वॉशिंगटन : अमेरिका में सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में चीन के लिए शोध करने वाले एक प्रोफेसर को पकड़ा गया है. यह शख्स इम्यूनोलॉजी का एक्सपर्ट है और चीन के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करने पर काम रहा था.
प्रोफेसर पर आरोप है कि इसने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ से मिले 4.1 मिलियन डॉलर अनुदान का उपयोग चीन के लिए किया और इसकी जानकारी अमेरिकी सरकार को नहीं दी.
आरोपी प्रोफेसर सॉन्ग गुओ झेंग को हेल्ड विदाउट बॉन्ड के तहत गिरफ्तार किया गया है यानी इस शख्स को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. बताया जा रहा है कि इस शख्स के चीन से गहरे संबंध हैं और इसने अमेरिकी फंड का इस्तेमाल चीन के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करने के लिए किया.
सॉन्ग गुओ झेंग पर अपनी नौकरी के बारे में भी गलत जानकारी देने के आरोप हैं. सॉन्ग गुओ झेंग अमेरिका के ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी सहित अन्य विश्वविद्यालयों में कार्यरत थे और साथ ही उसी दौरान वह चीन के लिए भी काम कर रहे थे. प्रोफेसर झेंग को 22 मई को गिरफ्तार किया गया, जब वह चीन के लिए चार्टर फ्लाइट को पकड़ने की तैयारी में थे.
जब उन्हें गिरफ्तार किया गया, तो वो तीन बड़े बैग, एक छोटा सूटकेस और दो ब्रीफकेस, जिसमें दो लैपटॉप, तीन सेलुलर फोन और कई यूएसबी ड्राइव थीं. इसमें उनके परिवार के एक्सपायर्ड चीनी पासपोर्ट और चीन में संपत्ति के दस्तावेज मिले.
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राष्ट्रीय सुरक्षा के असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल जॉन सी डिमर्स ने कहा कि हमने एक बार फिर अमेरिकी विश्वविद्यालय में कार्यरत एक चीनी प्रोफेसर को पकड़ा है जोकि चीनी टैलेंट प्लान का सदस्य है. इसने जान बूझकर चीनी विश्वविद्यालय से अपने रिश्ते की बात छिपाई और अमेरिकी संस्थान से अनुदान में मिले पैसे का इस्तेमाल चीन के लिए शोध करने में लगाया. अमरिकी संस्थान से मिले अनुदान का लक्ष्य अमेरिकी लोगों के स्वास्थ्य और भलाई के लिए होना था लेकिन इस शख्स ने उसका गलत इस्तेमाल चीन के हित के लिए किया.
दक्षिणी ओहियो के अमेरिकी अटॉर्नी डेविड एम डेविलर्स ने कहा कि झेंग देश से भागने की तैयारी कर रहे थे.