वॉशिंगटन : सिलिकॉन वैली के एक शीर्ष उद्यम पूंजीपति (वेंचर कैपिटलिस्ट) एम आर रंगास्वामी का मानना है कि भारत के प्रौद्योगिकी, फार्मास्युटिकल, ई-कॉमर्स और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों के लिए अगले 10 साल 'स्वर्णिम' रहेंगे. परमार्थ कार्यों में बढ़ चढ़कर अंशदान करने वाले रंगास्वामी ने मीडिया से साक्षात्कार में कोरोना वायरस महामारी के बीच भारत में 20 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का उल्लेख किया.
रंगास्वामी ने कहा, 'कोरोना वायरस अमेरिका और भारत सहित पूरी दुनिया में पैर पसार चुका है. इसके बावजूद भारत को जो निवेश मिला है, वह काफी उत्साहवर्धक है.'
पिछले कुछ माह के दौरान कोरोना वायरस महामारी के बीच भारत को 20 अरब डॉलर का एफडीआई मिला है. दुनियाभर की कंपनियां इस महामारी से प्रभावित हुई हैं. अब तक यह महामारी छह लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है.
सॉफ्टवेयर कारोबार क्षेत्र के विशेषज्ञ रंगास्वामी ने कहा, 'मुझे लगता है कि अगले 10 साल भारत के लिए स्वर्णिम रहेंगे. भारत में प्रत्येक क्षेत्र, चाहे वह औषधि हो या टेलीमेडिसिन, ई-कॉमर्स या लॉजिस्टिक्स डिजिटल और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है. बाजार के प्रत्येक क्षेत्र, यहां तक कि किराना दुकानों में भी इनका इस्तेमाल हो रहा है. यह एक स्वर्णिम अवसर है, जिसका भारत को फायदा उठाना चाहिए.'
कोविड-19 महामारी के बीच भारत में लगातार विदेशी निवेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरीके से असाधारण है. हाल के महीनों में भारत में गूगल ने 10 अरब डॉलर, फेसबुक ने 5.7 अरब डॉलर, वॉलमार्ट ने 1.2 अरब डॉलर और फॉक्सकॉन ने एक अरब डॉलर का निवेश किया है.
रंगास्वामी ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस साल भारत में इस तरह के और सौदे देखने को मिलेंगे. भारत में और अधिक कंपनियां जाएंगी और अधिक निवेश जाएगा.'
पढ़ें - ट्रंप बोले, भारत-चीन शांति के लिए हरसंभव कदम उठाना चाहता हूं
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत में निवेश जारी रखेगी. अन्य कंपनियों की निगाह भी भारत पर है. निजी इक्विटी कंपनियां भी भारत में निवेश करना चाहती हैं.