वॉशिंगटन : ह्वाइट हाउस पश्चिम एशिया के दो अहम मुस्लिम देशों संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) एवं बहरीन के साथ इजराइल के राजनयिक संबंधों को स्थापित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर के कार्यक्रम की मेजबानी मंगलवार को करेगा. यह चुनावी साल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक उल्लेखनीय कूटनीतिक उपलब्धि है.
यूएई और बहरीन के प्रतिनिधि ह्वाइट हाउस में ट्रंप की मौजूदगी में इजराइल के साथ ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. ट्रंप ने रिश्तों को सामान्य करने के लिए अगस्त में यूएई तथा इजराइल के बीच ऐतिहासिक समझौता कराने के लिए बातचीत कराई थी. पिछले हफ्ते ट्रंप ने ऐलान किया था कि बहरीन भी रिश्तों को सामान्य करने के लिए इजराइल के साथ एक समझौते तक पहुंच गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह समारोह क्षेत्र में शांति की दिशा में एक नये युग की शुरुआत करेगा. ऐतिहासिक समझौते की पूर्वसंध्या पर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि यूएई और इजराइल के नुमांइदे तथा बहरीन एवं इजराइल के प्रतिनिधि अपने-अपने दस्तावेजों पर दस्तख्त करेंगे.
यह ऐतिहासिक समझौता कराने में राष्ट्रपति के सलाहकार एवं दामाद जारेड कुशनर ने अहम भूमिका निभाई है. यूएई और बहरीन के नेताओं से फोन पर बात करने के बाद ट्रंप ने खुद दोनों समझौतों की घोषणा की है. 13 अगस्त को इजराइल- यूएई समझौते की घोषणा की गई थी जबकि इजराइल-बहरीन समझौते का ऐलान पिछले हफ्ते किया गया है.
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प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यूएई के वली अहद (उत्तराधिकारी) के भाई एवं देश के विदेश मंत्री कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. वहीं बहरीन का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री करेंगे. समझौते को अब्राहम (या इब्राहीम) संधि का नाम दिया गया है.
समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले समारोह में कुछ सौ लोग हिस्सा ले सकते हैं. फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन ने पश्चिम एशिया में शांति के लिए हालात तय किए हैं. यह असल प्रगति है. कल इजराइल, बहरीन और यूएई के प्रतिनिधि वॉशिंगटन में होंगे और रिश्तों को सामान्य करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.
पोम्पिओ ने कहा कि उन्होंने हाथ मिलाया और अब उनके क्षेत्र में कई और साझेदार हैं. वे सभी खाड़ी देश इस्लामी गणराज्य ईरान के खतरे को वास्तविक मान रहे हैं और वे अब साथ काम कर रहे हैं. इसके साथ वे सुरक्षा तथा आर्थिक संबंधों को बना रहे हैं. यह पश्चिम एशिया को वास्तव में स्थिर करेगा.