ETV Bharat / international

मॉडर्ना टीका लंबे समय तक रोग प्रतिरोधी क्षमता बनाए रखता है : अध्ययन - टीकाकरण

एक अध्ययन में कहा गया है कि मॉडर्ना कोविड-19 रोधी टीके से पैदा हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता कम से कम छह महीने तक बनी रहती है और इस बात का कोई संकेत नहीं है कि टीकाकरण करा चुके लोगों को 'बूस्टर' खुराक की आवश्यकता है.

मॉडर्ना टीका
मॉडर्ना टीका
author img

By

Published : Sep 16, 2021, 4:07 AM IST

वाशिंगटन : मॉडर्ना कोविड-19 रोधी टीके से पैदा हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता कम से कम छह महीने तक बनी रहती है और इस बात का कोई संकेत नहीं है कि टीकाकरण करा चुके लोगों को 'बूस्टर' खुराक की आवश्यकता है. एक अध्ययन में यह कहा गया है.

पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित अनुसंधान में कहा गया है कि छह महीने का यह समय महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी समय में असल रोग प्रतिरोधी स्मृति बनती है. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि मॉडर्ना के कोविड-19 रोधी के कारण रोग प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है और क्लीनिकल परीक्षण में भाग लेने वालों के पूर्ण टीकाकरण के बाद कम से कम छह महीने तक एंटीबॉडी काम करते हैं, ऐसे में इस बात की भी संभावना है कि प्रतिरोधी क्षमता इससे भी अधिक समय तक बनी रह सकती है.

अनुसंधान के परिणाम यह भी दर्शाते हैं कि यह मजबूत प्रतिरोधी क्षमता सभी आयु समूहों में बनी रहती है. इन आयु समूहों में 70 वर्ष से अधिक आयु के लोग भी शामिल हैं.

पढ़ें- 'मॉडर्ना' की वैक्सीन को DGCI से मिली मंजूरी, सिप्ला करेगी आयात

अमेरिका में 'ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी' (एलजेआई) के प्रोफेसर शेन क्रॉट्टी ने कहा, 'अनुसंधान में प्रतिरक्षा स्मृति स्थिर रहीं, जो प्रभावशाली है. यह एमआरएनए टीकों के लंबे समय तक प्रभावी होने का अच्छा संकेत है.'

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : मॉडर्ना कोविड-19 रोधी टीके से पैदा हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता कम से कम छह महीने तक बनी रहती है और इस बात का कोई संकेत नहीं है कि टीकाकरण करा चुके लोगों को 'बूस्टर' खुराक की आवश्यकता है. एक अध्ययन में यह कहा गया है.

पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित अनुसंधान में कहा गया है कि छह महीने का यह समय महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी समय में असल रोग प्रतिरोधी स्मृति बनती है. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि मॉडर्ना के कोविड-19 रोधी के कारण रोग प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है और क्लीनिकल परीक्षण में भाग लेने वालों के पूर्ण टीकाकरण के बाद कम से कम छह महीने तक एंटीबॉडी काम करते हैं, ऐसे में इस बात की भी संभावना है कि प्रतिरोधी क्षमता इससे भी अधिक समय तक बनी रह सकती है.

अनुसंधान के परिणाम यह भी दर्शाते हैं कि यह मजबूत प्रतिरोधी क्षमता सभी आयु समूहों में बनी रहती है. इन आयु समूहों में 70 वर्ष से अधिक आयु के लोग भी शामिल हैं.

पढ़ें- 'मॉडर्ना' की वैक्सीन को DGCI से मिली मंजूरी, सिप्ला करेगी आयात

अमेरिका में 'ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी' (एलजेआई) के प्रोफेसर शेन क्रॉट्टी ने कहा, 'अनुसंधान में प्रतिरक्षा स्मृति स्थिर रहीं, जो प्रभावशाली है. यह एमआरएनए टीकों के लंबे समय तक प्रभावी होने का अच्छा संकेत है.'

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.