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अदालत ने ओबामा शासनकाल के बाल आव्रजन कार्यक्रम को बताया गैर-कानूनी

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Published : Jul 17, 2021, 8:51 PM IST

डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड एराइवल्स (डीएसीए) नामक कार्यक्रम ओबामा कार्यकाल में 2012 में लाया गया था. जिसके तहत देश में नाबालिग के रूप में आने वाले गैर-कानूनी आव्रजकों को प्रत्यर्पण से सुरक्षा और काम करने की अनुमति मिलती थी.

ओबामा शासनकाल के बाल आव्रजन कार्यक्रम को बताया गैर-कानूनी
ओबामा शासनकाल के बाल आव्रजन कार्यक्रम को बताया गैर-कानूनी

ह्यूस्टन : अमेरिका के टेक्सास प्रांत के एक न्यायाधीश ने बराक ओबामा के शासन काल में अवैध आव्रजक के रूप में अमेरिका में प्रवेश करने वाले नाबालिगों के अधिकारों की रक्षा करने वाले कार्यक्रम को गैर-कानूनी बताया है.

डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड एराइवल्स (डीएसीए) नामक कार्यक्रम ओबामा कार्यकाल में 2012 में लाया गया था. जिसके तहत देश में नाबालिग के रूप में आने वाले गैर-कानूनी आव्रजकों को प्रत्यर्पण से सुरक्षा और काम करने की अनुमति मिलती थी.

बिना दस्तावेज के आए छह लाख से ज्यादा आव्रजकों को इस कानून से सुरक्षा मिली थी. इनमें हजारों की संख्या में भारतीय भी शामिल हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार टेक्सास और रिपब्लिकन पार्टी शासित छह अन्य प्रांतों का अनुरोध स्वीकार करते हुए, अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायाधीश एंड्र्यू हानेन ने अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने इस योजना को शुरू करके अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया था.

इसे भी पढ़े-ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो अभी भी अस्पताल में भर्ती

हानेन ने कहा कि संसद ने गृह विभाग को डीएसीए शुरू करने की अनुमति नहीं दी और उसने आव्रजन अधिकारियों को आव्रजन और नागरिकता कानून के प्रावधानों को हटाने से रोक दिया. न्यायाधीश एंड्र्यू हानेन ने पाया कि नीति को गैर-कानूनी तरीके से लागू किया गया था. एंड्र्यू हानेन ने कहा डीएसीए के तहत आवेदनों को मंजूरी देने पर भी रोक लगाने का आदेश दिया.

न्यायाधीश एंड्र्यू हानेन ने यह भी कहा कि आवेदन स्वीकार किया जा सकता है और इससे डीएसीए के किसी भी मौजूदा लाभार्थी पर कोई असर नहीं होगा.

(पीटीआई-भाषा)

ह्यूस्टन : अमेरिका के टेक्सास प्रांत के एक न्यायाधीश ने बराक ओबामा के शासन काल में अवैध आव्रजक के रूप में अमेरिका में प्रवेश करने वाले नाबालिगों के अधिकारों की रक्षा करने वाले कार्यक्रम को गैर-कानूनी बताया है.

डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड एराइवल्स (डीएसीए) नामक कार्यक्रम ओबामा कार्यकाल में 2012 में लाया गया था. जिसके तहत देश में नाबालिग के रूप में आने वाले गैर-कानूनी आव्रजकों को प्रत्यर्पण से सुरक्षा और काम करने की अनुमति मिलती थी.

बिना दस्तावेज के आए छह लाख से ज्यादा आव्रजकों को इस कानून से सुरक्षा मिली थी. इनमें हजारों की संख्या में भारतीय भी शामिल हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार टेक्सास और रिपब्लिकन पार्टी शासित छह अन्य प्रांतों का अनुरोध स्वीकार करते हुए, अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायाधीश एंड्र्यू हानेन ने अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने इस योजना को शुरू करके अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया था.

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हानेन ने कहा कि संसद ने गृह विभाग को डीएसीए शुरू करने की अनुमति नहीं दी और उसने आव्रजन अधिकारियों को आव्रजन और नागरिकता कानून के प्रावधानों को हटाने से रोक दिया. न्यायाधीश एंड्र्यू हानेन ने पाया कि नीति को गैर-कानूनी तरीके से लागू किया गया था. एंड्र्यू हानेन ने कहा डीएसीए के तहत आवेदनों को मंजूरी देने पर भी रोक लगाने का आदेश दिया.

न्यायाधीश एंड्र्यू हानेन ने यह भी कहा कि आवेदन स्वीकार किया जा सकता है और इससे डीएसीए के किसी भी मौजूदा लाभार्थी पर कोई असर नहीं होगा.

(पीटीआई-भाषा)

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