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अफगान शांति वार्ता के तहत पाकिस्तान यात्रा पर रवाना हुए अमेरिकी विशेष दूत - अफगानिस्तान सुलह

अफगानिस्तान शांति वार्ता के लिए अमेरिका के विशेष राजदूत जलमय खलीलजाद दोहा, इस्लामाबाद और ताशकंद की यात्रा पर रवाना हुए हैं. देश में शांति लाने के अपने निरंतर प्रयास के तहत खलीलजाद यह यात्रा कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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अमेरिकी प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद
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Published : Jun 29, 2020, 11:32 AM IST

वॉशिंगटन : अफगानिस्तान शांति वार्ता को लेकर अमेरिका के विशेष दूत जलमय खलीलजाद (Zalmay Khalilzad) दोहा, इस्लामाबाद और ताशकंद की यात्रा कर रहे हैं. विदेश विभाग ने रविवार को यह जानकारी दी है.

अमेरिका के विशेष राजदूत जलमय खलीलजाद 28 जून को दोहा, इस्लामाबाद और ताशकंद की यात्रा के लिए रवाना हुए.

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, सभी स्थानों पर राजदूत खलीलजाद अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समर्थन का आग्रह करेंगे, जो विशेष रूप से हिंसा और कैदियों की रिहाई के लिए होगा.

बता दें, खलीलजाद अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) के सीईओ एडम बोहलर और उनकी टीम से लगातार जुड़े हुए हैं.

अमेरिका-तालिबान शांति समझौते के तहत इंट्रा-अफगान वार्ता 10 मार्च को होना थी, लेकिन कैदियों की रिहाई पर आपसी असहमति न होने के कारण इसे टाल दिया गया था.

दरअसल, तालिबान की मांग है कि काबुल कैद किए हुए पांच हजार कैदियों को एक साथ रिहा कर दे.

पढ़ें : ट्रंप ने कहा : अमेरिकी सैनिकों की हत्या पर रूस की ओर से इनाम रखने की जानकारी नहीं

पिछले हफ्ते खलीलजाद ने इंट्रा-अफगान वार्ता की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह वार्ता पहले से ज्यादा बेहतर स्तर पर है. साथ ही उन्होंने काबुल द्वारा तीन हजार कैदियों और तालिबान द्वारा 500 सरकारी कैदियों को रिहा करने की भी प्रशंसा की थी.

एक बयान में कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान राजदूत खलीलजाद, सीईओ बोहलर और उनके प्रतिनिधिमंडल वीडियो के माध्यम से बैठक करेंगे.

वॉशिंगटन : अफगानिस्तान शांति वार्ता को लेकर अमेरिका के विशेष दूत जलमय खलीलजाद (Zalmay Khalilzad) दोहा, इस्लामाबाद और ताशकंद की यात्रा कर रहे हैं. विदेश विभाग ने रविवार को यह जानकारी दी है.

अमेरिका के विशेष राजदूत जलमय खलीलजाद 28 जून को दोहा, इस्लामाबाद और ताशकंद की यात्रा के लिए रवाना हुए.

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, सभी स्थानों पर राजदूत खलीलजाद अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समर्थन का आग्रह करेंगे, जो विशेष रूप से हिंसा और कैदियों की रिहाई के लिए होगा.

बता दें, खलीलजाद अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) के सीईओ एडम बोहलर और उनकी टीम से लगातार जुड़े हुए हैं.

अमेरिका-तालिबान शांति समझौते के तहत इंट्रा-अफगान वार्ता 10 मार्च को होना थी, लेकिन कैदियों की रिहाई पर आपसी असहमति न होने के कारण इसे टाल दिया गया था.

दरअसल, तालिबान की मांग है कि काबुल कैद किए हुए पांच हजार कैदियों को एक साथ रिहा कर दे.

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पिछले हफ्ते खलीलजाद ने इंट्रा-अफगान वार्ता की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह वार्ता पहले से ज्यादा बेहतर स्तर पर है. साथ ही उन्होंने काबुल द्वारा तीन हजार कैदियों और तालिबान द्वारा 500 सरकारी कैदियों को रिहा करने की भी प्रशंसा की थी.

एक बयान में कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान राजदूत खलीलजाद, सीईओ बोहलर और उनके प्रतिनिधिमंडल वीडियो के माध्यम से बैठक करेंगे.

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