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टीकों की तुलना में कोरोना से दुर्लभ मस्तिष्क स्थितियों का अधिक जोखिम : अध्ययन

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Published : Oct 26, 2021, 8:43 PM IST

ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन के में कहा गया है कि एस्ट्राजेनेका या फाइजर के टीकों की तुलना में कोविड ​​​-19 से तंत्रिका तंत्र संबंधी दुर्लभ स्थितियों का कारण बनने की अधिक संभावना है.

अध्ययन
अध्ययन

लंदन : ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन के में कहा गया है कि एस्ट्राजेनेका या फाइजर के टीकों की तुलना में कोविड ​​​-19 से तंत्रिका तंत्र संबंधी दुर्लभ स्थितियों का कारण बनने की अधिक संभावना है.

सार्स-कोव-2 संक्रमण और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका या फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीकों से जुड़ी तंत्रिका तंत्र संबंधी दुर्लभ जटिलताओं की खबरें आई हैं.

नेचर मेडिसिन पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित अध्ययन में पूरे इंग्लैंड में तीन करोड़ 20 लाख से अधिक लोगों के अनाम स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया.

यह भी पढ़ें- कोविड के चंद मामलों ने क्यों बढ़ाई चीन की चिंता ? क्या दुनिया के लिए नए खतरे की घंटी है ?

अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया कि टीकों की तुलना में कोविड-19 से दुर्लभ मस्तिष्क स्थितियों का अधिक जोखिम है.

(पीटीआई भाषा)

लंदन : ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन के में कहा गया है कि एस्ट्राजेनेका या फाइजर के टीकों की तुलना में कोविड ​​​-19 से तंत्रिका तंत्र संबंधी दुर्लभ स्थितियों का कारण बनने की अधिक संभावना है.

सार्स-कोव-2 संक्रमण और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका या फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीकों से जुड़ी तंत्रिका तंत्र संबंधी दुर्लभ जटिलताओं की खबरें आई हैं.

नेचर मेडिसिन पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित अध्ययन में पूरे इंग्लैंड में तीन करोड़ 20 लाख से अधिक लोगों के अनाम स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया.

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अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया कि टीकों की तुलना में कोविड-19 से दुर्लभ मस्तिष्क स्थितियों का अधिक जोखिम है.

(पीटीआई भाषा)

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