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एंजेल की स्वीकृति के बिना सांसदों की सूची में प्रमिला का नाम जोड़ा गया : सूत्र

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले हफ्ते वाशिंगटन में अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से प्रस्तावित मुलाकात इसलिए रद कर दी थी कि प्रतिनिधिमंडल में भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल को भी शामिल कर लिया गया था. सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष इलियट एंजेल की स्वीकृति के बिना प्रमिला को सांसदों की सूची में शामिल किया गया था.

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Published : Dec 23, 2019, 9:23 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष इलियट एंजेल पिछले हफ्ते यहां भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करने वाले अमेरिकी सांसदों की सूची में भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल और अन्य दो को शामिल किए जाने से अवगत नहीं थे. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

जयशंकर ने 'टू प्लस टू' वार्ता के लिए वाशिगंटन के अपने दौरे में सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था.

दरअसल, जयपाल ने इसी वर्ष पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने की भारत से अपील करते हुए अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया था.

सूत्रों ने बताया कि जयशंकर की न्यूयॉर्क से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एंजेल नीत समिति से 18 दिसंबर को होने वाली मुलाकात रद कर दी गई थी.

समझा जाता है कि उन्हें इस सूची में अन्य लोगों के नाम जुड़ने की जानकारी तब मिली, जब भारतीय दूतावास ने शुरुआत में जिन नामों पर सहमति बनी थी, उनमें हुए परिवर्तनों पर आपत्ति जताई.

सूत्रों ने बताया, लेकिन 18 दिसंबर की सुबह, जब एंजेल को इसके बारे में पता चला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उनके लिए कोई भी ऐसा कदम उठाना अनुचित होता, जो उनके ही साथी सांसदों के खिलाफ जाता.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय दूतावास, अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के सदस्य नहीं होने के बावजूद अतिरिक्त नामों को जोड़ने के तरीकों पर नाराज हो गया था और उसने बैठक रद कर दी.

पढ़ें : भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए मिलकर काम करेंगे

पिछले हफ्ते यहां हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले कई सूत्रों ने संकेत दिया कि जयपाल के अलावा, सूची में दो अन्य सांसदों के नाम भी जोड़े गए, जिन्होंने हाल के कुछ दिनों में कश्मीर, धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के मुद्दों पर भारत को लेकर आक्रामक रुख अपनाया.

अपने अमेरिकी दौरे से पहले, जयशंकर ने अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति और विदेश संबंधों की सीनेट समिति के नेतृत्व के साथ एक बैठक का अनुरोध किया था. सीनेट समिति के साथ जयशंकर की बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार हुई.

सूत्रों ने बताया कि बैठक उसी समय होनी थी, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपने ओवल कार्यालय में मुलाकात करने की सहमति दी थी.

सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में यह महज शिष्टाचार मुलाकात और तस्वीरें खिंचवाने का कार्यक्रमभर था, लेकिन ट्रंप ने अपने तय कार्यक्रम से ज्यादा समय लिया और दौरे पर आए भारतीय नेताओं के साथ 40 मिनट से ज्यादा समय बिताया. इस स्थिति में विदेशी मामलों पर अमेरिकी संसद की समिति के नेतृत्व के साथ बैठक किसी भी सूरत में नहीं हो पाती.

सदन की समिति को भेजे गए अपने पत्र में, भारतीय दूतावास ने कहा कि विदेश मंत्री ने केवल विदेश मामलों की समिति के नेतृत्व के साथ बैठक की इच्छा जताई थी और इसी पर सहमति बनी थी.

खबरों के मुताबिक दूतावास ने कम से कम एक और संभवतः तीन गैर सदस्यों को सूची में शामिल किए जाने का आधार पूछा था और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर बैठक रद कर दी थी.

पढ़ें : वाशिंगटन में भारत व अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता, कई अहम समझौतों पर चर्चा

पिछले हफ्ते दिए एक साक्षात्कार में भारतीय-अमेरिकी भरत बरई ने आरोप लगाया कि जयपाल संभवत: जयशंकर के साथ तीखी बहस करना चाहती थीं और बाद में मीडिया के पास जाकर दुष्प्रचार करतीं. बरई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घनिष्ठ मित्र समझा जाता है.

चेन्नई में जन्मीं 54 वर्षीया जयपाल उन चंद अमेरिकी सांसदों में एक हैं, जो जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं. वह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में चुनी गईं पहली भारतीय-अमेरिकी हैं.

वाशिंगटन : अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष इलियट एंजेल पिछले हफ्ते यहां भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करने वाले अमेरिकी सांसदों की सूची में भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल और अन्य दो को शामिल किए जाने से अवगत नहीं थे. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

जयशंकर ने 'टू प्लस टू' वार्ता के लिए वाशिगंटन के अपने दौरे में सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था.

दरअसल, जयपाल ने इसी वर्ष पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने की भारत से अपील करते हुए अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया था.

सूत्रों ने बताया कि जयशंकर की न्यूयॉर्क से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एंजेल नीत समिति से 18 दिसंबर को होने वाली मुलाकात रद कर दी गई थी.

समझा जाता है कि उन्हें इस सूची में अन्य लोगों के नाम जुड़ने की जानकारी तब मिली, जब भारतीय दूतावास ने शुरुआत में जिन नामों पर सहमति बनी थी, उनमें हुए परिवर्तनों पर आपत्ति जताई.

सूत्रों ने बताया, लेकिन 18 दिसंबर की सुबह, जब एंजेल को इसके बारे में पता चला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उनके लिए कोई भी ऐसा कदम उठाना अनुचित होता, जो उनके ही साथी सांसदों के खिलाफ जाता.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय दूतावास, अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के सदस्य नहीं होने के बावजूद अतिरिक्त नामों को जोड़ने के तरीकों पर नाराज हो गया था और उसने बैठक रद कर दी.

पढ़ें : भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए मिलकर काम करेंगे

पिछले हफ्ते यहां हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले कई सूत्रों ने संकेत दिया कि जयपाल के अलावा, सूची में दो अन्य सांसदों के नाम भी जोड़े गए, जिन्होंने हाल के कुछ दिनों में कश्मीर, धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के मुद्दों पर भारत को लेकर आक्रामक रुख अपनाया.

अपने अमेरिकी दौरे से पहले, जयशंकर ने अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति और विदेश संबंधों की सीनेट समिति के नेतृत्व के साथ एक बैठक का अनुरोध किया था. सीनेट समिति के साथ जयशंकर की बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार हुई.

सूत्रों ने बताया कि बैठक उसी समय होनी थी, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपने ओवल कार्यालय में मुलाकात करने की सहमति दी थी.

सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में यह महज शिष्टाचार मुलाकात और तस्वीरें खिंचवाने का कार्यक्रमभर था, लेकिन ट्रंप ने अपने तय कार्यक्रम से ज्यादा समय लिया और दौरे पर आए भारतीय नेताओं के साथ 40 मिनट से ज्यादा समय बिताया. इस स्थिति में विदेशी मामलों पर अमेरिकी संसद की समिति के नेतृत्व के साथ बैठक किसी भी सूरत में नहीं हो पाती.

सदन की समिति को भेजे गए अपने पत्र में, भारतीय दूतावास ने कहा कि विदेश मंत्री ने केवल विदेश मामलों की समिति के नेतृत्व के साथ बैठक की इच्छा जताई थी और इसी पर सहमति बनी थी.

खबरों के मुताबिक दूतावास ने कम से कम एक और संभवतः तीन गैर सदस्यों को सूची में शामिल किए जाने का आधार पूछा था और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर बैठक रद कर दी थी.

पढ़ें : वाशिंगटन में भारत व अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता, कई अहम समझौतों पर चर्चा

पिछले हफ्ते दिए एक साक्षात्कार में भारतीय-अमेरिकी भरत बरई ने आरोप लगाया कि जयपाल संभवत: जयशंकर के साथ तीखी बहस करना चाहती थीं और बाद में मीडिया के पास जाकर दुष्प्रचार करतीं. बरई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घनिष्ठ मित्र समझा जाता है.

चेन्नई में जन्मीं 54 वर्षीया जयपाल उन चंद अमेरिकी सांसदों में एक हैं, जो जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं. वह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में चुनी गईं पहली भारतीय-अमेरिकी हैं.

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PRI GEN INT
.WASHINGTON FGN19
US-LD JAYAPAL
Jayapal added to list of US lawmakers to meet Jaishankar without Engel's approval: Sources
By Lalit K Jha
(Eds: Upgrading)
         Washington, Dec 23 (PTI) Congressman Eliot Engel, chairman of the House Foreign Affairs Committee, was not aware of the inclusion of non-member Congresswoman Pramila Jayapal and two others to the list of lawmakers to meet External Affairs Minister S Jaishankar here last week, sources said.
         During his visit to Washington for the 2+2 US-India dialogue, Jaishankar refused to meet Indian-American Jayapal, who introduced a Congressional resolution urging India to lift all the restrictions imposed on Jammu and Kashmir after the abrogation of Article 370 on August 5.
         Jaishankar's meeting with the Committee, headed by Engel, the Democratic lawmaker from New York, on December 18 was cancelled. Engel is believed to have learnt about the addition to the team only after the Indian Embassy here objected to the changes in the list agreed upon, the sources told PTI.
         Engel got to know about the changes in the list only on the morning of December 18, they said, adding that it was too late and it would have been quite inappropriate for him to take any step that could have been seen as going against his own Congressional colleagues.
         The Indian Embassy, miffed at the manner in which additional names of lawmakers who were not even members of the House Foreign Affairs Committee were added without taking it into confidence, cancelled the meeting, the sources said.
         Multiple sources privy to the deliberations here last week indicated that in addition to Jayapal, the list included two other lawmakers who are part of the same group and in the recent past have been hostile in their attitude towards India on the issues of Kashmir, human rights and religious freedom.
         PTI was not able to independently verify the name of the two other lawmakers.
         Before his US visit, Jaishankar had requested a meeting with the leadership of the House Foreign Affairs Committee and Senate Foreign Relations Committee.
          In the Senate Foreign Relations Committee, a Republican Senator is the Chairman and a Democratic lawmaker the Ranking Member. It is just the opposite in the House Foreign Affairs Committee.
         Jaishankar's meeting with the Senate committee went according to schedule.
         The House meeting was scheduled at the same time President Donald Trump had agreed to meet Jaishankar and Defence Minister Rajnath Singh in his Oval Office, the sources said.
         It was initially planned to be just a courtesy call and a photo opp. But Trump, reportedly in a cheerful mood, that too on impeachment day, went beyond his schedule and spent about 40 minutes with the visiting Indian leaders. In such a scenario, the meeting with the House Foreign Affairs Committee leadership would not have had happened anyway, the sources added.
         In its communication to the House committee, the Indian Embassy asserted that the External Affairs minister had only sought meetings with the leadership of the Foreign Affairs Committee and that is what was agreed upon.
         The embassy reportedly asked about the rationale of adding at least one and possibly three non-members to the list and cancelled the meeting upon getting an unsatisfactory response.
         In an interview to PTI last week, Indian-American Bharat Barai alleged that Jayapal probably wanted to indulge in a heated argument with Jaishankar and then go to the media for propaganda. Barai is widely seen as a close confidant of Prime Minister Narendra Modi and has been active in his overseas diaspora events, including the Madison Square event in 2014.
         Chennai-born Jayapal, 54, the first Indian-American woman elected to the House of Representatives, has been one of the few lawmakers, mostly from the Democratic Party, raising their voices against the Indian government's move on Jammu and Kashmir.
         The resolution, introduced in the House of Representatives after several weeks of efforts by Jayapal, urges India to lift as swiftly as possible all restrictions on communications in Jammu and Kashmir which were imposed following the abrogation of Article 370. It also asks that religious freedom for all residents be preserved.
         India has defended the restrictions in Kashmir on the ground that they were imposed to prevent Pakistan from creating more mischief through proxies and terrorists following the abrogation of Article 370 which ended the special status of Jammu and Kashmir. PTI LKJ SCY
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