बोस्टन : अमेरिकन टावर कॉरपोरेशन (American Tower Corporation - ATC) के कार्यकारी उपाध्यक्ष एडमंड डिसेंटो (Chief Administration Officer Edmund DiSanto) ने कहा है कि सुधारों पर भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से पश्चिमी निवेशकों में एक 'काफी मजबूत संदेश' गया है. उन्होंने कहा कि इन उपायों ने वित्त पोषण को लेकर भारत को एक बेहद अनुकूल स्थिति में पेश किया है.
डिसेंटो ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. बता दें, सीतारमण वॉशिंगटन में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों के साथ-साथ जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर (एफएमसीबीजी) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस समय एक हफ्ते के लिए अमेरिका यात्रा पर हैं. अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान, सीतारमण के अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन से मिलने की भी उम्मीद है.
न्यूयॉर्क पहुंचने के बाद, सीतारमण वहां से बोस्टन गयीं, जहां वह फिक्की और यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (US-India Strategic Partnership Forum - USISPF) द्वारा आयोजित एक गोलमेज बैठक में निवेशकों तथा वैश्विक कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मिलेंगी. वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों को भी संबोधित करेंगी.
डिसेंटो ने कहा, "मुझे लगता है कि भारत सरकार ने हाल ही में जो कदम उठाए हैं, उन्होंने पश्चिमी निवेशकों की दुनिया में एक बहुत मजबूत संदेश भेजा है, जो एक नयी ग्रहणशीलता और एक नयी प्रणाली का संकेत देते हैं जो मुझे लगता है कि अवसर को प्रोत्साहित करता है" और भारत को "निवेश, कारोबारों को अपने यहां बुलाने के लिहाज से एक बेहद अनुकूल और सकारात्मक स्थिति में पेश करता है."
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत द्वारा 81.72 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के साथ, डिसेंटो ने कहा, "मुझे लगता है कि नीतियां बहुत सफल रही हैं और हम उस तरह के सुधारों का स्वागत करते हैं जिन पर वे निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए स्थिति को और बेहतर करने की खातिर विचार कर रहे हैं."
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वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर जानकारी दी कि डिसेंटो के साथ अपनी बैठक में, सीतारमण ने निजी क्षेत्र के निवेश के लिए राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) सहित सुधारों पर प्रकाश डाला.
इसमें बताया गया कि अपनी आधिकारिक यात्रा के पहले दिन वित्त मंत्री ने भारत में निवेश और दूसरे संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए वैश्विक कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की.
(पीटीआई-भाषा)