वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत अमेरिकी व्यक्तियों द्वारा 'तथाकथित' डोनेट्स्क और लुहान्स्क गणराज्य (so-called Donetsk and Luhansk People's Republics) में सभी नए निवेश, व्यापार और वित्तपोषण पर रोक लगा दी गयी है.
बाइडेन ने एक ट्वीट में कहा, 'मैंने रूस को अंतरराष्ट्रीय कानून के घोर उल्लंघन से लाभ का मौका देने से इनकार करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. हम अगले कदमों पर यूक्रेन सहित सहयोगियों और भागीदारों के साथ लगातार परामर्श कर रहे हैं.'
बाइडेन द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया, ' मिन्स्क समझौतों (Minsk agreements ) के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं से यूक्रेन की शांति, स्थिरता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को और खतरा है, और इस तरह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा है.' न्यूज एजेंसी को एक सूत्र ने बताया कि अमेरिका और सहयोगियों ने सोमवार को यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तत्काल बैठक का अनुरोध किया है.
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पुतिन ने सोमवार को डोनेट्स्क और लुहान्स्क को यूक्रेन से अलग गणराज्य के रूप में मान्यता दे दी. रूस की घोषणा के बाद अमेरिका ने कहा कि वह जल्द ही यूक्रेन में रूस समर्थित दो अलगाववादी क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगाएगा. अमेरिका ने तथाकथित डोनेट्स्क और लुहान्स्क को गणराज्य के रूप में मान्यता देने के पुतिन के फैसले की कड़ी निंदा की.
गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन की सीमाओं पर तीन ओर करीब 1,50,000 सैनिक एकत्र कर लिए हैं जो शीत युद्ध के बाद सबसे बड़ी तैनाती है. वहीं, पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन पर हमले के लिए बस कारण तलाश रहे हैं, क्योंकि उसने (यूक्रेन) रूस के साथ आने से मना कर दिया है.
हालांकि, मास्को ने यूक्रेन पर हमले की योजना से इंकार किया है, लेकिन चाहता है कि पश्चिमी देश इसकी गारंटी दे कि नाटो यूक्रेन सहित पूर्व सोवियत संघ के अन्य देशों को संगठन में बतौर सदस्य शामिल नहीं करेगा. रूस ने यूक्रेन में नाटो द्वारा हथियारों की तैनाती रोकने और पूर्वी यूरोप में तैनात बलों को वापस बुलाने की मांग रखी है.
(एएनआई)