार को प्रदर्शन कर रहे लाखों लोगों को अपने भाषण से एकजुट किया.
अगस्त 2018 में उसका संघर्ष मौन रूप से शुरु हुआ था, जब उसने तीन हफ्तों के लिए स्कूल छोड़ दिया था.
स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट
शुक्रवार को स्वीडन की संसद के बाहर स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट में अपना पूरा दिन बिताया.
आपको बता दें कि न्यूयॉर्क में होने वाली क्लाइमेट समिट के लिए अगस्त में ग्रेटा ने सेलबोट में दो दिन की यात्रा कर अटलांटिक को पार किया.
हवाई यात्रा से किया था इंकार
गौरतलब है कि ग्रेटा ने हवाई जहाज से होने वाले कार्बन उत्सर्जन के चलते हवाई यात्रा करने से इंकार कर दिया था.