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अमेरिका में संभवत: दिसंबर में ही दस्तक दे चुका था कोरोना वायरस संक्रमण: अध्ययन - अमेरिका में कोविड-19 संक्रमण के पहले

एक अध्ययन में पता लगा है कि अमेरिका में कोविड-19 संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि 19 जनवरी, 2020 को हुई थी. पढ़ें पूरी खबर....

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कोरोना वायरस संक्रमण
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Published : Dec 2, 2020, 2:25 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि देश में संभवत: पिछले साल 13 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच कोरोना वारयस संक्रमण दस्तक दे चुका था.

इस अध्ययन के तहत अमेरिकन रेड क्रॉस द्वारा एकत्रित नियमित रक्तदान के नमूनों का आकलन किया गया है.

अमेरिका में कोविड-19 संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि 19 जनवरी, 2020 को हुई थी.

अमेरिका में रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के श्रीधर वी वासवराजू और अन्य वैज्ञानिकों ने कहा कि 7,389 में से 106 नमूनों में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ प्रतिक्रियाशील एंडीबॉडी पाई गई हैं.

‘क्लिनिकल इन्फेक्शस डिजीजेज’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, विशेष रूप से 84 नमूनों में सार्स-सीओवी-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन को निष्क्रिय करने की गतिविधि पाई गई.

पढ़ें : कोविड-19 : वॉशिंगटन ने नहीं उठाया कदम, अन्य राज्य बढ़ रहे सहायता के लिए आगे

अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में लिखा, 'इन एंटीबॉडी की मौजूदगी इस बात की ओर इशारा करती है कि सार्स-सीओवी-2 का संक्रमण अमेरिका के पश्चिमी हिस्सों में संभवत: पहले ही पहुंच गया था, जबकि इसका पता बाद में चला या फिर जनसंख्या के एक छोटे हिस्से में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ पहले से ही एंटीबॉडी थे.'

अपनी इस शंका को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की एस1 सबयूनिट के संबंध में नमूनों की और अधिक विशिष्ट जांच की है.

वैज्ञानिकों ने कहा, सार्स-सीओवी-2 का पता लगाने के लिए एस1 सबयूनिट पूरे स्पाइक प्रोटीन की तुलना में अधिक विशिष्ट एंटीजन है.

वॉशिंगटन : अमेरिका में एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि देश में संभवत: पिछले साल 13 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच कोरोना वारयस संक्रमण दस्तक दे चुका था.

इस अध्ययन के तहत अमेरिकन रेड क्रॉस द्वारा एकत्रित नियमित रक्तदान के नमूनों का आकलन किया गया है.

अमेरिका में कोविड-19 संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि 19 जनवरी, 2020 को हुई थी.

अमेरिका में रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के श्रीधर वी वासवराजू और अन्य वैज्ञानिकों ने कहा कि 7,389 में से 106 नमूनों में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ प्रतिक्रियाशील एंडीबॉडी पाई गई हैं.

‘क्लिनिकल इन्फेक्शस डिजीजेज’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, विशेष रूप से 84 नमूनों में सार्स-सीओवी-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन को निष्क्रिय करने की गतिविधि पाई गई.

पढ़ें : कोविड-19 : वॉशिंगटन ने नहीं उठाया कदम, अन्य राज्य बढ़ रहे सहायता के लिए आगे

अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में लिखा, 'इन एंटीबॉडी की मौजूदगी इस बात की ओर इशारा करती है कि सार्स-सीओवी-2 का संक्रमण अमेरिका के पश्चिमी हिस्सों में संभवत: पहले ही पहुंच गया था, जबकि इसका पता बाद में चला या फिर जनसंख्या के एक छोटे हिस्से में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ पहले से ही एंटीबॉडी थे.'

अपनी इस शंका को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की एस1 सबयूनिट के संबंध में नमूनों की और अधिक विशिष्ट जांच की है.

वैज्ञानिकों ने कहा, सार्स-सीओवी-2 का पता लगाने के लिए एस1 सबयूनिट पूरे स्पाइक प्रोटीन की तुलना में अधिक विशिष्ट एंटीजन है.

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