वॉशिंगटन : अमेरिकी कैपिटोल (संसद भवन) में हुए दंगों के मामले में महाभियोग का सामना कर रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने सीनेट में कहा कि रिपब्लिकन नेता पर लगे राजद्रोह भड़काने के आरोप ‘‘सरासर झूठे’’ हैं और उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही राजनीति से प्रेरित है.
रिपब्लिकन नेता ट्रंप पर अमेरिकी कैपिटोल में छह जनवरी को हुए दंगे भड़काने का आरोप है. इन दंगों में एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी.
सीनेट में सुनवाई के चौथे दिन ट्रंप के वकीलों ब्रूस कैस्टर, डेविड शोएन और माइकल वान डेर वीन ने पूर्व राष्ट्रपति के पक्ष में शुक्रवार को एक-एक करके दलीलें पेश कीं और कहा कि ट्रंप कानून-व्यवस्था के कड़े समर्थक हैं तथा उन्होंने कैपिटोल में अराजकता नहीं भड़काई.
ट्रंप के वकीलों के पास अपनी दलीलें रखने के लिए कुल 16 घंटे का समय है. प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों का कहना है कि ट्रंप को दोषी ठहराया जाना चाहिए और उन्हें दंगे भड़काने के कारण भविष्य में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाए.
ट्रंप के वकीलों ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ महाभियोग के दौरान लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
कैस्टर ने कहा कि प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों ने महाभियोग के लिए जो आरोप पेश किए हैं, उन्हें सही साबित करने के लिए सबूतों का अभाव है.
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि सभा ने राजनीति से प्रेरित होकर यह महाभियोग चलाया है.
कैस्टर ने विभिन्न डेमोक्रेटिक नेताओं की वीडियो क्लिप दिखाते हुए कहा कि उनका लक्ष्य एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को हटाना है, मतदाताओं की इच्छा के नाम पर अपना फैसला लागू करना करना है.
उन्होंने कहा कि इस महाभियोग की सुनवाई के दौरान सबसे अहम बात यह है कि 45वें राष्ट्रपति ने भीड़ को उकसाया या नहीं.
उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक नेता इसे राजद्रोह कह रहे हैं, लेकिन यह निश्चित ही राजद्रोह नहीं है.
कैस्टर ने कहा कि राजद्रोह तब होता है, जब देश की सत्ता हथियाने की कोशिश की जाती है, लेकिन इस मामले में स्पष्ट रूप से ऐसा कुछ नहीं है.
उन्होंने एफबीआई, न्याय मंत्रालय और कई पूर्व एवं मौजूदा अधिकारियों की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि छह जनवरी के दंगे पूर्व नियोजित थे.
कैस्टर ने कहा कि (पूर्व) राष्ट्रपति का इन दंगों में कोई हाथ नहीं है. उन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हिंसा के इस्तेमाल या गैरकानूनी कदमों को प्रोत्साहित नहीं किया.
कैस्टर ने कहा कि राष्ट्रपति शुरुआत से ही इस बात को लेकर स्पष्ट रहे हैं कि कैपिटोल पर हमला करने वालों को सजा दी जानी चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों ने ट्रंप के वीडियो के साथ छेड़छाड़ की, जिसमें चुनिंदा रूप से उनके भाषण दिखाए गए.
ट्रंप के वकील वीन ने कहा कि ऐसा दावा करना एक बेहूदा एवं बड़ा झूठ है कि (पूर्व) राष्ट्रपति ने अराजकता या हिंसा भड़काई या उनकी ऐसा करने की इच्छा थी. कैपिटोल में अराजकता के बाद ट्रंप ने पहले दो ट्वीट में कहा था कि ‘शांति बनाए रखें’ और ‘हिंसा नहीं करें क्योंकि हम कानून-व्यवस्था के पक्षधर हैं.
ट्रंप के वकीलों ने करीब चार घंटे अपनी दलीलें दीं. इसके बाद महाभियोग की सुनवाई के दौरान जूरी का काम कर रहे सीनेटरों ने दोनों पक्षों से सवाल किए. दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 100 सदस्यीय सीनेट महाभियोग की सुनवाई पर मतदान करेगी. ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पारित करने के लिए सीनेट के 67 मतों की आवश्यकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि डेमोक्रेटिक नेताओं के लिए इतने मत हासिल करना मुश्किल है, क्योंकि सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं और उन्हें 17 रिपब्लिकन नेताओं के मतों की आवश्यकता है.