ह्यूस्टनः चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से फिर संपर्क स्थापित करने का समय नजदीक आ गया है. नासा के मून ऑर्बिटर ने चांद के उस हिस्से की तस्वीरें खींची हैं, जहां भारत ने अभियान के तहत सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी.
इस बात की पुष्टि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने गुरुवार को की है.
नासा के LRO ने ली तस्वीरें
नासा का लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (LRO) अंतरिक्षयान ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरा. इस दौरान उसने वहां की कई तस्वीरें ली, जहां विक्रम ने उतरने का प्रयास किया था.
LRO मिशन के साइंटिस्ट ने क्या कहा
एलआरओ मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने एक बयान में कहा कि इसने विक्रम के उतरने वाले स्थान के ऊपर से उड़ान भरी.
लैंडर से फिर साधा जाएगा संपर्क
लैंडर से 21 सितंबर को संपर्क साधने का फिर प्रयास किया जाएगा.
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तस्वीरों का होगा विश्लेषण
सीनेट डॉट कॉम ने एक बयान में कैली के हवाले से कहा, एलआरओसी टीम इन नयी तस्वीरों का विश्लेषण करेगी और पहले की तस्वीरों से उनकी तुलना कर यह देखेगी कि क्या लैंडर नजर आ रहा है. (यह छाया में या तस्वीर में कैद इलाके के बाहर हो सकता है).
शाम के समय गुजरा था ऑर्बिटर
रिपोर्ट में कहा गया है कि नासा इन छवियों का विश्लेषण, प्रमाणीकरण और समीक्षा कर रहा है. उस वक्त चंद्रमा पर शाम का समय था जब ऑर्बिटर वहां से गुजरा था. इस बात का मतलब है कि इलाके का ज्यादातर हिस्सा बिंब में कैद हुआ होगा.
लैंडर का टूटा था संपर्क
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल का सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया था. लेकिन यह तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था.
लैंडर का आखिरी क्षण में जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था.
तस्वीरें होंगी शेयर
नासा के एक प्रवक्ता ने इससे पहले कहा था कि इसरो के विश्लेषण को साबित करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर के लक्षित इलाके की पहले और बाद में ली गई तस्वीरों को शेयर करेगी.