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डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार शुरू होगी महाभियोग की कार्यवाही

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में महाभियोग की सुनवाई होनी हैं. ऐसा दूसरी बार होगा जब ट्रंप महाभियोग की कार्यवाही का सामना करेंगे. वहीं, ट्रंप के वरिष्ठ वकील ने बताया है कि वे सुनवाई के दौरान अपनी गवाही नहीं देंगे. उनके वकील ने कहा है कि ट्रंप अब राष्ट्रपति नहीं हैं इसलिए यह सुनवाई असंवैधानिक है.

डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप
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Published : Feb 9, 2021, 9:29 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग मामले की सीनेट के समक्ष सुनवाई होनी है. महाभियोग के तहत उन पर चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है.

ट्रंप के वकीलों की दलील है कि ट्रंप ने समर्थकों की रैली को संबोधित करने के दौरान लोगों को दंगे के लिए नहीं भड़काया. बचाव पक्ष के वकीलों ने आरोप लगाया है कि सदन के महाभियोग प्रबंधक घंटे भर लंबे ट्रंप के भाषण में से सिर्फ उन्हीं हिस्सों को ले रहे हैं, जो डेमोक्रेटिक पार्टी के मामले के लिए मददगार हैं.

वकीलों ने रेखांकित किया कि ट्रंप ने बार-बार अपने समर्थकों से अपील की, वे 'शांतिपूर्ण और देशभक्त तरीके से अपनी आवाज उठाएं.' उन्होंने दलील दी कि ट्रंप की टिप्पणी 'अगर आप जी-जान से नहीं लड़ते हैं तो आप यह देश खोने जा रहे हैं,' चुनाव सुरक्षा के सामान्य संदर्भ में की गई थी, न कि हिंसा के आह्वान के लिए थी. सुनवाई के मद्देनजर कैपिटल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है.

वकीलों ने यह भी कहा कि कानून प्रवर्तकों ने पहले ही छह जनवरी को हिंसा होने का अंदेशा व्यक्त किया किया था, लिहाजा ट्रंप खुद हिंसा के लिए नहीं उकसा सकते थे. ट्रंप के वकीलों की दलील यह भी है कि उन्हें संविधान के पहले संशोधन के तहत संरक्षण मिला हुआ था. साथ में उन्होंने यह भी कहा है कि ट्रंप पर महाभियोग चलाना असंवैधानिक है, क्योंकि वह अब पद पर नहीं है.

वकील ये दे रहे दलील

वकीलों की दलील है कि संविधान साधारण नागरिक के खिलाफ महाभियोग चलाने की शक्ति नहीं देता है. किसी भी गवाह को बुलाए जाने की संभावना नहीं है. ट्रंप ने भी गवाही में शामिल होने से इनकार कर दिया है. वकीलों ने जोर देकर कहा कि महाभियोग में दोषी साबित होने के बाद बचाव पक्ष (ट्रंप) को पद से हटाना होता है, लेकिन ट्रंप अब ह्वाइट हाउस में नहीं हैं, इसलिए ऐसे मुकदमे का कोई कानूनी आधार नहीं है.

ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा, राष्ट्रपति जो बाइडेन, राष्ट्रपति कार्यालय के कामकाज में व्यस्त रहेंगे और वह कार्यवाही का प्रसारण नहीं देख पाएंगे.

डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों का कहना है कि पद से हटने वाले लोगों के आचरण के खिलाफ महाभियोग चलाने की ऐतिहासिक मिसालें हैं, जिन्होंने पद पर रहते हुए कोई कृत्य किया है. हालांकि, यह राष्ट्रपति को लेकर नहीं हैं.

पढ़ें : अमेरिका ने उत्तराखंड में आई आपदा पर दुख व्यक्त किया, घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की

ट्रंप के वकीलों ने संकेत दिया है कि वे उनके बचाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों का उल्लेख करेंगे. दलीलें रखने की प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी और दोनों पक्षों को 16-16 घंटे दिए जाएंगे. इससे पहले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया केवल तीन बार हुई, जिसमें एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और फिर पिछले साल ट्रंप को बरी कर दिया गया.

वॉशिंगटन : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग मामले की सीनेट के समक्ष सुनवाई होनी है. महाभियोग के तहत उन पर चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है.

ट्रंप के वकीलों की दलील है कि ट्रंप ने समर्थकों की रैली को संबोधित करने के दौरान लोगों को दंगे के लिए नहीं भड़काया. बचाव पक्ष के वकीलों ने आरोप लगाया है कि सदन के महाभियोग प्रबंधक घंटे भर लंबे ट्रंप के भाषण में से सिर्फ उन्हीं हिस्सों को ले रहे हैं, जो डेमोक्रेटिक पार्टी के मामले के लिए मददगार हैं.

वकीलों ने रेखांकित किया कि ट्रंप ने बार-बार अपने समर्थकों से अपील की, वे 'शांतिपूर्ण और देशभक्त तरीके से अपनी आवाज उठाएं.' उन्होंने दलील दी कि ट्रंप की टिप्पणी 'अगर आप जी-जान से नहीं लड़ते हैं तो आप यह देश खोने जा रहे हैं,' चुनाव सुरक्षा के सामान्य संदर्भ में की गई थी, न कि हिंसा के आह्वान के लिए थी. सुनवाई के मद्देनजर कैपिटल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है.

वकीलों ने यह भी कहा कि कानून प्रवर्तकों ने पहले ही छह जनवरी को हिंसा होने का अंदेशा व्यक्त किया किया था, लिहाजा ट्रंप खुद हिंसा के लिए नहीं उकसा सकते थे. ट्रंप के वकीलों की दलील यह भी है कि उन्हें संविधान के पहले संशोधन के तहत संरक्षण मिला हुआ था. साथ में उन्होंने यह भी कहा है कि ट्रंप पर महाभियोग चलाना असंवैधानिक है, क्योंकि वह अब पद पर नहीं है.

वकील ये दे रहे दलील

वकीलों की दलील है कि संविधान साधारण नागरिक के खिलाफ महाभियोग चलाने की शक्ति नहीं देता है. किसी भी गवाह को बुलाए जाने की संभावना नहीं है. ट्रंप ने भी गवाही में शामिल होने से इनकार कर दिया है. वकीलों ने जोर देकर कहा कि महाभियोग में दोषी साबित होने के बाद बचाव पक्ष (ट्रंप) को पद से हटाना होता है, लेकिन ट्रंप अब ह्वाइट हाउस में नहीं हैं, इसलिए ऐसे मुकदमे का कोई कानूनी आधार नहीं है.

ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा, राष्ट्रपति जो बाइडेन, राष्ट्रपति कार्यालय के कामकाज में व्यस्त रहेंगे और वह कार्यवाही का प्रसारण नहीं देख पाएंगे.

डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों का कहना है कि पद से हटने वाले लोगों के आचरण के खिलाफ महाभियोग चलाने की ऐतिहासिक मिसालें हैं, जिन्होंने पद पर रहते हुए कोई कृत्य किया है. हालांकि, यह राष्ट्रपति को लेकर नहीं हैं.

पढ़ें : अमेरिका ने उत्तराखंड में आई आपदा पर दुख व्यक्त किया, घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की

ट्रंप के वकीलों ने संकेत दिया है कि वे उनके बचाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों का उल्लेख करेंगे. दलीलें रखने की प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी और दोनों पक्षों को 16-16 घंटे दिए जाएंगे. इससे पहले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया केवल तीन बार हुई, जिसमें एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और फिर पिछले साल ट्रंप को बरी कर दिया गया.

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