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टीके के बाद प्राप्त सुरक्षा महीनों के दौरान घटने लगती है : अध्ययन - टीका बूस्टर

कोविड-19 के विरूद्ध फाइजर/बायोटेक और ऑक्सफोर्ड/आस्ट्रेजेनेका के टीकों की दोनों खुराक से प्राप्त सुरक्षा समय बीतने के साथ कम होती चली जा रही है.

कोविड-19
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Published : Aug 25, 2021, 8:18 PM IST

लंदन : कोविड-19 के विरूद्ध फाइजर/बायोटेक और ऑक्सफोर्ड/आस्ट्रेजेनेका के टीकों की दोनों खुराक से प्राप्त सुरक्षा समय बीतने के साथ कम होती चली जा रही है. बुधवार को ब्रिटेन में जारी किये गये एक अध्ययन में यह बात कही गयी है.

गैरलाभकारी एप्प की 'जो कोविड स्टडी' नामक पहल में पिछले साल से ही इस जानलेवा वायरस पर ब्रिटेन समयोजित डाटा पर अध्ययन किया जा रहा है और पाया गया है कि फाइजर/बायोटेक टीके की दोनों खुराक से प्राप्त सुरक्षा पांचवें महीने के 88 फीसद से घटकर छठे महीने में 74 फीसदी रह गई है. भारत में कोविशील्ड के रूप में दिए जा रहे ऑक्सफोर्ड आस्ट्रेजेनेका टीके से प्राप्त सुरक्षा चौथे महीने के 77 फीसद से घटकर पांचवें महीने में 67 फीसदी रह गई है.

इन निष्कर्ष से ब्रिटेन में सबसे अधिक खतरा वाले समूहों को बूस्टर डोज लगाने की ब्रिटिश सरकार की योजना की पुष्टि होती जान पड़ती है जिसके अगले महीने से शुरू होने की संभावना है.

जो कोविड स्टडी के मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने कहा, मेरी राय में तार्किक ढंग से सबसे बुरी स्थिति सर्दियों तक बुजुर्गों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिए इस सुरक्षा का 50 फीसदी के नीचे जाना हो सकता है. हालांकि वह इस बात पर जोर देते हैं कि टीके अब भी सबसे अधिक गंभीर कोविड-19 खासकर बहुत अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप के विरूद्ध कड़ी सुरक्षा देते हैं.

इसे भी पढे़ं-कोविड-19 : बच्चों में वयस्कों के मुकाबले लंबे समय तक बीमारी के लक्षण दुर्लभ

उन्होंने कहा, सुरक्षा का घटते जाना हो संभावित ही है, लेकिन इसकी वजह से टीका नहीं लेना कोई कारण नहीं है. टीके अब भी अधिकतर लोगों को खासकर डेल्टा स्वरूप के विरूद्ध बहुत अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं, इसलिए हमें अब जितना अधिक से हो सके, लोगों को टीका लगाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि टीका बूस्टर की योजना बनाना बहुत जरूरी है और यह भी तय करना होगा कि क्या बच्चों को टीका लगाने की रणनीति से मौतें एवं अस्पतालों में भर्ती कम करने का अंतिम लक्ष्य हासिल होगा.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : कोविड-19 के विरूद्ध फाइजर/बायोटेक और ऑक्सफोर्ड/आस्ट्रेजेनेका के टीकों की दोनों खुराक से प्राप्त सुरक्षा समय बीतने के साथ कम होती चली जा रही है. बुधवार को ब्रिटेन में जारी किये गये एक अध्ययन में यह बात कही गयी है.

गैरलाभकारी एप्प की 'जो कोविड स्टडी' नामक पहल में पिछले साल से ही इस जानलेवा वायरस पर ब्रिटेन समयोजित डाटा पर अध्ययन किया जा रहा है और पाया गया है कि फाइजर/बायोटेक टीके की दोनों खुराक से प्राप्त सुरक्षा पांचवें महीने के 88 फीसद से घटकर छठे महीने में 74 फीसदी रह गई है. भारत में कोविशील्ड के रूप में दिए जा रहे ऑक्सफोर्ड आस्ट्रेजेनेका टीके से प्राप्त सुरक्षा चौथे महीने के 77 फीसद से घटकर पांचवें महीने में 67 फीसदी रह गई है.

इन निष्कर्ष से ब्रिटेन में सबसे अधिक खतरा वाले समूहों को बूस्टर डोज लगाने की ब्रिटिश सरकार की योजना की पुष्टि होती जान पड़ती है जिसके अगले महीने से शुरू होने की संभावना है.

जो कोविड स्टडी के मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने कहा, मेरी राय में तार्किक ढंग से सबसे बुरी स्थिति सर्दियों तक बुजुर्गों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिए इस सुरक्षा का 50 फीसदी के नीचे जाना हो सकता है. हालांकि वह इस बात पर जोर देते हैं कि टीके अब भी सबसे अधिक गंभीर कोविड-19 खासकर बहुत अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप के विरूद्ध कड़ी सुरक्षा देते हैं.

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उन्होंने कहा, सुरक्षा का घटते जाना हो संभावित ही है, लेकिन इसकी वजह से टीका नहीं लेना कोई कारण नहीं है. टीके अब भी अधिकतर लोगों को खासकर डेल्टा स्वरूप के विरूद्ध बहुत अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं, इसलिए हमें अब जितना अधिक से हो सके, लोगों को टीका लगाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि टीका बूस्टर की योजना बनाना बहुत जरूरी है और यह भी तय करना होगा कि क्या बच्चों को टीका लगाने की रणनीति से मौतें एवं अस्पतालों में भर्ती कम करने का अंतिम लक्ष्य हासिल होगा.

(पीटीआई-भाषा)

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