वॉशिंगटन : कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के खिलाफ भारत की लड़ाई में उसे पार्टी और वैचारिक सिद्धांतों से ऊपर उठकर अमेरिका का अभूतपूर्व सहयोग मिल रहा है. पिछले कई हफ्ते में भारत में इस घातक संक्रमण से हजारों लोगों की जान जा चुकी है.
डेमोक्रेटिक एवं रिपब्लिकन पार्टी के न केवल कई अमेरिकी सांसद बल्कि प्रगतिशील, नरमपंथियों एवं उदारवादियों के साथ ही कांग्रेस के अश्वेत समूह एवं हिस्पैनिक्स ने किसी विदेशी राष्ट्र की सहायता के लिए पूरे प्रशासन के साथ-साथ कॉरपोरेट दुनिया पर सहयोग करने का दबाव बनाया है.
सहयोग के इस प्रयास में राष्ट्रपति जो बाइडन खुद ही निजी तौर पर रूचि ले रहे हैं. वहीं यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में अमेरिका भारत बिजनेस काउंसिल और अमेरिका भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच, भारत का सहयोग करने के लिए शीर्ष 40 सीईओ को एक मंच पर लेकर आया है.
पिछले कई हफ्ते से भारत महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है. देश के अस्पताल चिकित्सीय ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं.
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़े के मुताबिक भारत में एक दिन में कोविड-19 के कारण 4529 लोगों की मौत हो गई जिससे मृतकों की कुल संख्या 2,38,248 हो गई है, जबकि 2,67,334 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या 2,54,96,330 हो गई है.
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इस महीने के अंत तक अमेरिकी सहयोग एक अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. यह जानकारी सहायता की निगरानी करने वालों ने दी. इसके लिए भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक काफी धन भी जुटा रहे हैं.
अमेरिका की तरफ से ऐसा सहयोग बिरले ही दिखता है और इसमें सहयोग कर रहे हैं अमेरिका में भारत के शीर्ष राजनयिक तरणजीत सिंह संधू जिन्होंने पिछले कुछ हफ्ते में कई सौ बैठकें की हैं और इनमें कई बैठकें सोशल मीडिया पर भी आई हैं.
संधू ने इन बैठकों के बारे में कहा, केवल सामूहिक रूप से ही हम इस अभूतपूर्व वैश्विक चुनौती से लड़ सकते है.