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यूएनएसी की स्थाई सदस्यता : 'राष्ट्रपति बनने पर बाइडेन करेंगे भारत की मदद' - US President

अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन अगर राष्ट्रपति बनते है तो वह भारत को यूएनएसी का स्थायी सदस्य बनने में मदद करेंगे. बता दें, पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा अमेरिका में भारत के राजदूत थे.

-biden may favour india as US President
जो बाइडेन
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Published : Jul 19, 2020, 6:14 PM IST

वॉशिंगटन : भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन अगर नवंबर में होने वाले चुनाव जीत जाते हैं तो वह संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को नया रूप देने में मदद करेंगे ताकि भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट मिल सके.

भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र तथा सुरक्षा परिषद में कई तरह के सुधार किए जाने पर जोर दे रहा है. उसका कहना है कि इसका स्वरूप वर्तमान वास्तविकताओं को नहीं दर्शाता है और ना ही उसका उचित प्रतिनिधित्व करता है.

शनिवार को वर्मा ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनके (बाइडेन के) नेतृत्व में, वह संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को नया रूप देने में मदद करेंगे ताकि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन सकें. वह एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में भी भारत की स्थिति भी मजबूत करेंगे.' अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस,रूस और चीन इसके पांच स्थायी सदस्य हैं. इलमें केवल चीन ही भारत को यूएनएससी का स्थाई सदस्य बनाने का विरोध करता है.

यह भी पढ़ें- अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव : अहम भूमिका निभा सकते हैं भारतीय-अमेरिकी

उन्होंने कहा, 'वह (बाइडेन) हमारे नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे. इसका मतलब है कि सीमा पार आतंकवाद के मामले में और जब उसके (भारत के) पड़ोसी यथास्थिति बदलने की कोशिश करेंगे तो वह भारत के साथ खड़े रहेंगे.'

वॉशिंगटन : भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन अगर नवंबर में होने वाले चुनाव जीत जाते हैं तो वह संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को नया रूप देने में मदद करेंगे ताकि भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट मिल सके.

भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र तथा सुरक्षा परिषद में कई तरह के सुधार किए जाने पर जोर दे रहा है. उसका कहना है कि इसका स्वरूप वर्तमान वास्तविकताओं को नहीं दर्शाता है और ना ही उसका उचित प्रतिनिधित्व करता है.

शनिवार को वर्मा ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनके (बाइडेन के) नेतृत्व में, वह संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को नया रूप देने में मदद करेंगे ताकि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन सकें. वह एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में भी भारत की स्थिति भी मजबूत करेंगे.' अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस,रूस और चीन इसके पांच स्थायी सदस्य हैं. इलमें केवल चीन ही भारत को यूएनएससी का स्थाई सदस्य बनाने का विरोध करता है.

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उन्होंने कहा, 'वह (बाइडेन) हमारे नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे. इसका मतलब है कि सीमा पार आतंकवाद के मामले में और जब उसके (भारत के) पड़ोसी यथास्थिति बदलने की कोशिश करेंगे तो वह भारत के साथ खड़े रहेंगे.'

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