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वैश्विक महामारी के बीच कनाडा में कराए जा रहे हैं आम चुनाव, पीएम ट्रूडो पर पड़ सकता है भारी

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में बहुमत हासिल करने के लिए मध्यावधि चुनाव कराने का जुआ खेला. लेकिन सोमवार को हो रहे चुनाव में उनपर सत्ता से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि चुनाव पूर्व सर्वेक्षण संकेत देते हैं कि विपक्ष के सहयोग के बिना उनकी लिबरल पार्टी का सत्ता में आना मुश्किल है. पढ़ें पूरी खबर...

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
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Published : Sep 20, 2021, 7:36 PM IST

टोरंटो : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में बहुमत हासिल करने के लिए मध्यावधि चुनाव कराने का जुआ खेला. लेकिन सोमवार को हो रहे चुनाव में उनपर सत्ता से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है.

विपक्ष के सहयोग बिना सत्ता में आना मुश्किल

चुनाव पूर्व सर्वेक्षण संकेत देते हैं कि ट्रूडो की लिबरल पार्टी और प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है. लिबरल पार्टी के संसद में अधिकतम सीट जीतने की संभावना है, लेकिन उसे बहुमत मिलने की उम्मीद कम है. ऐसे में विपक्ष के सहयोग के बगैर सत्ता में आना संभव नहीं होगा.

टोरंटो विश्वविद्यालय में कनाडाई इतिहास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर रॉबर्ट बोथवेल ने कहा, ट्रूडो ने स्थिति को पहचानने में मूर्खतापूर्ण भूल की है.

समयसीमा से पहले मध्यावधि चुनाव

ट्रूडो ने एक ऐसी स्थिर अल्पसंख्यक सरकार के साथ चुनाव में प्रवेश किया, जिस पर अपदस्थ होने का खतरा नहीं था. विपक्ष ने समय सीमा से दो साल पहले मध्यावधि चुनाव कराने को लेकर ट्रूडो पर लगातार निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी निजी महत्वाकांक्षा के लिए यह कदम उठाया.

पिता की लोकप्रियता पर जीता था चुनाव

ट्रूडो के सामने एक सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी, पूर्व वकील और नौ साल से सांसद एरिन ओ'टूले (47) की कड़ी चुनौती है. ट्रूडो ने 2015 में अपने पिता एवं दिवंगत प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए चुनाव जीता था, लेकिन उनसे अत्यधिक अपेक्षाओं, घोटालों और वैश्विक महामारी के बीच चुनाव कराने का पिछले महीने फैसला करने से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.

कोरोना काल के दौरान जनता ने किया था पुरस्कृत

ट्रूडो दुनिया के अधिकतर देशों की तुलना में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से बेहतर तरीके से निपटे और उन्हें भरोसा है कि कनाडा के लोग उन्हें इसके लिए पुरस्कृत करेंगे. सर्वाधिक लोगों के टीकाकरण के मामले में कनाडा शीर्ष पर है और ट्रूडो सरकार ने लॉकडाउन के बीच अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं.

ट्रूडो ने देश की जनता को चेताया कि उनके प्रतिद्वंद्वी महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करेंगे. उन्होंने कहा कि कनाडा के लोगों को ऐसी सरकार की जरुरत है जो विज्ञान पर भरोसा करे. उन्होंने मांट्रियल में रविवार को चुनाव प्रचार अभियान समाप्त करते हुए कहा, हमें कंजर्वेटिव सरकार की जरुरत नहीं है, जो टीकाकरण के क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर सकेगी और न ही विज्ञान के क्षेत्र में हमें उसकी जरुरत है.

कंजर्वेटिव नेताओं के 'टीकाकरण' को बनाया निशाना

कंजर्वेटिव नेता एरिन ओ'टूले ने यह बताने से साफ इनकार कर दिया था कि उनकी पार्टी के कितने उम्मीदवारों ने टीका नहीं लगवाया है और ट्रूडो कनाडा के लोगों को हर मौके पर इसकी याद दिलाते रहते हैं. ओ'टूले ने टीका लगवाने को उम्मीदवारों की स्वास्थ्य संबंधी निजी फैसला बताया, लेकिन देश में टीका लगवाने वालों की लगातार बढ़ रही संख्या की पृष्ठभूमि में टीका नहीं लगवाने वालों के प्रति आक्रोश भी बढ़ रहा है.

पढ़ें : कनाडा में 20 सितंबर को होंगे चुनाव : जस्टिन ट्रूडो

ट्रूडो हवाई और रेल यात्रा करने वाले कनाडावासियों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य बनाने के पक्ष में हैं लेकिन कंजर्वेटिव इसका विरोध करते हैं. ट्रूडो ने इंगित किया कि अल्ब्रेटा में कंजर्वेटिव प्रांतीय सरकार चला रहे हैं और वहां संकट की स्थिति है.

(एपी)

टोरंटो : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में बहुमत हासिल करने के लिए मध्यावधि चुनाव कराने का जुआ खेला. लेकिन सोमवार को हो रहे चुनाव में उनपर सत्ता से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है.

विपक्ष के सहयोग बिना सत्ता में आना मुश्किल

चुनाव पूर्व सर्वेक्षण संकेत देते हैं कि ट्रूडो की लिबरल पार्टी और प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है. लिबरल पार्टी के संसद में अधिकतम सीट जीतने की संभावना है, लेकिन उसे बहुमत मिलने की उम्मीद कम है. ऐसे में विपक्ष के सहयोग के बगैर सत्ता में आना संभव नहीं होगा.

टोरंटो विश्वविद्यालय में कनाडाई इतिहास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर रॉबर्ट बोथवेल ने कहा, ट्रूडो ने स्थिति को पहचानने में मूर्खतापूर्ण भूल की है.

समयसीमा से पहले मध्यावधि चुनाव

ट्रूडो ने एक ऐसी स्थिर अल्पसंख्यक सरकार के साथ चुनाव में प्रवेश किया, जिस पर अपदस्थ होने का खतरा नहीं था. विपक्ष ने समय सीमा से दो साल पहले मध्यावधि चुनाव कराने को लेकर ट्रूडो पर लगातार निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी निजी महत्वाकांक्षा के लिए यह कदम उठाया.

पिता की लोकप्रियता पर जीता था चुनाव

ट्रूडो के सामने एक सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी, पूर्व वकील और नौ साल से सांसद एरिन ओ'टूले (47) की कड़ी चुनौती है. ट्रूडो ने 2015 में अपने पिता एवं दिवंगत प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए चुनाव जीता था, लेकिन उनसे अत्यधिक अपेक्षाओं, घोटालों और वैश्विक महामारी के बीच चुनाव कराने का पिछले महीने फैसला करने से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.

कोरोना काल के दौरान जनता ने किया था पुरस्कृत

ट्रूडो दुनिया के अधिकतर देशों की तुलना में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से बेहतर तरीके से निपटे और उन्हें भरोसा है कि कनाडा के लोग उन्हें इसके लिए पुरस्कृत करेंगे. सर्वाधिक लोगों के टीकाकरण के मामले में कनाडा शीर्ष पर है और ट्रूडो सरकार ने लॉकडाउन के बीच अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं.

ट्रूडो ने देश की जनता को चेताया कि उनके प्रतिद्वंद्वी महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करेंगे. उन्होंने कहा कि कनाडा के लोगों को ऐसी सरकार की जरुरत है जो विज्ञान पर भरोसा करे. उन्होंने मांट्रियल में रविवार को चुनाव प्रचार अभियान समाप्त करते हुए कहा, हमें कंजर्वेटिव सरकार की जरुरत नहीं है, जो टीकाकरण के क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर सकेगी और न ही विज्ञान के क्षेत्र में हमें उसकी जरुरत है.

कंजर्वेटिव नेताओं के 'टीकाकरण' को बनाया निशाना

कंजर्वेटिव नेता एरिन ओ'टूले ने यह बताने से साफ इनकार कर दिया था कि उनकी पार्टी के कितने उम्मीदवारों ने टीका नहीं लगवाया है और ट्रूडो कनाडा के लोगों को हर मौके पर इसकी याद दिलाते रहते हैं. ओ'टूले ने टीका लगवाने को उम्मीदवारों की स्वास्थ्य संबंधी निजी फैसला बताया, लेकिन देश में टीका लगवाने वालों की लगातार बढ़ रही संख्या की पृष्ठभूमि में टीका नहीं लगवाने वालों के प्रति आक्रोश भी बढ़ रहा है.

पढ़ें : कनाडा में 20 सितंबर को होंगे चुनाव : जस्टिन ट्रूडो

ट्रूडो हवाई और रेल यात्रा करने वाले कनाडावासियों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य बनाने के पक्ष में हैं लेकिन कंजर्वेटिव इसका विरोध करते हैं. ट्रूडो ने इंगित किया कि अल्ब्रेटा में कंजर्वेटिव प्रांतीय सरकार चला रहे हैं और वहां संकट की स्थिति है.

(एपी)

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