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भारत-अमेरिका के बीच सहयोग की अभी सबसे अधिक जरूरत : राजदूत तरणजीत सिंह संधू - राजदूत तरणजीत सिंह संधू अमेरिका संबंध पर

भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों के साथ गुरुवार को हुए ऑनलाइन संवाद में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता को दर्शाया है. जानें विस्तार से...

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राजदूत तरणजीत सिंह संधू (फाइल फोटो)
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Published : May 15, 2020, 9:11 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता को दर्शाया है.

संधू ने प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों के साथ गुरुवार को हुए ऑनलाइन संवाद में कहा, 'कोविड-19 ने हमें पहले से कहीं अधिक सहयोग की जरूरत महसूस कराई है. हमारे प्रधानमंत्री ने चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक समन्वित प्रतिक्रिया पर जोर दिया है, जबकि हम इस संकट का सामना करने के लिए घरेलू क्षमताओं को भी मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं.'

राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की अमेरिका के साथ पुरानी साझेदारी है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के अनुसंधान एवं नवोन्मेष संस्थान पुराने एवं संक्रामक रोगों को समझने तथा उनके इलाज एवं निदान के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने तपेदिक, कैंसर, एचआईवी और नेत्र रोग जैसी बीमरियों से निपटने और पर्यावरणीय स्वास्थ्य अनुसंधान में निकटता से साथ मिलकर काम किया है.

भारत में वर्तमान में एनआईएच के वित्तपोषण से करीब 200 परियोजनाएं चल रही हैं जिनमें एनआईएच के 20 संस्थान और भारत के कई प्रमुख संस्थान शामिल हैं.

संधू ने कहा, 'विकास में हमारे सहयोग का हालिया सफल उदाहरण रोटा वायरस के खिलाफ विकसित किया गया टीका रोटोवैक है. ऐसे सहयोग कोविड-19 के खिलाफ जंग में अहम होंगे.'

उन्होंने कहा, 'प्रकोप फैलने के शुरुआती दिनों से, हमारे वैज्ञानिक एवं संस्थान सूचनाएं साझा करने में सक्रिय हैं. जहां दोनों देश घरेलू स्तर पर भी इस बीमारी से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं एनआईएच और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने बीमारी को समझने के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी के जरिए सहयोगपूर्ण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण को समर्थन देने की घोषणा की है.'

उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निधि ने ऐसे प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं जो वैज्ञानिकों को संयुक्त अनुसंधान और नयी प्रौद्योगिकियों एवं उपकरणों के विकास और सुरक्षा एवं पहुंच मजबूत करने की दिशा में काम करने में सहयोग करेगी तथा कोविड-19 से लड़ने के लिए सरकारी-निजी ऑनलाइन नेटवर्कों को भी समर्थन देगी.

संधू ने कहा कि भारतीय दवा कंपनियां किफायती दवाएं एवं टीके उपलब्ध कराने के मामले में विश्व में अग्रणी हैं और वे इस संकट के खिलाफ जंग में भी महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएंगी.

वाशिंगटन : अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता को दर्शाया है.

संधू ने प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों के साथ गुरुवार को हुए ऑनलाइन संवाद में कहा, 'कोविड-19 ने हमें पहले से कहीं अधिक सहयोग की जरूरत महसूस कराई है. हमारे प्रधानमंत्री ने चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक समन्वित प्रतिक्रिया पर जोर दिया है, जबकि हम इस संकट का सामना करने के लिए घरेलू क्षमताओं को भी मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं.'

राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की अमेरिका के साथ पुरानी साझेदारी है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के अनुसंधान एवं नवोन्मेष संस्थान पुराने एवं संक्रामक रोगों को समझने तथा उनके इलाज एवं निदान के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने तपेदिक, कैंसर, एचआईवी और नेत्र रोग जैसी बीमरियों से निपटने और पर्यावरणीय स्वास्थ्य अनुसंधान में निकटता से साथ मिलकर काम किया है.

भारत में वर्तमान में एनआईएच के वित्तपोषण से करीब 200 परियोजनाएं चल रही हैं जिनमें एनआईएच के 20 संस्थान और भारत के कई प्रमुख संस्थान शामिल हैं.

संधू ने कहा, 'विकास में हमारे सहयोग का हालिया सफल उदाहरण रोटा वायरस के खिलाफ विकसित किया गया टीका रोटोवैक है. ऐसे सहयोग कोविड-19 के खिलाफ जंग में अहम होंगे.'

उन्होंने कहा, 'प्रकोप फैलने के शुरुआती दिनों से, हमारे वैज्ञानिक एवं संस्थान सूचनाएं साझा करने में सक्रिय हैं. जहां दोनों देश घरेलू स्तर पर भी इस बीमारी से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं एनआईएच और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने बीमारी को समझने के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी के जरिए सहयोगपूर्ण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण को समर्थन देने की घोषणा की है.'

उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निधि ने ऐसे प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं जो वैज्ञानिकों को संयुक्त अनुसंधान और नयी प्रौद्योगिकियों एवं उपकरणों के विकास और सुरक्षा एवं पहुंच मजबूत करने की दिशा में काम करने में सहयोग करेगी तथा कोविड-19 से लड़ने के लिए सरकारी-निजी ऑनलाइन नेटवर्कों को भी समर्थन देगी.

संधू ने कहा कि भारतीय दवा कंपनियां किफायती दवाएं एवं टीके उपलब्ध कराने के मामले में विश्व में अग्रणी हैं और वे इस संकट के खिलाफ जंग में भी महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएंगी.

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