हैदराबाद : अमेरिका के वर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस का पूरा नाम माइकल रिचर्ड पेंस है. इनका जन्म 7 जून, 1959 को इंडियाना के कोलंबस में हुआ था. पेंस खुद को एक क्रिस्चियन बताते हैं एक कंजरवेटिव बताते हैं और साथ ही एक रिपब्लिकन भी बताते है. दूसरी ओऱ भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस को अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार घोषित किया गया है. वह अमेरिका के इतिहास में उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने वाली पहली अश्वेत-भारतीय अमेरिकी महिला होंगी. 55 साल की कमला हैरिस वर्तमान में कैलिफोर्निया से जूनियर अमेरिकी सीनेटर हैं.
55 साल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद के लिए शीर्ष दावेदार बन गई हैं और उन्हें जमकर समर्थन भी मिल रहा है. अमेरिका के इतिहास में पहली बार अश्वेत-भारतीय अमेरिकी महिला उपराष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवार के रूप में मुकालबाल कर रही हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव में हैरिस का मुकाबला रिपब्लिकन उम्मीदवार व वर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस से हो रहा है.
कौन हैं कमला हैरिस
कमला हैरिस अमेरिकी राजनीतिज्ञ और वकील हैं. वह डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य हैं और वर्तमान में कैलिफोर्निया से जूनियर सीनेटर हैं.
हैरिस ने 2010-2014 के बीच दो कार्यकाल के लिए कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया.
अमेरिका की राजनीति में कमला हैरिस का सफर
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में मशहूर होने के बाद, हैरिस ने नवंबर 2016 में अमेरिकी सीनेट का चुनाव लड़ा और लॉरेटा सैंशेज को हराकर कैलिफोर्निया की तीसरी महिला सीनेटर बनीं. वह अमेरिकी सीनेट में पहुंचने वाली पहली दक्षिण एशियाई-अमेरिकी हैं और दूसरी अफ्रीकी-अमेरिकी महिला हैं.
सीनेटर के रूप में हैरिस ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, अनिर्दिष्ट अप्रवासियों के लिए नागरिकता, DREAM अधिनियम, हथियारों पर प्रतिबंध और प्रगतिशील कर सुधार का समर्थन किया.
दिसंबर, 2019 में कमला हैरिस अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक नामांकन की दौड़ में शामिल हुई थीं. हालांकि, बाद में धन की कमी का हवाला देते हुए वह पीछे हट गई थीं.
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस से हटने के नौ महीने बाद, अगस्त 2020 में हैरिस डेमोक्रेट पार्टी की तीसरी महिला अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनीं. इससे पहले जेराल्डाइन फेरारो और सारा पॉलिन उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बन चुकी हैं.
हैरिस का वकील के रूप में सफर
हैरिस ने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, हेस्टिंग्स कॉलेज ऑफ लॉ से डिग्री हासिल की.
साल 1990 में, हैरिस ने अलमेडा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय में अपना करियर शुरू किया. बाद में उनकी सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय में नियुक्ति हुई और फिर सैन फ्रांसिस्को के सिटी अटॉर्नी के कार्यालय में काम किया.
ओकलैंड में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के रूप में हैरिस ने यौन अपराधों पर ध्यान केंद्रित किया. हैरिस ने अलमेडा में नाबालिग लड़कियों को वेश्यावृत्ति से बचाने के लिए कानून में सुधार किया.
2003 में, कमला हैरिस सैन फ्रांसिस्को की 27वीं डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चुनी गईं और 2011 तक इस पद पर कार्य किया.
हैरिस 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल चुनी गई थीं और 2014 में फिर से उन्हें इस पद के लिए चुना गया.
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में अपराध नीतियों में सुधारकों के लिए हैरिस को आलोचना का सामना करना पड़ा था.
हैरिस का भारत से रिश्ता
हैरिस का जन्म कैलिफोर्निया के ओकलैंड में हुआ. उनकी मां दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु से थीं और उनके पिता जमैका के हैं. हालांकि, वह खुद को अश्वेत समझती हैं, हैरिस अक्सर भारत से अपने रिश्तों पर बात करती हैं. जब वह युवा थीं तो गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए अपने नाना के साथ चेन्नई आई थीं. उनके दादा भारत सरकार में नौकरशाह थे.
कमला हैरिस ने साल 2009 में एक इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे नाना भारत में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, और बचपन से मेरी कुछ शौकीन यादें उनके साथ समुद्र तट पर घूमते हुए जुड़ी हैं, जब वह सेवानिवृत्त होने के बाद बेसेंट नगर (चेन्नई) में रहते थे.'
हैरिस की मां श्यामला गोपालन स्तन कैंसर शोधार्थी थीं, जो 1960 यूसी बर्कले में एंडोक्रिनोलॉजी में पीएचडी करने के लिए अमेरिका आई थीं. जहां उनकी मुलाकात जमैका के डोनाल्ड हैरिस से हुई, जो अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रहे थे. कमला की बहन माया हैरिस भी राजनीतिक कार्यकर्ता हैं और हिलेरी क्लिंटन के राष्ट्रपति अभियान में काम कर चुकी हैं.
दोनों बहनों की परवरिश मां ने की थी, क्योंकि जब कमला सात साल की थीं तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे. 2009 में उनकी मां का निधन हो गया था.
कमला हैरिस के प्रतिद्वंद्वी
वर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस एक आयरिश कैथोलिक फैमिली में जन्मे हैं. इनके माता-पिता के पास कई गैस स्टेशनों का मालिकाना हक था. साल 1982 में हनोवर कॉलेज से माइक पेंस ने इतिहास में स्नातक की डिग्री ली थी.
इंडियाना यूनिवर्सिटी से पेंस ने साल 1986 में कानून की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने व्यक्तिगत कानूनी प्रैक्टिस (वकालत) शुरू कर दी. दो साल के बाद उन्होंने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव का चुनाव लड़ा, लेकिन नाकाम रहे.
इसके बाद 1990 में वह एक और बार नाकाम हुए. पेंस ने नाकामी के बाद अपनी गलतियों के लिए माफी भी मांगी.
इसके बाद साल 1992 से 1999 के दौरान इंडियाना रेडियो पर पेंस ने एक शो को होस्ट किया.
साल 2000 में माइक पेंस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए चुने गए. अमेरिकी कांग्रेस में छह कार्यकाल पूरे कर चुके पेंस को सोशल कंजरवेटिज्म के लिए जाना जाता है.
उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने समलैंगिक विवाह और गर्भपात जैसी चीजों का विरोध किया है.
साल 2008 में उन्होंने अपनी पार्टी से अलग हो वह कर राय रखी थी. दरअसल, आर्थिक मुद्दों में सबसे प्रमुख में से एक बेलआउट पैकेज का माना जाता है. पेंस वित्तीय संस्थाओं को बेलआउट देने के पक्ष में नहीं थे.
साल 2016 में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के अभियान के दौरान अपना रनिंग मैच चुना था.
पेंस ने 8 नवंबर, 2016 को अपने डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी टीम कायने को मात दी.
20 जनवरी, 2017 को माइक पेंस ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली.
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पेंस को उनके उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जाता है. बता दें कि अमेरिकी संविधान के मुताबिक ट्रंप दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकते. ऐसे में माना जा रहा है कि 2024 में होने वाले चुनाव में पेंस ट्रंप की जगह ले सकते हैं.