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'भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ती चीनी आक्रामकता और प्रभुत्व कायम करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है' - सीमा विवाद

पेंटागन नीति से संबंधित शीर्ष पद के लिए बाइडेन द्वारा नामित कोलिन कहल ने भारत-चीन सीमा पर तनाव, क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता एवं प्रभुत्व कायम करने की उसकी बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है जो चिंताजनक है.

भारत-चीन सीमा पर तनाव
भारत-चीन सीमा पर तनाव
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Published : Mar 6, 2021, 9:49 AM IST

वॉशिंगटन : पेंटागन नीति से संबंधित शीर्ष पद के लिए बाइडेन द्वारा नामित कोलिन कहल ने सांसदों से कहा कि भारत चीन के बीच सीमा पर मौजूदा तनाव बढ़ती चीनी आक्रामकता और क्षेत्र में तथा अमेरिका के सहयोगियों एवं भागीदार देशों पर प्रभुत्व कायम करने की उसकी चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाता है.

रक्षा नीति उपमंत्री के पद के लिए सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों के समक्ष अपने बयान में कहल ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदार देशों के साथ खड़ा रहने के लिए दृढ़संकल्प है.

कहल ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर तनाव, क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता एवं प्रभुत्व कायम करने की उसकी बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है जो चिंताजनक है.

अपने नाम की पुष्टि के लिए सुनवाई के दौरान सवालों के लिखित जवाब में कहल ने कहा कि हालांकि हमलोग अपने सहयोगियों और भागीदार देशों के साथ खड़े रहेंगे और तनाव कम करने के उनके प्रयासों का समर्थन करेंगे. अगर मेरे नाम की पुष्टि होती है तो मैं स्थिति पर पैनी नजर रखूंगा और दोनों पक्षों के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करने पर नजर रखूंगा.

यह भी पढ़ें- भारतीय मूल की अमेरिकी महिला पहली बार न्यूयॉर्क फेडरल बैंक की उपाध्यक्ष बनीं

उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत-अमेरिका रक्षा कारोबार, प्रौद्योगिकी संबंध में उत्साहजनक चलन देखने को मिला है और अगर उनके नाम की पुष्टि होती है तो वह इसे जारी रखने की दिशा में काम करेंगे. साथ ही बड़ी खरीद और उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी पर फोकस करेंगे.

कहल ने कहा कि वह भारत के प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा बरकरार रखेंगे.

वॉशिंगटन : पेंटागन नीति से संबंधित शीर्ष पद के लिए बाइडेन द्वारा नामित कोलिन कहल ने सांसदों से कहा कि भारत चीन के बीच सीमा पर मौजूदा तनाव बढ़ती चीनी आक्रामकता और क्षेत्र में तथा अमेरिका के सहयोगियों एवं भागीदार देशों पर प्रभुत्व कायम करने की उसकी चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाता है.

रक्षा नीति उपमंत्री के पद के लिए सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों के समक्ष अपने बयान में कहल ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदार देशों के साथ खड़ा रहने के लिए दृढ़संकल्प है.

कहल ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर तनाव, क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता एवं प्रभुत्व कायम करने की उसकी बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है जो चिंताजनक है.

अपने नाम की पुष्टि के लिए सुनवाई के दौरान सवालों के लिखित जवाब में कहल ने कहा कि हालांकि हमलोग अपने सहयोगियों और भागीदार देशों के साथ खड़े रहेंगे और तनाव कम करने के उनके प्रयासों का समर्थन करेंगे. अगर मेरे नाम की पुष्टि होती है तो मैं स्थिति पर पैनी नजर रखूंगा और दोनों पक्षों के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करने पर नजर रखूंगा.

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उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत-अमेरिका रक्षा कारोबार, प्रौद्योगिकी संबंध में उत्साहजनक चलन देखने को मिला है और अगर उनके नाम की पुष्टि होती है तो वह इसे जारी रखने की दिशा में काम करेंगे. साथ ही बड़ी खरीद और उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी पर फोकस करेंगे.

कहल ने कहा कि वह भारत के प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा बरकरार रखेंगे.

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