संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता प्रमुख ने कहा है कि रोहिंग्या की समस्या के समाधान की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है. जिनकी वजह से पश्चिम म्यामांर के रेखाइन प्रांत से सात लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमान भागकर बांग्लादेश गए हैं.
हाल में बांग्लादेश से लौटे संयुक्त राष्ट्र राहत प्रमुख मार्क लोकॉक ने कहा कि म्यामांर 'विश्वास पैदा करने के उन कदमों को उठाने में नाकाम रहा है, जिनसे लोगों को यह यकीन हो सके कि वापस जाना सुरक्षित होगा.
उन्होंने कहा कि, उन्होंने जितने शरणार्थियों से बात की, उन सभी को यही लगता है कि वापस जाना सुरक्षित नही है. वे कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता और शिक्षा, रोजगार एवं सेवाओं जैसी चीजों के प्रति आश्वस्त होना चाहते हैं.
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लोकॉक ने कहा कि बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए 96 करोड़ 20 लाख डॉलर की मदद के बाद भी केवल 17 प्रतिशत आर्थिक मदद ही मिल पाई है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि विश्व की इसमें रुचि संभवत कम हो रही है.'