वाशिंगटन : अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वुहान शहर में कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद चीन ने स्थिति को ठीक से नहीं संभाला. हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस एशियाई देश के खिलाफ जवाबी कार्रवाई पर कोई निर्णायक उत्तर नहीं दिया.
चीन के वुहान शहर में नवंबर के मध्य में सबसे पहले सामने आए नए कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 2,35,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 64,000 अमेरिकी शामिल हैं. इस वायरस से विश्व में 33 लाख लोग संक्रमित हुए हैं.
अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने दुनियाभर में कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चीन को जिम्मेदार ठहराया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वायरस से ठीक ढंग से नहीं निपटने का आरोप लगाते हुए चीन को दंडित करने के औजार के रूप में आयात शुल्क वृद्धि के संकेत दिए थे.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनी से उनके पहले संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि, 'राष्ट्रपति द्वारा कल यह सुझाव दिए जाने के बाद आज बाजारों में गिरावट आई है और क्या कोरोना वायरस को लेकर चीन को दंडित करने के लिए आयात शुल्क वृद्धि का इस्तेमाल किया जा सकता है. क्या चीन पर नए शुल्क लगाने के लिए कोई गंभीर विचार किया जा रहा है ?'
मैकनी ने पत्रकारों से कहा कि मैं राष्ट्रपति की किसी भी घोषणा को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दूंगी, लेकिन मैं चीन को लेकर राष्ट्रपति की नाराजगी का समर्थन करूंगी. यह कोई रहस्य नहीं है कि चीन ने इस स्थिति को ठीक से नहीं संभाला.
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उन्होंने कहा कि केवल कुछ बातें आपके सामने रखती हूं. चीन ने उस समय तक इस वायरस की उत्पत्ति के बारे में जानकारी साझा नहीं की, जब तक यह बात शंघाई के एक प्रोफेसर ने नहीं बताई .
अगले दिन चीन ने अपनी प्रयोगशाला बंद कर दी. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ-साथ मानव से मानव में संक्रमण के बारे में धीरे-धीरे सूचना दी और एक महत्वपूर्ण समय में अमेरिकी जांचकर्ताओं को जाने नहीं दिया गया.'
उन्होंने कहा कि इसलिए चीन की कार्रवाई को लेकर नाराजगी है लेकिन फिर से जवाबी कार्रवाई की बात आती है तो मैं इस संबंध में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगी.