मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण 14 कलाकृतियां भारत को लौटाएगा. जिसमें कांसे और पत्थर की मूर्तियां, चित्रित स्क्रॉल तथा तस्वीरें आदि शामिल हैं. इनमें से कुछ भारत से संभवत: चुराई गई और गैरकानूनी रूप से खुदाई करके निकाली गई या अनैतिक रूप से हासिल की गई मूर्तियां और पत्थर है.
कैबिनेट मंत्री जी के किशन रेडी ने कहा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय गैलरी द्वारा सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रूप से प्रासंगिक 15 कलाकृतियों को भारत वापस लाया जाएगा.
- श्रीनाथ जी की पेंटिंग्स,
- रागमाला श्रृंखला से पृष्ठ,
- यक्ष भैरव,
- काली यंत्र,
- विस्तृत साड़ी वाली युवती,
- श्री लक्ष्मण चंद जी श्री दुर्शम राम जी के सामने,
- कृष्ण और अर्जुन,
- वराह पृथ्वी देवी को बचाते हुए,
- कामुक युगल,
- शिव और पार्वती,
- बरगद के पत्ते पर बेबी कृष्ण,
- एक सज्जन का पोर्ट्रेट
वहीं इसमें तमिलनाडु की 3 मूर्तियां, जिसमें शिव भैरव की बलुआ पत्थर की छवि के साथ-साथ बाल संत चंडीकेश्वर और नृत्य सांभर की दो कांस्य मूर्तियां शामिल हैं.
नेशनल गैलरी ऑफ ऑस्ट्रेलिया (एनजीए) ने गुरुवार को घोषणा कि वह अपने एशियाई कला संग्रह से इन कलाकृतियों को भारत सरकार को लौटाएगा. जिन कलाकृतियों को लौटाया जाना है. उनमें 13 वस्तु भारतीय डीलर सुभाष कपूर से और एक कलाकृति विलियम वोल्फ से ली गई हैं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, यह चौथी बार है जब एनजीए ने कपूर द्वारा खरीदी कलाकृतियां भारत सरकार को लौटाई हैं. इनमें कांसे या पत्थर की छह मूर्तियां, पीतल की एक कलाकृति, एक चित्रित स्क्रॉल और छह तस्वीरें शामिल हैं. कपूर के खिलाफ कलाकृतियों का वैश्विक तस्करी गिरोह चलाने के आरोप में भारत में मुकदमा लंबित है.
इन कलाकृतियों को भारत भेजने से पहले इनकी उत्पत्ति के स्थान का पता लगाया जाएगा. एनजीए के निदेशक निक मित्जेविक ने कहा कि ये कदम संग्रहों के नैतिक प्रबंधन में अगुवा होने की नेशनल गैलरी की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं.
उन्होंने कहा, इस बदलाव के पहले परिणाम के तौर पर गैलरी भारतीय कला संग्रह से 14 वस्तुओं को उसके मूल देश को लौटा रही है. यह सांस्कृतिक जिम्मेदारी है और ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के बीच सहयोग का परिणाम है. हम भारत सरकार के सहयोग के लिए उनके आभारी है और हम खुश है कि अब सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण इन वस्तुओं को लौटा सकते हैं.
ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार और नेशनल गैलरी का कलाकृतियों को लौटाने के फैसले का स्वागत किया. एनजीए निदेशक ने कहा कि गैलरी का मानना है कि छह कलाकृतियां भारत से संभवत: चुराई गई और अवैध तौर पर निकाली गई है.
एनजीए ने कपूर की आर्ट ऑफ द पास्ट गैलरी की 22 कलाकृतियों के लिए पिछले कुछ वर्षों में 1.7 करोड़ डॉलर खर्च किए जिसमें 11वीं सदी की चोला कांसे की मूर्ति शिव नटराज भी शामिल थी. जिसके लिए एनजीए ने 2008 में 50 लाख डॉलर से अधिक खर्च किए थे.
जब भारतीय पुलिस ने 2012 में कपूर को गिरफ्तार किया तो उन्होंने चुराई गई वस्तुओं में शिव की नृत्य वाली मूर्ति को भी सूचीबद्ध किया और जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि यह मूर्ति दक्षिण भारत में एक मंदिर से निकाली गई थी. 2014 में तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने यह मूर्ति भारत के प्रधानमंत्री मोदी को सौंप दी थी.
(पीटीआई-भाषा)