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इस साल टल सकता है अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव, डोनाल्ड ट्रंप ने दिए संकेत - कोरोना महामारी

ट्रंप ने कहा कि 'मैं देरी नहीं करना चाहता, मैं चुनाव कराना चाहता हूं. लेकिन मैं यह भी नहीं चाहता कि मुझे तीन महीने तक इंतजार करना पड़े और फिर पता चले कि मतपत्र गायब थे और चुनाव का कोई मतलब नहीं है.'

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Published : Jul 31, 2020, 7:52 AM IST

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को टालने को लेकर खुलकर बात की है. ट्रंप ने ट्वीट कर यह संकेत दिया कि इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को टाला जा सकता है.

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव इस साल नवंबर में होने हैं. ट्रंप ने कोरोना महामारी को लेकर सुझाव देते हुए कहा कि पोस्टल वोटिंग से राष्ट्रपति चुनाव सही नहीं हैं. जिसके बाद विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने इसकी आलोचना की.

राष्ट्रपति ट्रंप ने चुनाव से केवल 96 दिन पहले बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, उन्होंने लिखा, 'वैश्विक पोस्टल वोटिंग से 2020 का चुनाव इतिहास का सबसे ज्यादा गलत और धोखाधड़ी वाला होगा. और अमेरिका के लिए भी यह ​शर्मिंदगी भरा होगा. चुनाव में देरी करें, जब तक लोग ढंग से, विश्वसनीयता से और सुरक्षित होकर वोट डालने के लिए तैयार नहीं हो जाते???'

व्हाइट हाउस में दोबारा पहुंचने की जद्दोजहद में लगे ट्रंप ने दलील दी कि डाक से मतदान (मेल-इन वोटिंग) से चुनाव में गड़बड़ी हो सकती है. वह शुरू से ही इसके मुखर विरोधी रहे हैं.

ट्रंप ने कहा कि मैं देरी नहीं करना चाहता, मैं चुनाव करना चाहता हूं. लेकिन मैं यह भी नहीं चाहता कि मुझे तीन महीने तक इंतजार करना पड़े और फिर पता चले कि मतपत्र गायब थे और चुनाव का कोई मतलब नहीं है.

उन्होंने कहा कि क्या मैं एक तिथि परिवर्तन देखना चाहता हूं? नहीं, लेकिन मैं एक कुटिल चुनाव नहीं देखना चाहता. यह चुनाव इतिहास में सबसे धांधली वाला चुनाव होगा यदि ऐसा होता है.

कोविड-19 महामारी के दौरान बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक मतदान के लिए मतदान केंद्रों तक जाने और कतारों में लगने से बचने के लिए डाक से मतदान का विकल्प चुन सकते हैं.

राष्ट्रपति के इस ट्वीट पर अनेक वर्गों की ओर से तत्काल तीखी प्रतिक्रिया आई. डेमोक्रेटिक और रिपब्लिक दोनों पार्टियों के सांसदों ने कहा कि चुनाव टलने की संभावना नहीं है.

प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ट्रंप के ट्वीट के जवाब में ट्वीट किया, ‘संविधान के अनुच्छेद 2 की धारा 1 कहती है कि कांग्रेस मतदाताओं के लिए वोट डालने का दिन तय कर सकती है जो पूरे अमेरिका में एक जैसा रहेगा.’

उसने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को चुनाव लंबित करने का कोई अधिकार नहीं है और संविधान कांग्रेस को मतदान की तारीख निर्धारित करने की शक्ति प्रदान करता है. संविधान में भी 20 जनवरी, 2021 को नये राष्ट्रपति के कार्यकाल की शुरुआत में विलंब करने का कोई प्रावधान नहीं है.

ट्रंप के प्रचार अभियान ने कहा कि राष्ट्रपति ने बस एक सवाल उठाया है. प्रचार प्रवक्ता होगन गिडली ने कहा, ‘डेमोक्रेट्स ने सभी के लिए डाक मतदान पर जोर देकर जो अव्यवस्था फैला दी है, राष्ट्रपति केवल उस बारे में एक प्रश्न उठा रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘वे (विपक्षी) सभी के लिए डाक से मतदान कराने की कोशिश के लिए कोरोना वायरस को हथियार बना रहे हैं. जिसका मतलब है कि सभी पंजीकृत मतदाताओं को मतपत्र भेजना, चाहे वे मांगें या नहीं.’

ट्रंप के सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह अच्छा विचार है.’

राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार और पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले ही ट्रंप द्वारा चुनाव में देरी कराने की आशंका जताई थी.

बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 153,898 तक पहुंच गया है. दुनियाभर में इस वायरस के कारण सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में हुई हैं. अमेरिका में कोरोना के अब तक 4,571,171 मामले सामने आए हैं. वहीं दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 70 लाख 23 हजार 563 मामले हो चुके हैं. जिसमें 6 लाख 65 हजार 905 लोगों की मौत हो चुकी है.

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को टालने को लेकर खुलकर बात की है. ट्रंप ने ट्वीट कर यह संकेत दिया कि इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को टाला जा सकता है.

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव इस साल नवंबर में होने हैं. ट्रंप ने कोरोना महामारी को लेकर सुझाव देते हुए कहा कि पोस्टल वोटिंग से राष्ट्रपति चुनाव सही नहीं हैं. जिसके बाद विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने इसकी आलोचना की.

राष्ट्रपति ट्रंप ने चुनाव से केवल 96 दिन पहले बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, उन्होंने लिखा, 'वैश्विक पोस्टल वोटिंग से 2020 का चुनाव इतिहास का सबसे ज्यादा गलत और धोखाधड़ी वाला होगा. और अमेरिका के लिए भी यह ​शर्मिंदगी भरा होगा. चुनाव में देरी करें, जब तक लोग ढंग से, विश्वसनीयता से और सुरक्षित होकर वोट डालने के लिए तैयार नहीं हो जाते???'

व्हाइट हाउस में दोबारा पहुंचने की जद्दोजहद में लगे ट्रंप ने दलील दी कि डाक से मतदान (मेल-इन वोटिंग) से चुनाव में गड़बड़ी हो सकती है. वह शुरू से ही इसके मुखर विरोधी रहे हैं.

ट्रंप ने कहा कि मैं देरी नहीं करना चाहता, मैं चुनाव करना चाहता हूं. लेकिन मैं यह भी नहीं चाहता कि मुझे तीन महीने तक इंतजार करना पड़े और फिर पता चले कि मतपत्र गायब थे और चुनाव का कोई मतलब नहीं है.

उन्होंने कहा कि क्या मैं एक तिथि परिवर्तन देखना चाहता हूं? नहीं, लेकिन मैं एक कुटिल चुनाव नहीं देखना चाहता. यह चुनाव इतिहास में सबसे धांधली वाला चुनाव होगा यदि ऐसा होता है.

कोविड-19 महामारी के दौरान बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक मतदान के लिए मतदान केंद्रों तक जाने और कतारों में लगने से बचने के लिए डाक से मतदान का विकल्प चुन सकते हैं.

राष्ट्रपति के इस ट्वीट पर अनेक वर्गों की ओर से तत्काल तीखी प्रतिक्रिया आई. डेमोक्रेटिक और रिपब्लिक दोनों पार्टियों के सांसदों ने कहा कि चुनाव टलने की संभावना नहीं है.

प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ट्रंप के ट्वीट के जवाब में ट्वीट किया, ‘संविधान के अनुच्छेद 2 की धारा 1 कहती है कि कांग्रेस मतदाताओं के लिए वोट डालने का दिन तय कर सकती है जो पूरे अमेरिका में एक जैसा रहेगा.’

उसने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को चुनाव लंबित करने का कोई अधिकार नहीं है और संविधान कांग्रेस को मतदान की तारीख निर्धारित करने की शक्ति प्रदान करता है. संविधान में भी 20 जनवरी, 2021 को नये राष्ट्रपति के कार्यकाल की शुरुआत में विलंब करने का कोई प्रावधान नहीं है.

ट्रंप के प्रचार अभियान ने कहा कि राष्ट्रपति ने बस एक सवाल उठाया है. प्रचार प्रवक्ता होगन गिडली ने कहा, ‘डेमोक्रेट्स ने सभी के लिए डाक मतदान पर जोर देकर जो अव्यवस्था फैला दी है, राष्ट्रपति केवल उस बारे में एक प्रश्न उठा रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘वे (विपक्षी) सभी के लिए डाक से मतदान कराने की कोशिश के लिए कोरोना वायरस को हथियार बना रहे हैं. जिसका मतलब है कि सभी पंजीकृत मतदाताओं को मतपत्र भेजना, चाहे वे मांगें या नहीं.’

ट्रंप के सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह अच्छा विचार है.’

राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार और पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले ही ट्रंप द्वारा चुनाव में देरी कराने की आशंका जताई थी.

बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 153,898 तक पहुंच गया है. दुनियाभर में इस वायरस के कारण सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में हुई हैं. अमेरिका में कोरोना के अब तक 4,571,171 मामले सामने आए हैं. वहीं दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 70 लाख 23 हजार 563 मामले हो चुके हैं. जिसमें 6 लाख 65 हजार 905 लोगों की मौत हो चुकी है.

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