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प्रशांत क्षेत्र में बढ़ रही चीनी आक्रामकता, क्वाड का उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना : अमेरिका

क्वाड के तहत चार राष्ट्रों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका- के बीच दूसरी मंत्रिस्तरीय वार्ता. पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के सहायक विदेश मंत्री डेविड आर स्टिलवेल ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सिद्धांतों को स्थापित करने, बढ़ावा देने और सुरक्षित करने का प्रयास करता है, खासतौर पर जब चीन ने इस क्षेत्र में अपनी रणनीति, आक्रामकता और दादागीरी बढ़ा दी है.

Indo Pacific claims US
हिंद प्रशांत क्षेत्र
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Published : Oct 3, 2020, 9:58 AM IST

वॉशिंगटन : तोक्यो में अगले हफ्ते क्वाड के तहत चार राष्ट्रों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका- के बीच दूसरी मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले ट्रंप प्रशासन ने कहा कि इस समूह का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सिद्धांतों को स्थापित करना, सुरक्षित करना और उसे बढ़ावा देना है, खास तौर पर ऐसे वक्त में जब क्षेत्र में चीनी आक्रामकता और दादागीरी बढ़ गई है.

पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के सहायक विदेश मंत्री डेविड आर स्टिलवेल ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सिद्धांतों को स्थापित करने, बढ़ावा देने और सुरक्षित करने का प्रयास करता है, खासतौर पर जब चीन ने इस क्षेत्र में अपनी रणनीति, आक्रामकता और दादागीरी बढ़ा दी है.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ 'क्वाड' की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने अगले हफ्ते तोक्यो का दौरा करेंगे. इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर हिस्सा लेंगे.पहली मंत्रिस्तरीय बैठक पिछले साल न्यूयॉर्क में हुई थी. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने कहा कि यह दौरान क्षेत्र में साझेदारों और सहयोगियों के साथ अमेरिका के मजबूत संबंधों को दर्शाता है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समृद्धि और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की पूरी श्रृंखला पर किए जा रहे अच्छे कामों को जारी रखने की उसकी प्रतिबद्धता को परिलक्षित करता है.

पढ़ें : भारत और जापान के साथ 'क्वाड ग्रुप' में विचार-विमर्श को अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया प्रतिबद्ध

स्टिलवेल ने कहा कि क्वाड समान विचारों वाले देशों का अनौपचारिक समूह है जो उपक्षेत्रीय मुद्दों में सहयोग को और बढ़ावा देने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सही स्वरूप प्रदान करने के लिए गठित किया गया था. उन्होंने कहा कि क्वाड साझेदारी का मूल बातचीत जारी रखने और पारस्परिक रूप से सहमत होने वाले परिणामों की ओर काम करने की प्रतिबद्धता पर टिका हुआ है.उन्होंने कहा क्वाड की सदस्यता साझा हितों से प्रेरित है, बाध्य दायित्वों से नहीं.स्टिलवेल ने कहा कि 'क्वाड' का गठन राष्ट्रों को बाहर रखने के उद्देश्य से नहीं किया गया था.

वॉशिंगटन : तोक्यो में अगले हफ्ते क्वाड के तहत चार राष्ट्रों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका- के बीच दूसरी मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले ट्रंप प्रशासन ने कहा कि इस समूह का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सिद्धांतों को स्थापित करना, सुरक्षित करना और उसे बढ़ावा देना है, खास तौर पर ऐसे वक्त में जब क्षेत्र में चीनी आक्रामकता और दादागीरी बढ़ गई है.

पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के सहायक विदेश मंत्री डेविड आर स्टिलवेल ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सिद्धांतों को स्थापित करने, बढ़ावा देने और सुरक्षित करने का प्रयास करता है, खासतौर पर जब चीन ने इस क्षेत्र में अपनी रणनीति, आक्रामकता और दादागीरी बढ़ा दी है.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ 'क्वाड' की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने अगले हफ्ते तोक्यो का दौरा करेंगे. इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर हिस्सा लेंगे.पहली मंत्रिस्तरीय बैठक पिछले साल न्यूयॉर्क में हुई थी. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने कहा कि यह दौरान क्षेत्र में साझेदारों और सहयोगियों के साथ अमेरिका के मजबूत संबंधों को दर्शाता है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समृद्धि और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की पूरी श्रृंखला पर किए जा रहे अच्छे कामों को जारी रखने की उसकी प्रतिबद्धता को परिलक्षित करता है.

पढ़ें : भारत और जापान के साथ 'क्वाड ग्रुप' में विचार-विमर्श को अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया प्रतिबद्ध

स्टिलवेल ने कहा कि क्वाड समान विचारों वाले देशों का अनौपचारिक समूह है जो उपक्षेत्रीय मुद्दों में सहयोग को और बढ़ावा देने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सही स्वरूप प्रदान करने के लिए गठित किया गया था. उन्होंने कहा कि क्वाड साझेदारी का मूल बातचीत जारी रखने और पारस्परिक रूप से सहमत होने वाले परिणामों की ओर काम करने की प्रतिबद्धता पर टिका हुआ है.उन्होंने कहा क्वाड की सदस्यता साझा हितों से प्रेरित है, बाध्य दायित्वों से नहीं.स्टिलवेल ने कहा कि 'क्वाड' का गठन राष्ट्रों को बाहर रखने के उद्देश्य से नहीं किया गया था.

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