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भ्रष्टाचार की मार सबसे अधिक निर्धन लोगों पर पड़ी है: संयुक्त राष्ट्र समिति

संयुक्त राष्ट्र की 'अंतरराष्ट्रीय आर्थिक जवाबदेही, पारदर्शिता और ईमानदारी’ की एक समिति ने लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार को लेकर कहा कि इन पैसों से निर्धन लोगों का भला हो सकता था.

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Published : Sep 26, 2020, 9:15 AM IST

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने कहा है कि कर चोरी, भ्रष्टाचार और धनशोधन के कारण सरकारों के अरबों डॉलर जाया हो रहे हैं, जिनका इस्तेमाल विश्व में निर्धन लोगों के कल्याण के लिए हो सकता था.

'अंतरराष्ट्रीय आर्थिक जवाबदेही, पारदर्शिता और ईमानदारी’ पर एक उच्च स्तरीय समिति की गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हो सकता है कि सरकारें समस्याओं और इनके हल पर सहमत नहीं हों, पर वे कॉर्पोरेट कर चोरी के कारण करीब 500 अरब डॉलर का नुकसान उठा रहीं हैं.'

समिति की सह अध्यक्ष और लिथुआनिया की पूर्व राष्ट्रपति दालिया ग्रेबाउसकाइते ने कहा, 'भ्रष्टाचार और कर चोरी तेजी से फैल रहे हैं. बहुत से बैंकों की इसमें मिलीभगत है और पूर्व में बहुत सी सरकारें इसमें लिप्त रही हैं. हम सब को, खास तौर पर विश्व भर के निर्धन लोगों को लूटा जा रहा है.'

उन्होंने कहा कि गरीबी, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी सहित अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए आर्थिक प्रणाली पर भरोसा होना बहुत आवश्यक है.

पढ़ें :- वैश्विक नेताओं की अपील, कोरोना वैक्सीन को लेकर न हो भेदभाव

समिति के दूसरे सह अध्यक्ष नाइजर के प्रधानमंत्री इब्राहिम मयाकी ने कहा, 'भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों से निपटने में हमारी नाकामी, कोविड-19 ने और उजागर कर दी है.'

इस समिति का लक्ष्य घोर गरीबी को समाप्त करने, पर्यावरण को बचाने और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र के 2030 के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करना है.

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने कहा है कि कर चोरी, भ्रष्टाचार और धनशोधन के कारण सरकारों के अरबों डॉलर जाया हो रहे हैं, जिनका इस्तेमाल विश्व में निर्धन लोगों के कल्याण के लिए हो सकता था.

'अंतरराष्ट्रीय आर्थिक जवाबदेही, पारदर्शिता और ईमानदारी’ पर एक उच्च स्तरीय समिति की गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हो सकता है कि सरकारें समस्याओं और इनके हल पर सहमत नहीं हों, पर वे कॉर्पोरेट कर चोरी के कारण करीब 500 अरब डॉलर का नुकसान उठा रहीं हैं.'

समिति की सह अध्यक्ष और लिथुआनिया की पूर्व राष्ट्रपति दालिया ग्रेबाउसकाइते ने कहा, 'भ्रष्टाचार और कर चोरी तेजी से फैल रहे हैं. बहुत से बैंकों की इसमें मिलीभगत है और पूर्व में बहुत सी सरकारें इसमें लिप्त रही हैं. हम सब को, खास तौर पर विश्व भर के निर्धन लोगों को लूटा जा रहा है.'

उन्होंने कहा कि गरीबी, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी सहित अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए आर्थिक प्रणाली पर भरोसा होना बहुत आवश्यक है.

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समिति के दूसरे सह अध्यक्ष नाइजर के प्रधानमंत्री इब्राहिम मयाकी ने कहा, 'भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों से निपटने में हमारी नाकामी, कोविड-19 ने और उजागर कर दी है.'

इस समिति का लक्ष्य घोर गरीबी को समाप्त करने, पर्यावरण को बचाने और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र के 2030 के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करना है.

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