वाशिंगटन : वैश्विक पर्यावरण संगठन 'इकोसिख' (Ecosikh) ने स्कॉटलैंड स्थित ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP 26) से पहले इस मुद्दे पर विभिन्न धर्मों के नेताओं की एक प्रमुख प्रार्थना सभा में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व किया. जलवायु आपात स्थिति के मुद्दे पर जोर देने के लिए अमेरिकी विदेशी विभाग (US Department of Foreign Affairs) के बाहर विभिन्न धर्मों के नेता जमा हुए थे.
समूह ने एक बयान में कहा कि पोप फ्रांसिस द्वारा आयोजित 'धर्म और विज्ञान' सम्मेलन के बाद एक रैली आयोजित की गई, जिसमें धार्मिक नेताओं ने संयुक्त तौर पर दुनिया भर के नेताओं से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने की अपील की. जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रपति जो बाइडन (President Joe Biden) के विशेष दूत जॉन केरी के वरिष्ठ सलाहकार जेसे यंग को धार्मिक नेताओं के बयान की प्रति दी गई.
बयान में कहा गया कि पृथ्वी अभूतपूर्व पारिस्थितिक संकट का सामना कर रही है. ऐसे में ग्लासगो में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच आयोजित हो रहा COP 26 सम्मेलन आशा की आखिरी किरण है. इकोसिख समूह के अध्यक्ष रजवंत सिंह ने कहा कि इस मौजूदा संकट के खिलाफ खड़े होने की जिम्मेदारी हम पर है. यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि हमारे नेता मानवता के लिए बेहतरीन कदम उठाएं.
सिंह अपील पर हस्ताक्षर करने वाले चार अमेरिकी लोगों में से एक हैं. यंग ने कहा कि धर्म इस प्रक्रिया में वास्तविक आवाज उठाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी है.
उन्होंने कहा कि सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए हमें आपकी जरूरत है. जब हम पीछे रह जाएं तो आप हमें जिम्मेदार ठहराएं. हमें आपकी मुखर आवाज की जरूरत है. हमें आपके समुदायों की जरूरत है. राष्ट्रीय प्राकृतिक विरासत और ईश्वर की रचना को संरक्षित करने के लिए हमें आपके काम की जरूरत है.
(पीटीआई-भाषा)