वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 से पहले कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. कोरोना मामलों में वृद्धि होने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सरकार के उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं. ट्रंप, जहां परिस्थितियों के सामान्य होने की वकालत कर रहे हैं वहीं, स्वास्थ्य अधिकारी लगातार जनता को संक्रमण के प्रति सचेत रहने के लिए कह रहे हैं.
लोक स्वास्थ्य पर आए संकट के समय अमूमन ऐसा देखने को नहीं मिलता और अक्सर नेता, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सुझावों को जनता को समझाते हुए दिखाई पड़ते हैं. 'ट्रस्ट फॉर अमेरिका हेल्थ' नामक निष्पक्ष संगठन के अध्यक्ष जॉन ऑयरबाक का कहना है कि एकसाथ विपरीत संदेश दिया जाना बेहद असामान्य बात है. ह्वाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टॉफ मार्क मेडोज ने पिछले रविवार को कहा था कि 'हम महामारी को नियंत्रित करने नहीं जा रहे हैं.
कोरोना वायरस से बचने की अपील की
इसके बाद से राष्ट्रपति और स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच खाई और गहराती जा रही है. स्वास्थ्य एवं मानव सेवा के सहायक सचिव एडमिरल ब्रेट गिरोयर ने अपने कई इंटरव्यू में चेताया है कि देश की स्थिति कोई भी करवट ले सकती है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोग एकदूसरे से दूरी बनाकर, मास्क लगाकर और हाथ धोकर वायरस के प्रसार को नियंत्रित कर सकते हैं.
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जागरूकता फैलाने के लिए की राज्यों की यात्रा
ह्वाइट हाउस में कोरोना वायरस महामारी के लिए सलाहकार के तौर पर नियुक्त डॉ. डेबोराह बर्क्स ने जागरूकता फैलाने के लिए राज्यों की यात्रा की है. इस दौरान उन्होंने नार्थ डकोटा के बिस्मार्क ने कहा कि मास्क लगाने के प्रति इतनी लापरवाही उन्होंने कहीं और नहीं देखी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि आप नहीं जानते कि कौन संक्रमित है और आपको यह भी नहीं पता कि आप भी संक्रमित हो सकते हैं. राज्य में संक्रमण के मामलों की पुष्टि होने की दर 11 प्रतिशत है. जिससे व्यापक स्तर पर संक्रमण के प्रसार का पता चलता है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप मास्क लगाने के प्रति गंभीरता प्रदर्शित नहीं करते और यह कहते हैं कि अमेरिका में महामारी से उपजी स्थिति में सुधार हो रहा है.