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बच्चों की देखभाल को लेकर अभिभावकों में बढ़ती असुरक्षा और उसके कारण - Growing insecurity among parents about child care and its reasons

अमेरिका में बच्चों की देखभाल करने वाली महिलाएं इस काम को बोझ समझती हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चों की देखभाल में उनके करियर में परेशनियां आती हैं. जिससे की वो अच्छी कमाई नहीं कर पाती हैं.

बच्चों की देखभाल को लेकर अभिभावकों में बढ़ती असुरक्षा
बच्चों की देखभाल को लेकर अभिभावकों में बढ़ती असुरक्षा
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Published : Jul 15, 2021, 4:46 PM IST

अमेरिका : बच्चों की देखभाल से जुड़ी असुरक्षा एक ऐसा शब्द है जो पर्याप्त बाल देखभाल तक सीमित या अनिश्चित पहुंच से संबंधित है. यह कई अमेरिकियों के बच्चे पैदा करने को लेकर जुड़े फैसलों में एक प्रमुख कारक है. माता-पिता विशेष रूप से माताएं- बच्चे की देखभाल को अपने काम पर वापस लौटने की कीमत के तौर पर देखती हैं और अगर बच्चा किसी दिव्यांगता के साथ पैदा होता है, तो हो सकता है कि उनके पास परिवार की जरूरतों को पूरा करने वाले बच्चे की देखभाल के विकल्प भी न हों.

शोधकर्ताओं के रूप में अध्ययन करने वाले लोग कहते है कि नीतियां और प्रणालियां भलाई और स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि हम तर्क देते हैं कि बाल देखभाल असुरक्षा खाद्य असुरक्षा के समान एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है.

चाइल्ड केयर असुरक्षा क्यों मायने रखती है

अमेरिका में देखभाल करने वाली महिलाओं ने पारंपरिक रूप से बच्चों की देखभाल का अधिकांश बोझ वहन किया है. इसके परिणामस्वरूप उनका करियर रुक जाता है. वह उच्च तनाव में रहती हैं और उनकी कम कमाई होती है. कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूलों और बच्चों की देखभाल की सुविधाओं को बंद या प्रतिबंधित कर दिया गया. जिससे लाखों अमेरिकी माता-पिता और अभिभावकों को समान रूप से अचानक बाल देखभाल असुरक्षा का सामना पड़ा. इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा.

स्वास्थ्य मनोवैज्ञानिकों के एक समूह ने कोविड-19 महामारी की शुरुआत के दौरान माता-पिता का सर्वेक्षण किया, जिसमें लगभग 4% माता-पिता ने कोविड-19 से पहले तनाव के उच्च स्तर की बात कही, लेकिन मई 2020 तक यह हिस्सा बढ़कर 22% हो गया था. 2020 के अप्रैल और मई में अमेरिकी माताओं का सर्वेक्षण और साक्षात्कार करने वाले समाजशास्त्रियों ने पाया कि बच्चे को देखभाल न मिलने से माताओं की आपसी संवाद क्षमता प्रभावित होती है - जैसे कि उनकी बच्चों के साथ बढ़ती निराशा और जीवन की गुणवत्ता.

जनवरी 2020 में, अमेरिका में दो करोड़ 60 लाख कामकाजी लोगों के पास माता-पिता, दादा-दादी अथवा बड़े भाई बहन के रूप में घर में ही बच्चों की देखभाल की कोई व्यवस्था नहीं थी. अमेरिकी श्रम विभाग से मिले आंकड़ों के रैंड कॉर्प द्वारा किए गए विश्लेषण से यह जानकारी मिली. दिसंबर 2020 से विश्व बैंक की एक रिपोर्ट से अनुमान लगाया गया है कि विश्व स्तर पर सभी बच्चों में से 40% से अधिक जिन्हें 2018 में गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल या प्री-स्कूल की आवश्यकता थी, उनके पास प्री-स्कूल कम थे. संख्या के रूप में यह आंकड़ा लगभग 35 करोड़ है.

इसे भी पढ़े-बाइडेन का बड़ा फैसला- अफगानिस्तान से मिली सैनिकों को मदद, अब बदले में 'अमेरिकी विमान'

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका में बाल देखभाल असुरक्षा की समस्या को हल करने के लिए कुछ राष्ट्रीय नीतियों का प्रस्ताव दिया है. उदाहरण के माध्यम से समझने कोशिश की गई कि देखभाल करने वालों को सब्सिडी प्रदान करके परिवारों के बाल देखभाल पर खर्च को उनकी आय के 7% तक सीमित करने की आवश्यकता है. इससे बाल देखभाल प्रदाताओं तक उनकी पहुंच में सुधार होने की संभावना है.

बाल देखभाल असुरक्षा हमेशा आर्थिक पहलुओं से जुड़ी नहीं होती है. बाल देखभाल की गुणवत्ता, स्थान, घंटे और दिव्यांग बच्चों के लिए पहुंच सभी एक भूमिका निभा सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

अमेरिका : बच्चों की देखभाल से जुड़ी असुरक्षा एक ऐसा शब्द है जो पर्याप्त बाल देखभाल तक सीमित या अनिश्चित पहुंच से संबंधित है. यह कई अमेरिकियों के बच्चे पैदा करने को लेकर जुड़े फैसलों में एक प्रमुख कारक है. माता-पिता विशेष रूप से माताएं- बच्चे की देखभाल को अपने काम पर वापस लौटने की कीमत के तौर पर देखती हैं और अगर बच्चा किसी दिव्यांगता के साथ पैदा होता है, तो हो सकता है कि उनके पास परिवार की जरूरतों को पूरा करने वाले बच्चे की देखभाल के विकल्प भी न हों.

शोधकर्ताओं के रूप में अध्ययन करने वाले लोग कहते है कि नीतियां और प्रणालियां भलाई और स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि हम तर्क देते हैं कि बाल देखभाल असुरक्षा खाद्य असुरक्षा के समान एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है.

चाइल्ड केयर असुरक्षा क्यों मायने रखती है

अमेरिका में देखभाल करने वाली महिलाओं ने पारंपरिक रूप से बच्चों की देखभाल का अधिकांश बोझ वहन किया है. इसके परिणामस्वरूप उनका करियर रुक जाता है. वह उच्च तनाव में रहती हैं और उनकी कम कमाई होती है. कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूलों और बच्चों की देखभाल की सुविधाओं को बंद या प्रतिबंधित कर दिया गया. जिससे लाखों अमेरिकी माता-पिता और अभिभावकों को समान रूप से अचानक बाल देखभाल असुरक्षा का सामना पड़ा. इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा.

स्वास्थ्य मनोवैज्ञानिकों के एक समूह ने कोविड-19 महामारी की शुरुआत के दौरान माता-पिता का सर्वेक्षण किया, जिसमें लगभग 4% माता-पिता ने कोविड-19 से पहले तनाव के उच्च स्तर की बात कही, लेकिन मई 2020 तक यह हिस्सा बढ़कर 22% हो गया था. 2020 के अप्रैल और मई में अमेरिकी माताओं का सर्वेक्षण और साक्षात्कार करने वाले समाजशास्त्रियों ने पाया कि बच्चे को देखभाल न मिलने से माताओं की आपसी संवाद क्षमता प्रभावित होती है - जैसे कि उनकी बच्चों के साथ बढ़ती निराशा और जीवन की गुणवत्ता.

जनवरी 2020 में, अमेरिका में दो करोड़ 60 लाख कामकाजी लोगों के पास माता-पिता, दादा-दादी अथवा बड़े भाई बहन के रूप में घर में ही बच्चों की देखभाल की कोई व्यवस्था नहीं थी. अमेरिकी श्रम विभाग से मिले आंकड़ों के रैंड कॉर्प द्वारा किए गए विश्लेषण से यह जानकारी मिली. दिसंबर 2020 से विश्व बैंक की एक रिपोर्ट से अनुमान लगाया गया है कि विश्व स्तर पर सभी बच्चों में से 40% से अधिक जिन्हें 2018 में गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल या प्री-स्कूल की आवश्यकता थी, उनके पास प्री-स्कूल कम थे. संख्या के रूप में यह आंकड़ा लगभग 35 करोड़ है.

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राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका में बाल देखभाल असुरक्षा की समस्या को हल करने के लिए कुछ राष्ट्रीय नीतियों का प्रस्ताव दिया है. उदाहरण के माध्यम से समझने कोशिश की गई कि देखभाल करने वालों को सब्सिडी प्रदान करके परिवारों के बाल देखभाल पर खर्च को उनकी आय के 7% तक सीमित करने की आवश्यकता है. इससे बाल देखभाल प्रदाताओं तक उनकी पहुंच में सुधार होने की संभावना है.

बाल देखभाल असुरक्षा हमेशा आर्थिक पहलुओं से जुड़ी नहीं होती है. बाल देखभाल की गुणवत्ता, स्थान, घंटे और दिव्यांग बच्चों के लिए पहुंच सभी एक भूमिका निभा सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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