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भारतीय-अमेरिकी समूहों ने स्टेन स्वामी की निधन पर जताया दुख

भारतीय-अमेरिकी समूहों ने मंगलवार को स्टेन स्वामी की निधन पर दुख जताया और उन्हें एक ऐसा सामाजिक कार्यकर्ता बताया. 'इंडियन ओवरसीज कांग्रेस' के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने कहा, स्वामी को हिरासत में लेना और जेल में उनके साथ जो व्यवहार हुआ, उस कारण उनकी मृत्यु हुई. यह राष्ट्र की चेतना पर धब्बा है और न्याय का उपहास है.

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Published : Jul 7, 2021, 1:11 PM IST

स्टेन स्वामी की मृत्यु पर दुख
स्टेन स्वामी की मृत्यु पर दुख

वॉशिंगटन : भारतीय-अमेरिकी समूहों (indian american groups) ने मंगलवार को स्टेन स्वामी की निधन पर दुख (Saddened by the death of Stan Swamy) जताया और उन्हें एक ऐसा सामाजिक कार्यकर्ता बताया, जिन्होंने भारत में गरीब आदिवासियों की सेवा (Serving Poor Tribals in India) के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.

स्टेन स्वामी (84) को पिछले साल गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act- UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था और सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई. कई बीमारियों से पीड़ित स्वामी हिरासत में कोरोना वायरस से संक्रमित (swami infected with corona virus in custody) भी पाए गए थे.

पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने स्टेन स्वामी के निधन पर दुख जताया

'फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एनए' (FIACONA) ने एक बयान में कहा कि वह एक बहादुर व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत में आदिवासियों की रक्षा और उनकी मदद करने के लिए अथक परिश्रम किया.

एफआईएसीओएनए ने कहा, एक सरल एवं नम्र व्यक्ति, फादर स्वामी एक ऐसी व्यवस्था के खिलाफ खड़े थे, जो गरीब आदिवासियों और उनके संसाधनों के संप्रभु अधिकारों का शोषण करने को आमादा है.

'इंडियन ओवरसीज कांग्रेस' के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने कहा, यह भारत में लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है और राष्ट्रीय नेतृत्व तथा न्यायपालिका के सदस्यों को शर्म से सिर झुकाना चाहिए. स्वामी को हिरासत में लेना और जेल में उनके साथ जो व्यवहार हुआ, उस कारण उनकी मृत्यु हुई. यह राष्ट्र की चेतना पर धब्बा है और न्याय का उपहास है.

आईएनओसी ने यह भी कहा कि यह कई अन्य मानवाधिकार योद्धाओं को याद करने का भी समय है, जो अब भी जेल में हैं.

(भाषा)

वॉशिंगटन : भारतीय-अमेरिकी समूहों (indian american groups) ने मंगलवार को स्टेन स्वामी की निधन पर दुख (Saddened by the death of Stan Swamy) जताया और उन्हें एक ऐसा सामाजिक कार्यकर्ता बताया, जिन्होंने भारत में गरीब आदिवासियों की सेवा (Serving Poor Tribals in India) के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.

स्टेन स्वामी (84) को पिछले साल गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Act- UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था और सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई. कई बीमारियों से पीड़ित स्वामी हिरासत में कोरोना वायरस से संक्रमित (swami infected with corona virus in custody) भी पाए गए थे.

पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने स्टेन स्वामी के निधन पर दुख जताया

'फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एनए' (FIACONA) ने एक बयान में कहा कि वह एक बहादुर व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत में आदिवासियों की रक्षा और उनकी मदद करने के लिए अथक परिश्रम किया.

एफआईएसीओएनए ने कहा, एक सरल एवं नम्र व्यक्ति, फादर स्वामी एक ऐसी व्यवस्था के खिलाफ खड़े थे, जो गरीब आदिवासियों और उनके संसाधनों के संप्रभु अधिकारों का शोषण करने को आमादा है.

'इंडियन ओवरसीज कांग्रेस' के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने कहा, यह भारत में लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है और राष्ट्रीय नेतृत्व तथा न्यायपालिका के सदस्यों को शर्म से सिर झुकाना चाहिए. स्वामी को हिरासत में लेना और जेल में उनके साथ जो व्यवहार हुआ, उस कारण उनकी मृत्यु हुई. यह राष्ट्र की चेतना पर धब्बा है और न्याय का उपहास है.

आईएनओसी ने यह भी कहा कि यह कई अन्य मानवाधिकार योद्धाओं को याद करने का भी समय है, जो अब भी जेल में हैं.

(भाषा)

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