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मर्केल संभवत: आखिरी आधिकारी यात्रा पर अमेरिका पहुंची - मर्केल संभवत: आखिरी आधिकारी यात्रा पर

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel) संभवत: अपनी आखिरी आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका पहुंची हैं, जहां राजधानी वाशिंगटन में गुरुवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनका स्वागत किया.

मर्केल संभवत: आखिरी आधिकारी यात्रा पर अमेरिका पहुंची
मर्केल संभवत: आखिरी आधिकारी यात्रा पर अमेरिका पहुंची
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Published : Jul 15, 2021, 10:39 PM IST

वाशिंगटन : जर्मनी की चांसलर (chancellor of germany) एंजेला मर्केल (Angela Merkel) संभवत: अपनी आखिरी आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका पहुंची हैं, जहां राजधानी वाशिंगटन में गुरुवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) ने उनका स्वागत किया. मर्केल जर्मनी में करीब 16 साल से चांसलर के पद पर काबिज हैं लेकिन उन्होंने 26 सिंतबर को देश में होने वाले चुनाव में किस्मत नहीं आजमाने का फैसला किया है.

जर्मन नेता अमेरिकी प्रशासन के साथ कोरोना वायरस महामारी (corona virus epidemic), चीन का उभार और रूसी गैस पाइप लाइन (Russian gas pipeline) पर चर्चा कर सकती हैं, जिसका अमेरिका विरोध कर रहा है. उनका अमेरिकी उपराष्ट्रपति (US Vice President) कमला हैरिस (Kamala Harris) और अन्य अमेरिका अधिकारियों के साथ मुलाकात करने का कार्यक्रम है.

पढ़ें : बाइडेन प्रशासन का फैसला, साइबर हमलों की सूचना देने पर 1 करोड़ डॉलर तक का देंगे पुरस्कार

बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने मर्केल की यात्रा से पहले पत्रकारों को बताया था कि बाइडेन मर्केल के साथ बातचीत के दौरान पाइपलाइन परियोजना को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन ह्वाइट हाउस दोनों नेताओं की बातचीत में किसी तरह की आधिकारिक घोषणा की उम्मीद नहीं कर रहा है. वहीं, मर्केल के प्रवक्ता ने बुधवार को पुष्टि की थी कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत में चीन का मुद्दा उठेगा.

जर्मनी के चीन के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते हैं लेकिन वह चीन के मानवाधिकार उल्लंघन (human rights violations) का आलोचक रहा है. मर्केल उस स्थिति से बचना चाहेंगी जिसमें जर्मनी या यूरोपीय संघ को चीन या अमेरिका में से किसी एक पक्ष का चुनना पड़े.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : जर्मनी की चांसलर (chancellor of germany) एंजेला मर्केल (Angela Merkel) संभवत: अपनी आखिरी आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका पहुंची हैं, जहां राजधानी वाशिंगटन में गुरुवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) ने उनका स्वागत किया. मर्केल जर्मनी में करीब 16 साल से चांसलर के पद पर काबिज हैं लेकिन उन्होंने 26 सिंतबर को देश में होने वाले चुनाव में किस्मत नहीं आजमाने का फैसला किया है.

जर्मन नेता अमेरिकी प्रशासन के साथ कोरोना वायरस महामारी (corona virus epidemic), चीन का उभार और रूसी गैस पाइप लाइन (Russian gas pipeline) पर चर्चा कर सकती हैं, जिसका अमेरिका विरोध कर रहा है. उनका अमेरिकी उपराष्ट्रपति (US Vice President) कमला हैरिस (Kamala Harris) और अन्य अमेरिका अधिकारियों के साथ मुलाकात करने का कार्यक्रम है.

पढ़ें : बाइडेन प्रशासन का फैसला, साइबर हमलों की सूचना देने पर 1 करोड़ डॉलर तक का देंगे पुरस्कार

बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने मर्केल की यात्रा से पहले पत्रकारों को बताया था कि बाइडेन मर्केल के साथ बातचीत के दौरान पाइपलाइन परियोजना को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन ह्वाइट हाउस दोनों नेताओं की बातचीत में किसी तरह की आधिकारिक घोषणा की उम्मीद नहीं कर रहा है. वहीं, मर्केल के प्रवक्ता ने बुधवार को पुष्टि की थी कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत में चीन का मुद्दा उठेगा.

जर्मनी के चीन के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते हैं लेकिन वह चीन के मानवाधिकार उल्लंघन (human rights violations) का आलोचक रहा है. मर्केल उस स्थिति से बचना चाहेंगी जिसमें जर्मनी या यूरोपीय संघ को चीन या अमेरिका में से किसी एक पक्ष का चुनना पड़े.

(पीटीआई-भाषा)

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