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अंतिम प्रेसिडेंशियल डिबेट : जानिए किन मुद्दों पर आमने-सामने होंगे ट्रंप-बाइडेन

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Published : Oct 23, 2020, 5:40 AM IST

Updated : Oct 23, 2020, 5:50 AM IST

पिछले महीने हुई आधुनिक इतिहास की सबसे तीखी बहस के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन आज एक बार फिर मंच साझा करेंगे.

अंतिम बहस
अंतिम बहस

वॉशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन अमेरिका के टेनेसी में आज रात दूसरी और अंतिम बार बहस के लिए मंच साझा करेंगे. 90 मिनट चलने वाली यह बहस चुनाव के ठीक 12 दिन पहले आयोजित की जा रही है.

उनकी पहली बहस में बार-बार रुकावट देखने को मिली थी, जहां दोनों नेताओं को बातचीत के लिए छोड़ दिया गया था. बहस के दौरान बाइडेन ने राष्ट्रपति को चुप रहने के लिए कहा. कोशिश की जा रही है कि इस तरह की गलती न दोहराई जाए.

इससे बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद राष्ट्रपति पद के लिए होने वाली दूसरी वर्चुअल बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था. बहस में संभावित कुछ प्रमुख सवालों पर एक नजर-

क्या ट्रंप बदल पाएंगे चुनाव का रुख?

यथास्थिति की बहस ट्रंप के लिए लाभकारी नहीं होगी. राष्ट्रीय चुनाव में वह बाइडेन से हारते हुए दिखाई दे रहें हैं, जबकि कुछ राज्य में टक्कर का मुकाबला है, यहां तक कि ट्रंप के कुछ सहयोगी भी हार की संभावना को लेकर चिंतित हैं.

इस बहस में उनको सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाना होगा. यह बहस आखिरी मौके पर स्थिति को बदलने का अवसर साबित हो सकती है. लाखों अमेरिकियों की नजर इस बहस पर होगी.

राष्ट्रपति ने पिछले महीने बहस मके दौरान मिले मौके को उस समय बेकार कर दिया, जब उनके द्वारा किए गए सभी हमले विफल हो गए.

इसके अलावा ट्रंप ने एक और मौका उस समय गंवा दिया जब उन्होंने आयोजकों द्वारा तयशुदा दूसरी बहस में भाग लेने से इनकार कर दिया था.

फिलहाल ट्रंप को बहस पर ध्यान केंद्रित करने का एक तरीका खोजने की जरूरत है, लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें खुद अपना ध्यान का केंद्रित करना होगा. यह ऐसा कुछ नहीं, जो स्वाभाविक रूप से राष्ट्रपति के पास होता है.

ट्रंप और बाइडेन की अंतिम बहस
ट्रंप और बाइडेन की अंतिम बहस
म्यूट बटन चीजों को सभ्य बनाएगा?

बहस के दौरान म्यूट बटन ने ध्यान आकर्षित किया है, हालांकि इसका प्रभाव बहुत अधिक हो सकता है.

पहली बहस में ट्रंप की अविश्वसनीय रुकावटों को देखते हुए, प्रेसिडेंशियल डिबेट्स के आयोग ने गुरुवार को होनी वाली बहस के लिए एक नया नियम जोड़ा है, जिसके तहत जब एक उम्मीदवार डिबेट में शामिल छह मुद्दों में से किसी मुद्दे पर बोलेगा, तो दो मिनट तक दूसरा प्रत्याशी म्यूट रहेगा.

आयोग का कहना है कि बाकी 15 मिनट के ब्लॉक में बिना किसी म्यूटिंग के ओपन चर्चा होगी.

यह परिवर्तन सुनिश्चित करेगा कि उम्मीदवारों के पास बिना किसी हस्तक्षेप के सवालों के जवाब देने के लिए पर्याप्त समय मिले. हालांकि म्यूट बटन का उपयोग 90 मिनट की बहस के दौरान कुल मिलाकर 24 मिनट के लिए ही किया जा सकता है.

क्या ट्रंप के पास कोरोना महमारी को लेकर बहतर जवाब हैं?

वह चाहें या नहीं, राष्ट्रपति को कोरोना वायरस के बारे में बात करनी होगी और उन्हें एक बेहतर जवाब के साथ बहस करनी होगी, क्योंकि उन्होंने पहली बहस के दौरान मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश की थी कि स्थिति उनके नियंत्रण में है. हालांकि यह आसान नहीं होगा.

कोरोना वायरस संक्रमण अपने उच्चतम स्तर तक बढ़ रहे हैं. वायरस से 220,000 से अधिक अमेरिकी मारे गए हैं और विज्ञान पर आधारित प्रसार को रोकने के लिए एक व्यापक योजना पर काम करने के बजाय ट्रंप ने देश के सबसे सम्मानित संक्रामक-रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची पर हमला बोलते रहे. इतना ही नहीं मास्क पहनने के लिए अपने ही प्रशासन की सिफारिश को कमजोर करते हुए उन्होंने मास्क लगाने से इनकार कर दिया था.

पहली बहस में ट्रंप ने चीन पर आंशिक यात्रा प्रतिबंध लगाने के अपने महीनों पुराने फैसले को गिनाया. उन्होंने इस फैसले को इस सबूत के तौर पर पेश किया कि वह संक्रमण को रोकने के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं.

उन्हें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि वह जिन आंकड़ों का प्रयोग कर रहे है. वह प्रमाणिक हों, उन्हें बहतर तैयारी के साथ मैदान में आना होगा, ताकि अगर कोई उनसे इस सदी के सबसे घातक स्वास्थ्य संकट के बारे में पूछे, तो वह सरेंडर न करें.

बाइडेन किस तरह अपने बेटे के खिलाफ हमलों को कैसे संभालेंगे?

रूढ़िवादी मीडिया में ट्ंरप और उनके सहयोगियों ने हाल के दिनों में बाइडेन के बेटे हंटर पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. बाइडेन की टीम को उम्मीद है कि ट्रंप इन आरोपों पर अपनी बहस की रणनीति का केंद्र बिंदु बनाएंगे.

हंटर बाइडेन द्वारा नशीली दवाओं के उपयोग करने के आरोपों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है, जिसे राष्ट्रपति ने पहली बहस के दौरान एक मुद्दा बनाने की कोशिश की थी.

हालांकि, हटंर बाइडेन के काम को लेकर एक टैब्लॉइड रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद ट्रंप का मानना है कि इस समय उनके पास बाइडेन को रोकने के लिए अधिक हथियार हैं. यह रिपोर्ट हंटर के लैपटॉप से कथित रूप से बरामद किए गए डेटा पर आधारित है, हालांकि डेटा को सत्यापित नहीं किया गया है और यदि यह वैध है, तो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडेन की परेशानी बढ़ सकती है.

बाइडेन की टीम इस मुद्दे को बहुत अधिक दबाव वाला नहीं मानती. टीम का मानना है कि बाइडेन को महामारी को लेकर दबाव बनाना होगा, लेकिन गुरुवार रात को उन्हें निश्चित रूप से अपना और अपने परिवार का फिर से बचाव करना होगा.

बाइडेन खुद के सबसे बड़े दुश्मन हो सकते हैं.

77 वर्षीय बाइडेन के खिलाफ हमले बोलने के लिए ट्रंप संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन बाइडेन का गलती करने का इतिहास रहा है, जिसपर वर्षों से रिपब्लिकन चुटकुले बनाते आए हैं.

74 वर्षीय ट्रंप और उनके सहयोगियों ने आखिर तक बाइडेन के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाते हुए साल का अधिकांश समय बिताया, जबकि बाइडेन ने पहली बहस में एक ठोस प्रदर्शन करने के साथ-साथ सभी सवालों के जवाब दिए.

बाइडेन को मंच पर किसी भी शर्मनाक स्थिति से बचने की जरूरत है, ताकि रिपब्लिकन को वापसी का कोई मौका न मिल सके.

बाइडेन निश्चित रूप से तैयार होंगे. उन्होंने पिछले पांच दिनों में से चार को बिना किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के बिताए हैं, ताकि वह बहस पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें.

बाइडेन का इतिहास पहले भी खुद को नुकसान पहुंचाने का रहा है. ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि वह ट्रंप की मदद के बिना ही अपने अभियान को हानि पहुंचा सकते हैं.

पहली बहस में ट्रंप के कमजोर प्रदर्शन के बाद बाइडेन से उम्मीदें और बढ़ गई है, जो उनकी लिए दिक्कतें पैदा कर सकता है.

वॉशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन अमेरिका के टेनेसी में आज रात दूसरी और अंतिम बार बहस के लिए मंच साझा करेंगे. 90 मिनट चलने वाली यह बहस चुनाव के ठीक 12 दिन पहले आयोजित की जा रही है.

उनकी पहली बहस में बार-बार रुकावट देखने को मिली थी, जहां दोनों नेताओं को बातचीत के लिए छोड़ दिया गया था. बहस के दौरान बाइडेन ने राष्ट्रपति को चुप रहने के लिए कहा. कोशिश की जा रही है कि इस तरह की गलती न दोहराई जाए.

इससे बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद राष्ट्रपति पद के लिए होने वाली दूसरी वर्चुअल बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था. बहस में संभावित कुछ प्रमुख सवालों पर एक नजर-

क्या ट्रंप बदल पाएंगे चुनाव का रुख?

यथास्थिति की बहस ट्रंप के लिए लाभकारी नहीं होगी. राष्ट्रीय चुनाव में वह बाइडेन से हारते हुए दिखाई दे रहें हैं, जबकि कुछ राज्य में टक्कर का मुकाबला है, यहां तक कि ट्रंप के कुछ सहयोगी भी हार की संभावना को लेकर चिंतित हैं.

इस बहस में उनको सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाना होगा. यह बहस आखिरी मौके पर स्थिति को बदलने का अवसर साबित हो सकती है. लाखों अमेरिकियों की नजर इस बहस पर होगी.

राष्ट्रपति ने पिछले महीने बहस मके दौरान मिले मौके को उस समय बेकार कर दिया, जब उनके द्वारा किए गए सभी हमले विफल हो गए.

इसके अलावा ट्रंप ने एक और मौका उस समय गंवा दिया जब उन्होंने आयोजकों द्वारा तयशुदा दूसरी बहस में भाग लेने से इनकार कर दिया था.

फिलहाल ट्रंप को बहस पर ध्यान केंद्रित करने का एक तरीका खोजने की जरूरत है, लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें खुद अपना ध्यान का केंद्रित करना होगा. यह ऐसा कुछ नहीं, जो स्वाभाविक रूप से राष्ट्रपति के पास होता है.

ट्रंप और बाइडेन की अंतिम बहस
ट्रंप और बाइडेन की अंतिम बहस
म्यूट बटन चीजों को सभ्य बनाएगा?

बहस के दौरान म्यूट बटन ने ध्यान आकर्षित किया है, हालांकि इसका प्रभाव बहुत अधिक हो सकता है.

पहली बहस में ट्रंप की अविश्वसनीय रुकावटों को देखते हुए, प्रेसिडेंशियल डिबेट्स के आयोग ने गुरुवार को होनी वाली बहस के लिए एक नया नियम जोड़ा है, जिसके तहत जब एक उम्मीदवार डिबेट में शामिल छह मुद्दों में से किसी मुद्दे पर बोलेगा, तो दो मिनट तक दूसरा प्रत्याशी म्यूट रहेगा.

आयोग का कहना है कि बाकी 15 मिनट के ब्लॉक में बिना किसी म्यूटिंग के ओपन चर्चा होगी.

यह परिवर्तन सुनिश्चित करेगा कि उम्मीदवारों के पास बिना किसी हस्तक्षेप के सवालों के जवाब देने के लिए पर्याप्त समय मिले. हालांकि म्यूट बटन का उपयोग 90 मिनट की बहस के दौरान कुल मिलाकर 24 मिनट के लिए ही किया जा सकता है.

क्या ट्रंप के पास कोरोना महमारी को लेकर बहतर जवाब हैं?

वह चाहें या नहीं, राष्ट्रपति को कोरोना वायरस के बारे में बात करनी होगी और उन्हें एक बेहतर जवाब के साथ बहस करनी होगी, क्योंकि उन्होंने पहली बहस के दौरान मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश की थी कि स्थिति उनके नियंत्रण में है. हालांकि यह आसान नहीं होगा.

कोरोना वायरस संक्रमण अपने उच्चतम स्तर तक बढ़ रहे हैं. वायरस से 220,000 से अधिक अमेरिकी मारे गए हैं और विज्ञान पर आधारित प्रसार को रोकने के लिए एक व्यापक योजना पर काम करने के बजाय ट्रंप ने देश के सबसे सम्मानित संक्रामक-रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची पर हमला बोलते रहे. इतना ही नहीं मास्क पहनने के लिए अपने ही प्रशासन की सिफारिश को कमजोर करते हुए उन्होंने मास्क लगाने से इनकार कर दिया था.

पहली बहस में ट्रंप ने चीन पर आंशिक यात्रा प्रतिबंध लगाने के अपने महीनों पुराने फैसले को गिनाया. उन्होंने इस फैसले को इस सबूत के तौर पर पेश किया कि वह संक्रमण को रोकने के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं.

उन्हें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि वह जिन आंकड़ों का प्रयोग कर रहे है. वह प्रमाणिक हों, उन्हें बहतर तैयारी के साथ मैदान में आना होगा, ताकि अगर कोई उनसे इस सदी के सबसे घातक स्वास्थ्य संकट के बारे में पूछे, तो वह सरेंडर न करें.

बाइडेन किस तरह अपने बेटे के खिलाफ हमलों को कैसे संभालेंगे?

रूढ़िवादी मीडिया में ट्ंरप और उनके सहयोगियों ने हाल के दिनों में बाइडेन के बेटे हंटर पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. बाइडेन की टीम को उम्मीद है कि ट्रंप इन आरोपों पर अपनी बहस की रणनीति का केंद्र बिंदु बनाएंगे.

हंटर बाइडेन द्वारा नशीली दवाओं के उपयोग करने के आरोपों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है, जिसे राष्ट्रपति ने पहली बहस के दौरान एक मुद्दा बनाने की कोशिश की थी.

हालांकि, हटंर बाइडेन के काम को लेकर एक टैब्लॉइड रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद ट्रंप का मानना है कि इस समय उनके पास बाइडेन को रोकने के लिए अधिक हथियार हैं. यह रिपोर्ट हंटर के लैपटॉप से कथित रूप से बरामद किए गए डेटा पर आधारित है, हालांकि डेटा को सत्यापित नहीं किया गया है और यदि यह वैध है, तो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडेन की परेशानी बढ़ सकती है.

बाइडेन की टीम इस मुद्दे को बहुत अधिक दबाव वाला नहीं मानती. टीम का मानना है कि बाइडेन को महामारी को लेकर दबाव बनाना होगा, लेकिन गुरुवार रात को उन्हें निश्चित रूप से अपना और अपने परिवार का फिर से बचाव करना होगा.

बाइडेन खुद के सबसे बड़े दुश्मन हो सकते हैं.

77 वर्षीय बाइडेन के खिलाफ हमले बोलने के लिए ट्रंप संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन बाइडेन का गलती करने का इतिहास रहा है, जिसपर वर्षों से रिपब्लिकन चुटकुले बनाते आए हैं.

74 वर्षीय ट्रंप और उनके सहयोगियों ने आखिर तक बाइडेन के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाते हुए साल का अधिकांश समय बिताया, जबकि बाइडेन ने पहली बहस में एक ठोस प्रदर्शन करने के साथ-साथ सभी सवालों के जवाब दिए.

बाइडेन को मंच पर किसी भी शर्मनाक स्थिति से बचने की जरूरत है, ताकि रिपब्लिकन को वापसी का कोई मौका न मिल सके.

बाइडेन निश्चित रूप से तैयार होंगे. उन्होंने पिछले पांच दिनों में से चार को बिना किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के बिताए हैं, ताकि वह बहस पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें.

बाइडेन का इतिहास पहले भी खुद को नुकसान पहुंचाने का रहा है. ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि वह ट्रंप की मदद के बिना ही अपने अभियान को हानि पहुंचा सकते हैं.

पहली बहस में ट्रंप के कमजोर प्रदर्शन के बाद बाइडेन से उम्मीदें और बढ़ गई है, जो उनकी लिए दिक्कतें पैदा कर सकता है.

Last Updated : Oct 23, 2020, 5:50 AM IST
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