न्यूयॉर्क : जॉन बोल्टन का संस्मरण आधिकारिक तौर पर मंगलवार को रिलीज किया जाएगा. हालांकि, इस पुस्तक के विमोचन से पहले ही इसका पायरेटेड एडिशन ऑनलाइन उपलब्ध हो गया है. माना जा रहा है कि इससे राष्ट्रपति चुनाव के लिए रैलियों में व्यस्त चल रहे डोनाल्ड ट्रंप की परेशानी बढ़ सकती है.
'द रूम वेयर इट हैपेन्ड' का पीडीएफ इंटरनेट पर लीक हो गया है. ट्रंप का मानना था कि इस किताब में कुछ बेहद खास सामग्री दी जा रही है, जिसे अमेरिका की सुरक्षा की दृष्टि से कभी बाहर नहीं आना चाहिए.
पीडीएफ लीक होने के सवाले पर किताब के पब्लिशर साइमन एंड शूस्टर के प्रवक्ता एडम रोथमर्ग ने कहा कि,यह कॉपीराइट उल्लंघन का मामला है इसके खिलाफ हम कानूनी कदम उठाने जा रहे हैं.
दरअसल, न्यायिक विभाग की सुरक्षा समीक्षा और कानूनी चुनौती से बचने के बाद जॉन बोल्टन का संस्मरण रिलीज होने के लिए तैयार है.
उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन ने गोपनीय सूचनाओं का खुलासा हो जाने की आशंका को लेकर 'द रूम वेयर इट हैपेन्ड' पुस्तक के विमोचन को रोकने की कोशिशें की थी. अमेरिकी जिला न्यायाधीश रॉयस लाम्बर्थ का यह फैसला एक ऐसे अदालती मामले में बोल्टन की जीत है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं शामिल हैं.
हालांकि, न्यायाधीश ने यह स्पष्ट कर दिया कि बोल्टन ने ह्वाइट हाउस की औपचारिक मंजूरी के बिना खुद से अपना संस्मरण प्रकाशित करने का कदम उठाकर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया, जबकि ह्वाइट हाउस का कहना है कि वह गोपनीय सूचनाओं को लेकर अब भी इसकी पड़ताल कर रहा है.
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क्यों विवादों में है किताब
अमेरिकी मीडिया के आउटलेट्स के अनुसार किताब के कुछ हिस्सों में ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी से 2020 के चुनाव के लिए सहायता मांगी थी और तुर्की की एक फर्म द्वारा ईरानी प्रतिबंधों के उल्लंघन में एक संघीय जांच का ध्यान रखेंगे.
इस प्रकाशन में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा विवादित और विवादास्पद बयान भी शामिल हैं. इसके अलावा पुस्तक में कथित तौर पर खुलासा किया गया है कि ट्रंप ने 2019 में यूक्रेन को सैन्य सहायता रोक दी, जो उनके खिलाफ महाभियोग की जांच का आधार था. पुस्तक के अनुसार, माइक पोम्पेओ सहित कई अधिकारियों ने इस रहस्य के खुलने पर इस्तीफा देने पर विचार किया था.