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यूएन सुरक्षा परिषद बढ़ा सकता है ईरान पर लगे प्रतिबंध, पोम्पियो ने की अपील - pompeo on arms embargo against iran

ईरान पर हथियारों को लेकर लगे प्रतिबंधों की अवधि समाप्त होने जा रही है. ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री ने यूएनएससी से इन प्रतिबंधों की समय सीमा को बढ़ाने का आग्रह किया है.

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ईरान पर हथियारों को लेकर लगे प्रतिबंध बढ़ाए जाएं
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Published : Jul 1, 2020, 10:05 AM IST

Updated : Jul 1, 2020, 1:36 PM IST

वॉशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ईरान पर हथियारों को लेकर लगाए गए प्रतिबंध की अवधि बढ़ा सकता है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस संबंध में यूएनएससी से आग्रह किया है. ईरान पर लगे प्रतिबंधों की अवधि अक्टूबर में खत्म होने वाली है.

पोम्पियो ने सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि पिछली बार के अमेरिकी प्रशासन द्वारा त्रुटिपूर्ण परमाणु समझौते के कारण दुनिया के सबसे जघन्य आतंकवादी शासन पर हथियारों को लेकर लगा प्रतिबंध अब से चार महीने बाद अक्टूबर में समाप्त हो रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि अगर आप कार्रवाई नहीं करते, तो ईरान को रूसी-निर्मित लड़ाकू जेट खरीदने की आजादी होगी, जो 3,000 किलोमीटर के दायरे में हमला कर सकते हैं. जो रियाद, नई दिल्ली रोम और वॉरसॉ जैसे शहरों को खतरे में डाल सकता है. इसके अलावा ईरान अपने बेड़े का भी विस्तार कर सकता है.

पढ़ें : ईरान की हिंद महासागर में स्थाई बेस बनाने की योजना

पोम्पियो ने आगे कहा कि ईरान ऑस्ट्रेलिया या भारत की तरह एक जिम्मेदार लोकतंत्र नहीं है. यूएनएससीआर की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि सितंबर 2019 में सऊदी अरब पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार ईरानी मूल के थे.

वहीं नवंबर 2019 और फरवरी 2020 में यमन के तट पर मिले हथियार भी ईरान के ही थे.

अमेरिकी सचिव ने कहा कि ईरान पर लगे प्रतिबंध की अवधि खत्म होने से पहले ही हथियारों की सीमा का उल्लंघन कर रहा है.

वॉशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ईरान पर हथियारों को लेकर लगाए गए प्रतिबंध की अवधि बढ़ा सकता है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस संबंध में यूएनएससी से आग्रह किया है. ईरान पर लगे प्रतिबंधों की अवधि अक्टूबर में खत्म होने वाली है.

पोम्पियो ने सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि पिछली बार के अमेरिकी प्रशासन द्वारा त्रुटिपूर्ण परमाणु समझौते के कारण दुनिया के सबसे जघन्य आतंकवादी शासन पर हथियारों को लेकर लगा प्रतिबंध अब से चार महीने बाद अक्टूबर में समाप्त हो रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि अगर आप कार्रवाई नहीं करते, तो ईरान को रूसी-निर्मित लड़ाकू जेट खरीदने की आजादी होगी, जो 3,000 किलोमीटर के दायरे में हमला कर सकते हैं. जो रियाद, नई दिल्ली रोम और वॉरसॉ जैसे शहरों को खतरे में डाल सकता है. इसके अलावा ईरान अपने बेड़े का भी विस्तार कर सकता है.

पढ़ें : ईरान की हिंद महासागर में स्थाई बेस बनाने की योजना

पोम्पियो ने आगे कहा कि ईरान ऑस्ट्रेलिया या भारत की तरह एक जिम्मेदार लोकतंत्र नहीं है. यूएनएससीआर की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि सितंबर 2019 में सऊदी अरब पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार ईरानी मूल के थे.

वहीं नवंबर 2019 और फरवरी 2020 में यमन के तट पर मिले हथियार भी ईरान के ही थे.

अमेरिकी सचिव ने कहा कि ईरान पर लगे प्रतिबंध की अवधि खत्म होने से पहले ही हथियारों की सीमा का उल्लंघन कर रहा है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 1:36 PM IST
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