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पोम्पिओ ने आसियान देशों से कहा, चीन की आक्रामकता का दें जवाब - ASEAN members

अमेरिका ने आसियान देशों से विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. आसियान देशों के वार्षिक सम्मेलन में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आश्वासन दिया कि अमेरिका कार्रवाई में उनका साथ देगा.

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माइक पोम्पिओ
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Published : Sep 10, 2020, 3:08 PM IST

हनोई (वियतनाम) : अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान के वार्षिक सम्मेलन में अपने समकक्षों से बात करते हुए कहा कि वह विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता के खिलाफ कार्रवाई करें. पोम्पिओ ने भरोसा दिलाया कि इस काम में अमेरिका उनको समर्थन देगा.

बता दें कि आसियान के चार सदस्य - फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई चीन के साथ लंबे समय से इस महत्वपूर्ण जलमार्ग को लेकर क्षेत्रीय संघर्ष में उलझे हुए हैं, जिसके पूरे हिस्से पर बीजिंग अपना दावा करता है.

पोम्पिओ ने 10 राष्ट्रों वाले संगठन के शीर्ष राजनयिकों से कहा, मेरे विचार में आगे बढ़ते रहिए, बस बातें मत करिए कार्रवाई करिए. पोम्पिओ ने कहा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को हम पर और हमारे लोगों पर भारी नहीं पड़ने दें. आप में आत्मविश्वास होना चाहिए और अमेरिका आपकी दोस्त की तरह मदद करने के लिए यहां है.

उन्होंने कहा कि चीन आसियान चार्टर में निहित संप्रभुता, गुणवत्ता एवं क्षेत्रीय अखंडता के लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करता है. उन्होंने उन चीनी कंपनियों को अमेरिका द्वारा काली सूची में डाले जाने का जिक्र किया जिन्होंने विवादित जलक्षेत्र में द्वीपों के निर्माण का काम किया है.

यह भी पढ़ें- चीन से संबंध मजबूत करने में जुटा यूरोपीय संघ, अगले सप्ताह वार्ता

हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में बीजिंग के सैन्य निर्माण के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे. इस सैन्य निर्माण में हवाई क्षेत्र बनाना और प्रवाल भित्तियों (कोरल रीफ) के ऊपर बनाए गए द्वीपों पर रडार और मिसाइल केंद्र स्थापित करना शामिल है. इसे लेकर भय उत्पन्न हो गया है कि चीन अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में नौवहन की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर सकता है.

वहीं, अमेरिका ने नौवहन और विमानों से गश्त की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों की तैनाती की है.

हनोई (वियतनाम) : अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान के वार्षिक सम्मेलन में अपने समकक्षों से बात करते हुए कहा कि वह विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता के खिलाफ कार्रवाई करें. पोम्पिओ ने भरोसा दिलाया कि इस काम में अमेरिका उनको समर्थन देगा.

बता दें कि आसियान के चार सदस्य - फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई चीन के साथ लंबे समय से इस महत्वपूर्ण जलमार्ग को लेकर क्षेत्रीय संघर्ष में उलझे हुए हैं, जिसके पूरे हिस्से पर बीजिंग अपना दावा करता है.

पोम्पिओ ने 10 राष्ट्रों वाले संगठन के शीर्ष राजनयिकों से कहा, मेरे विचार में आगे बढ़ते रहिए, बस बातें मत करिए कार्रवाई करिए. पोम्पिओ ने कहा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को हम पर और हमारे लोगों पर भारी नहीं पड़ने दें. आप में आत्मविश्वास होना चाहिए और अमेरिका आपकी दोस्त की तरह मदद करने के लिए यहां है.

उन्होंने कहा कि चीन आसियान चार्टर में निहित संप्रभुता, गुणवत्ता एवं क्षेत्रीय अखंडता के लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करता है. उन्होंने उन चीनी कंपनियों को अमेरिका द्वारा काली सूची में डाले जाने का जिक्र किया जिन्होंने विवादित जलक्षेत्र में द्वीपों के निर्माण का काम किया है.

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हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में बीजिंग के सैन्य निर्माण के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे. इस सैन्य निर्माण में हवाई क्षेत्र बनाना और प्रवाल भित्तियों (कोरल रीफ) के ऊपर बनाए गए द्वीपों पर रडार और मिसाइल केंद्र स्थापित करना शामिल है. इसे लेकर भय उत्पन्न हो गया है कि चीन अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों में नौवहन की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर सकता है.

वहीं, अमेरिका ने नौवहन और विमानों से गश्त की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों की तैनाती की है.

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