ETV Bharat / international

भारत म्यांमार को और अस्थिर करने के पक्ष में नहीं : राजदूत तिरुमूर्ति - India Myanmar

म्यांमार को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि म्यांमार में किसी भी प्रकार की अस्थिरता भारत को सीधे प्रभावित करेगी. पढ़ें पूरी खबर...

तिरुमूर्ति
तिरुमूर्ति
author img

By

Published : Aug 3, 2021, 4:04 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और अगस्त के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष टी एस तिरुमूर्ति ने कहा है कि म्यांमार में किसी भी प्रकार की अस्थिरता भारत को सीधे प्रभावित करेगी और नई दिल्ली नहीं चाहती कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसा कोई कदम उठाए, जिससे दक्षिण पूर्वी एशियाई देश में और अस्थिरता पैदा हो.

म्यांमार में सेना ने इस साल एक फरवरी को तख्तापलट किया था, जिसके बाद नवंबर 2020 को हुए चुनाव के परिणाम को अमान्य घोषित कर दिया गया था और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नेता आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था.

तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को कहा, 'म्यांमार हमारे लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ोसी है... इसलिए म्यांमार में जो कुछ होता है, वह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और म्यांमार में हालात से हमारे हित सीधे जुड़े हैं.'

तिरुमूर्ति ने म्यांमार संबंधी एक सवाल के जवाब में कहा कि म्यांमार पर भारत का रुख हमेशा बिल्कुल स्पष्ट रहा है. उन्होंने कहा, 'हम म्यांमार के घटनाक्रम को लेकर गहराई से चिंतित हैं. हमने म्यांमार में हिंसा की निंदा की है. हमने अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया है.'

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए कानून के शासन को बनाए रखने और हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई का भी आह्वान किया है. उन्होंने कहा, 'हमने किसी पूर्व शर्त के बिना और शांतिपूर्ण एवं तत्काल समाधान के लिए बातचीत का बार-बार आह्वान किया है.'

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन) के प्रयासों को समर्थन दिया है और वह उम्मीद करता है कि वह अपने प्रयासों एवं पांच सूत्री सहमति की दिशा में आगे बढ़ सकता है.

पढ़ें :- नई शुरुआत : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली

उन्होंने कहा, 'इसलिए, हमें एक रचनात्मक और समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता है. हम नहीं चाहते कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोई ऐसा कदम उठाए, जो देश (म्यांमार) को और अस्थिर करे, क्योंकि उस देश में किसी भी प्रकार भी अस्थिरता भारत को सीधे प्रभावित करेगी.'

म्यांमार से शरणार्थियों को भारत द्वारा स्वीकार नहीं करने के संबंध में एक संवाददाता के सवाल के जवाब में तिरुमूर्ति ने कहा कि यह 'बिल्कुल झूठ' है. उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह झूठ है कि हम (म्यांमार के) लोगों को स्वीकार नहीं कर रहे. भारत में म्यांमार के हजारों लोग हैं.'

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत की अध्यक्षता के दौरान परिषद में म्यांमार की स्थिति पर चर्चा की जाएगी, भारतीय राजदूत ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य स्थिति पर निकटता से नजर रख रहे हैं और उन्होंने म्यांमार को लेकर विचार विमर्श, निजी बैठकें और घोषणाएं की हैं.

उन्होंने फलस्तीन के बारे में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि भारत 'इजराइल के साथ-साथ शांति और सुरक्षा के माहौल में एक संप्रभु, व्यवहार्य और स्वतंत्र फलस्तीनी देश की स्थापना और फलस्तीनी मकसद का निरंतर एवं लंबे समय से समर्थन करता रहा है.'

उन्होंने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि केवल द्विराष्ट्र समाधान ही सभी फलस्तीनियों और इजराइलियों को स्थायी शांति प्रदान करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और अगस्त के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष टी एस तिरुमूर्ति ने कहा है कि म्यांमार में किसी भी प्रकार की अस्थिरता भारत को सीधे प्रभावित करेगी और नई दिल्ली नहीं चाहती कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसा कोई कदम उठाए, जिससे दक्षिण पूर्वी एशियाई देश में और अस्थिरता पैदा हो.

म्यांमार में सेना ने इस साल एक फरवरी को तख्तापलट किया था, जिसके बाद नवंबर 2020 को हुए चुनाव के परिणाम को अमान्य घोषित कर दिया गया था और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नेता आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था.

तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को कहा, 'म्यांमार हमारे लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ोसी है... इसलिए म्यांमार में जो कुछ होता है, वह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और म्यांमार में हालात से हमारे हित सीधे जुड़े हैं.'

तिरुमूर्ति ने म्यांमार संबंधी एक सवाल के जवाब में कहा कि म्यांमार पर भारत का रुख हमेशा बिल्कुल स्पष्ट रहा है. उन्होंने कहा, 'हम म्यांमार के घटनाक्रम को लेकर गहराई से चिंतित हैं. हमने म्यांमार में हिंसा की निंदा की है. हमने अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया है.'

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए कानून के शासन को बनाए रखने और हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई का भी आह्वान किया है. उन्होंने कहा, 'हमने किसी पूर्व शर्त के बिना और शांतिपूर्ण एवं तत्काल समाधान के लिए बातचीत का बार-बार आह्वान किया है.'

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन) के प्रयासों को समर्थन दिया है और वह उम्मीद करता है कि वह अपने प्रयासों एवं पांच सूत्री सहमति की दिशा में आगे बढ़ सकता है.

पढ़ें :- नई शुरुआत : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली

उन्होंने कहा, 'इसलिए, हमें एक रचनात्मक और समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता है. हम नहीं चाहते कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोई ऐसा कदम उठाए, जो देश (म्यांमार) को और अस्थिर करे, क्योंकि उस देश में किसी भी प्रकार भी अस्थिरता भारत को सीधे प्रभावित करेगी.'

म्यांमार से शरणार्थियों को भारत द्वारा स्वीकार नहीं करने के संबंध में एक संवाददाता के सवाल के जवाब में तिरुमूर्ति ने कहा कि यह 'बिल्कुल झूठ' है. उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह झूठ है कि हम (म्यांमार के) लोगों को स्वीकार नहीं कर रहे. भारत में म्यांमार के हजारों लोग हैं.'

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत की अध्यक्षता के दौरान परिषद में म्यांमार की स्थिति पर चर्चा की जाएगी, भारतीय राजदूत ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य स्थिति पर निकटता से नजर रख रहे हैं और उन्होंने म्यांमार को लेकर विचार विमर्श, निजी बैठकें और घोषणाएं की हैं.

उन्होंने फलस्तीन के बारे में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि भारत 'इजराइल के साथ-साथ शांति और सुरक्षा के माहौल में एक संप्रभु, व्यवहार्य और स्वतंत्र फलस्तीनी देश की स्थापना और फलस्तीनी मकसद का निरंतर एवं लंबे समय से समर्थन करता रहा है.'

उन्होंने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि केवल द्विराष्ट्र समाधान ही सभी फलस्तीनियों और इजराइलियों को स्थायी शांति प्रदान करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.