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न्यूयॉर्क में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में जो बाइडेन की जीत

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया के तहत जो बाइडेन ने न्यूयॉर्क में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल कर ली है. बराक ओबामा के शासन काल में उप राष्ट्रपति रहे बाइडन को इसके साथ ही नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रत्याशी चुन लिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

प्राइमरी चुनाव में जो बाइडेन की जीत
प्राइमरी चुनाव में जो बाइडेन की जीत
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Published : Jun 24, 2020, 1:45 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए न्यूयॉर्क में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में जो बाइडेन ने जीत हासिल कर ली है. मंगलवार को घोषित चुनाव परिणाम में बाइडेन की जीत तय ही मानी जा रही थी, क्योंकि न्यूयॉर्क डेमोक्रेटिक पार्टी का गढ़ है. बाइडेन ने प्राइमरी चुनाव जीतने के लिए आवश्यक डेलीगेट्स का समर्थन हासिल कर लिया है.

कौन हैं जो बाइडेन
जो बाइडेन अमेरिकी राजनेता हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में 2009 से 2017 तक देश के 47वें उप राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया.

बराक ओबामा के शासन काल में उप राष्ट्रपति रहे बाइडन को औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव का प्रत्याशी चुन लिया गया है.

पढ़ें : ट्रंप का तंज- बाइडेन कट्टरपंथी वाम खेमे की 'असहाय कठपुतली'

बाइडेन अपने समर्थकों के बीच में विदेश नीति के विशेषज्ञ के तौर पर मशहूर हैं. उनके पास वॉशिंगटन डी.सी. में राजनीति करने का लंबा अनुभव है. जो के बारे में मशहूर है कि वह काफी अच्छे वक्ता हैं और बड़ी आसानी से लोगों का दिल जीत लेते हैं.

कैसे होता है अमेरिका में राष्ट्रपति के उम्मीदवार का चयन

  • अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले पार्टियां अपने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों का चयन करती हैं.
  • अमेरिका में हर 4 साल में राष्ट्रपति के चुनाव होते हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार को चुनने में कुछ महीनों का वक्त लग जाता है.
  • हर अमेरिकी राज्य में पार्टी के सदस्य डेलीगेट्स चुनते हैं.
  • हर राज्य के अलग-अलग संख्या में डेलीगेट्स चुने जाते हैं.
  • फिर ये ही डेलीगेट्स राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चुनते हैं.
  • जिस उम्मीदवार के पास सबसे ज्यादा डेलीगेट्स होते हैं, वही राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनता है.
  • हर राज्य की आबादी के हिसाब से डेलीगेट्स की संख्या रखी गई है.
  • एक उम्मीदवार की जीत के लिए 1990 का मैजिक नंबर है.
  • इसका मतलब है कि अगर कैंडिडेट आधे से ज्यादा डेलीगेट्स हासिल करने में कामयाब होते हैं, तभी वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन सकते हैं.

राज्य में संसद के लिए भी प्राइमरी चुनाव हो रहे हैं, जिनमें एलियट एंगेल और जमाल बोमन के बीच कड़ा मुकाबला है.

वॉशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए न्यूयॉर्क में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में जो बाइडेन ने जीत हासिल कर ली है. मंगलवार को घोषित चुनाव परिणाम में बाइडेन की जीत तय ही मानी जा रही थी, क्योंकि न्यूयॉर्क डेमोक्रेटिक पार्टी का गढ़ है. बाइडेन ने प्राइमरी चुनाव जीतने के लिए आवश्यक डेलीगेट्स का समर्थन हासिल कर लिया है.

कौन हैं जो बाइडेन
जो बाइडेन अमेरिकी राजनेता हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में 2009 से 2017 तक देश के 47वें उप राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया.

बराक ओबामा के शासन काल में उप राष्ट्रपति रहे बाइडन को औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव का प्रत्याशी चुन लिया गया है.

पढ़ें : ट्रंप का तंज- बाइडेन कट्टरपंथी वाम खेमे की 'असहाय कठपुतली'

बाइडेन अपने समर्थकों के बीच में विदेश नीति के विशेषज्ञ के तौर पर मशहूर हैं. उनके पास वॉशिंगटन डी.सी. में राजनीति करने का लंबा अनुभव है. जो के बारे में मशहूर है कि वह काफी अच्छे वक्ता हैं और बड़ी आसानी से लोगों का दिल जीत लेते हैं.

कैसे होता है अमेरिका में राष्ट्रपति के उम्मीदवार का चयन

  • अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले पार्टियां अपने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों का चयन करती हैं.
  • अमेरिका में हर 4 साल में राष्ट्रपति के चुनाव होते हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार को चुनने में कुछ महीनों का वक्त लग जाता है.
  • हर अमेरिकी राज्य में पार्टी के सदस्य डेलीगेट्स चुनते हैं.
  • हर राज्य के अलग-अलग संख्या में डेलीगेट्स चुने जाते हैं.
  • फिर ये ही डेलीगेट्स राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चुनते हैं.
  • जिस उम्मीदवार के पास सबसे ज्यादा डेलीगेट्स होते हैं, वही राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनता है.
  • हर राज्य की आबादी के हिसाब से डेलीगेट्स की संख्या रखी गई है.
  • एक उम्मीदवार की जीत के लिए 1990 का मैजिक नंबर है.
  • इसका मतलब है कि अगर कैंडिडेट आधे से ज्यादा डेलीगेट्स हासिल करने में कामयाब होते हैं, तभी वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन सकते हैं.

राज्य में संसद के लिए भी प्राइमरी चुनाव हो रहे हैं, जिनमें एलियट एंगेल और जमाल बोमन के बीच कड़ा मुकाबला है.

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