वाशिंगटन: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी समकक्ष जॉर्ज बुश को 9/11 हमले से दो दिनों पहले ही फोन कर चेतावनी दी थी. साल 2001 में हुए हमले से पहले ही पुतिन ने फोन कर अफ्गानिस्तान में प्लान किए गए आतंकी हमले के बारे में जानकारी दी थी. ये कहना है अमेरिकी एजेंसी सीआईए के एक पूर्व एनालिस्ट का.
'द रशिया ट्रैप' नामक किताब में इल चेतावनी का विवरण दिया हुआ है. 9/11 हमले के ऊपर पूर्व सीआईए एनालिस्ट ने विस्तार से बात की है. इस हमले के दौरान वे सीआईए के लिए काम कर रहे थे और उस दौरान जॉर्ज बुश अमेरिका के राष्ट्रपति थे.
पूर्व सीआईए एनालिस्ट जॉर्ज बीबी की किताब में इस बात के सामने आने के बाद ये साफ हो गया कि वाशिंगटन में बैठे अमेरिकी नौकरशाहों को इस बात के बारे में पहले से सूचनाएं मिल रही थीं. इसके बावजूद भी इन जानकारियों को लगातार नजरअंदाज किया गया, जिसका नतीजा 11 सितंबर 2001 को देखने मिला.
मॉसको की ओर से भी मिली चेतावनी तो सालों से जग जाहिर है. एक वरिष्ठ रूसी जांच एजेंसी के अधिकारी ने हमले के कुछ समय बाद ही बोला था. बीबी ने अपनी किताब में लिखा कि ये जानकारी न सिर्फ दोनों देशों की एजेंसियों के बीच साझा की गईं, बल्कि पुतिन ने खुद बुश को फोन कर बताया था.
वहीं रूस का इस पर कहना है कि ब्रिटिश स्पाई भी लगातार इस घटना के बारे में अमेरिका को चेता रहे थे. इसके साथ अमेरिका की खूफिया एजेसी सीआईए और एफबीआई भी इस बारे में अमेरिका के नौकरशाहों को सूचित कर रहे थे. इस घटना से पहले मिली सभी चेतावनियों के बारे में वाइट हाउस आगाह था.
ऐसा नहीं है कि अमेरिका ने ये जानते हुए जरूरी कदम नहीं उठाए. अमेरिका ने हर संभव प्रयास कर इस घटना को रोकने का प्रयास किया, लेकिन इसके बाद भी ये हमला हुआ. तैयारियों में क्या खामियां रह गई, दुनिया इससे आज भी अंजान है.
बता दें, अमेरिका के न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2001 को हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमला विश्व के लिए एक काले अध्याय के समान है. आतंकी संगठन अल कायदा ने इस हमले की साजिश रची और अमेरिकी विमान हाईजैक कर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला कर दिया. इस हमले में करीब 2977 लोग मारे गए.
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इस हमले के बाद अमेरिका ने 11 सितंबर को पेट्रियट दिवस (विजय दिवस) घोषित कर दिया. इस साल एक बार अमेरिका 19 वां पेट्रियट दिवस (विजय दिवस) मनाएगा और हमले में मारे गए लोगों को याद कर उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी.
अमेरिका पर किया गया हमला दुनिया के सबसे खौफनाक हमलों में से एक है. इस हमले को जिस तरह से अंजाम दिया गया उसकी निंदा हमेशा होती रहेगी.