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पोम्पिओ ने अफगानिस्तान की सहायता राशि में कटौती की, तालिबान नेताओं से की मुलाकात - Pompeo cuts Afghanistan amount

अमेरिका ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि में कटौती की. इसके आलाव अमरेकी विदेश मंत्री ने तालिबान से मिलकर सबको चौंका दिया. बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबान से समझौता किया है.

पोम्पिओ
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Published : Mar 24, 2020, 11:49 PM IST

दोहा : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अफगानिस्तान के शीर्ष नेताओं के बीच मतभेद नहीं सुलझ पाए. इसके बाद पोम्पियो ने अपनी यात्रा के दौरान अफगानिस्तान सरकार को मिलने वाली अमेरिकी सहायता राशि में कटौती की और तालिबान से मिलकर सबको चौंका दिया.

पोम्पिओ ने अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए तालिबान और अमेरिका के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते को बनाए रखने के लिये अमेरिका लौटने के दौरान कतर पहुंचकर सबको चौंका दिया. तालिबान से मिलने वाले वह अमेरिकी सरकार के अब तक के सबसे बड़े नेता हैं.

पोम्पिओ ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके चिर प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बीच सहमति नहीं बनने को लेकर निराशा व्यक्ति की. अमेरिकी विदेश मंत्री ने काबुल में इन दोनों नेताओं से मुलाकात की थी.

पोम्पिओ ने एक बयान में कहा, 'उनकी नाकामी ने अमेरिका-अफगान संबंधों को नुकसान पहुंचाया है और दुखद बात यह है कि इसने अफगान, अमेरिकियों और गठबंधन भागीदारों की तौहीन की है, जिन्होंने इस देश के नए भविष्य के निर्माण के लिये संघर्ष में अपना जीवन और धन कुर्बान किया है.

पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका तत्काल सहायता राशि में एक अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती कर रहा है और 2021 में भी वह एक अरब अमेरिकी की सहायता राशि की कटौती करेगा.

पढ़ें : अमेरिका-तालिबान समझौता : दोहा पहुंचे माइक पोम्पियो, नए युग की शुरुआत की

उन्होंने कहा कि अमेरिका आगे भी सहायता राशि में कटौती करने पर विचार करेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की योजना पर आगे बढ़ेगा और अगले साल तक अफगानिस्तान से अपने सभी 13,000 सैनिकों को वापस बुलाने का उसका लक्ष्य है.

अधिकारियों ने बताया कि पोम्पिओ ने कतर के अल-उदेद एयर बेस में तकरीबन एक घंटे तक तीन तालिबान नेताओं के साथ मुलाकात की, जिसमें मुल्ला बरादर भी शामिल था. पूर्व में जेल में बंद रहा बरादर तालिबान का मुख्य वार्ताकार बन गया है.

पोम्पिओ 29 फरवरी को तालिबान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये दोहा पहुंचे थे, लेकिन तब तालिबान नेताओं से उन्होंने मुलाकात नहीं की थी.

दोहा : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अफगानिस्तान के शीर्ष नेताओं के बीच मतभेद नहीं सुलझ पाए. इसके बाद पोम्पियो ने अपनी यात्रा के दौरान अफगानिस्तान सरकार को मिलने वाली अमेरिकी सहायता राशि में कटौती की और तालिबान से मिलकर सबको चौंका दिया.

पोम्पिओ ने अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए तालिबान और अमेरिका के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते को बनाए रखने के लिये अमेरिका लौटने के दौरान कतर पहुंचकर सबको चौंका दिया. तालिबान से मिलने वाले वह अमेरिकी सरकार के अब तक के सबसे बड़े नेता हैं.

पोम्पिओ ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके चिर प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बीच सहमति नहीं बनने को लेकर निराशा व्यक्ति की. अमेरिकी विदेश मंत्री ने काबुल में इन दोनों नेताओं से मुलाकात की थी.

पोम्पिओ ने एक बयान में कहा, 'उनकी नाकामी ने अमेरिका-अफगान संबंधों को नुकसान पहुंचाया है और दुखद बात यह है कि इसने अफगान, अमेरिकियों और गठबंधन भागीदारों की तौहीन की है, जिन्होंने इस देश के नए भविष्य के निर्माण के लिये संघर्ष में अपना जीवन और धन कुर्बान किया है.

पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका तत्काल सहायता राशि में एक अरब अमेरिकी डॉलर की कटौती कर रहा है और 2021 में भी वह एक अरब अमेरिकी की सहायता राशि की कटौती करेगा.

पढ़ें : अमेरिका-तालिबान समझौता : दोहा पहुंचे माइक पोम्पियो, नए युग की शुरुआत की

उन्होंने कहा कि अमेरिका आगे भी सहायता राशि में कटौती करने पर विचार करेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की योजना पर आगे बढ़ेगा और अगले साल तक अफगानिस्तान से अपने सभी 13,000 सैनिकों को वापस बुलाने का उसका लक्ष्य है.

अधिकारियों ने बताया कि पोम्पिओ ने कतर के अल-उदेद एयर बेस में तकरीबन एक घंटे तक तीन तालिबान नेताओं के साथ मुलाकात की, जिसमें मुल्ला बरादर भी शामिल था. पूर्व में जेल में बंद रहा बरादर तालिबान का मुख्य वार्ताकार बन गया है.

पोम्पिओ 29 फरवरी को तालिबान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये दोहा पहुंचे थे, लेकिन तब तालिबान नेताओं से उन्होंने मुलाकात नहीं की थी.

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