वॉशिंगटन : अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) के निदेशक क्रिस रे ने सांसदों के समक्ष कहा है कि एंटीफा एक विचारधारा है, कोई संगठन नहीं. उनके इस बयान से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ रिश्ते और खराब होने की आशंका है, जिन्होंने कहा था कि वह इसे आतंकवादी समूह करार देंगे.
सुनवाई के कुछ घंटे बाद ट्रंप ने एफबीआई निदेशक को एंटीफा और चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर दिए गए उनके बयान के लिए ट्विटर के सहारे आड़े हाथों लिया. बता दें कि अमेरिकी सुरक्षा को खतरे को लेकर हुई सुनवाई में दोनों मुद्दे प्रमुख रहे.
एंटीफा का संदर्भ देते हुए राष्ट्रपति ने लिखा कि मैं उन्हें भलीभांति वित्तपोषित अराजक तत्वों और ठगों का गुट मानता हूं जो इसलिए सुरक्षित हैं क्योंकि कॉमी/म्यूलर से प्रेरित एफबीआई यह पता लगाने में अक्षम है या अनिच्छुक है कि वित्तपोषण कहां से हो रहा है और वह उन्हें 'हत्या' करने के बावजूद बचने दे रही है.
उल्लेखनीय है कि क्रिस रे तीन साल तक बचते रहने की कोशिशों के बाद अंतत: सुर्खियों में आ गये. इससे पहले उनके पूर्ववर्ती जेम्स कॉमी भी राजनीति में फंस गये थे और अंतत: उन्हें हटा दिया गया था.
क्रिस रे ने गुरुवार को कहा था कि एफबीआई ने ट्रंप के अभियान और रूस के बीच संबंधों की जांच में अस्वीकार्य गलती की थीं. वहीं, ट्रंप कई बार समस्याओं का समाधान करने की गति को लेकर रे पर निशाना साध चुके हैं और रूसी जांच को लेकर अपने इस खुफिया समूह को संदेह के साथ देखते रहे हैं.
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एफबीआई के निदेशक ने बृहस्पतिवार को इसका विरोध नहीं किया कि एंटीफा कार्यकर्ता गंभीर चिंता का विषय है. हालांकि उन्होंने कहा कि एफबीआई की जांच से जो संकेत मिले हैं उससे हम उन्हें हिंसक और अराजकतावादी कट्टरपंथी के तौर पर उल्लेख कर सकते हैं, लेकिन यह समूह या संगठन नहीं है. यह एक आंदोलन या विचारधारा है.
गौरतलब है कि फांसीवादी विरोधियों (एंटी-फासिस्ट) को संक्षेप में एंटीफा कहते हैं. घोर वामपंथी समूहों के लिए भी इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. ट्रंप मानते हैं कि जून में काले अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हिंसा के लिए एंटीफा ही जिम्मेदार हैं.