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संयुक्त राष्ट्र परमाणु प्रतिबंध संधि से पीछे हटें देश, अमेरिका ने की अपील - nuclear treaty

अमेरिका ने देशों से संयुक्त राष्ट्र परमाणु प्रतिबंध संधि से पीछे हटने की अपील की है. यह संधि परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाती है. पढ़ें पूरी खबर...

nuclear treaty
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Published : Oct 22, 2020, 7:58 PM IST

न्यूयॉर्क : अमेरिका ने परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली संयुक्त राष्ट्र की संधि की पुष्टि करने वाले देशों से इससे पीछे हटने की अपील की है.

इस संधि को लागू करने के लिए 50 देशों की पुष्टि की जरूरत है और समर्थकों का कहना है कि इसे इस सप्ताह मंजूरी मिल सकती है.

इस संधि को मंजूरी देने वाले देशों को अमेरिका द्वारा लिखे पत्र में कहा गया कि पांच मूल परमाणु शक्तियां - अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस तथा अमेरिका के नाटो सहयोगी संधि के संभावित नतीजों को लेकर हमारे विरोध का समर्थन कर रहे हैं.

उसने कहा कि संधि से हम वापस निरस्त्रीकरण के दौर में पहुंच जाएंगे, जो आधी सदी पुरानी परमाणु अप्रसार संधि के लिए खतरनाक है, जिसे वैश्विक अप्रसार प्रयासों के लिए मील का पत्थर माना जाता है.

पत्र में कहा गया है, हालांकि, हम परमाणु हथियार निषेध संधि (टीपीएनडब्ल्यू) का समर्थन करने के आपके अधिकार को स्वीकार करते हैं, लेकिन हमारा मानना है कि आपने एक रणनीतिक त्रुटि की है और आपको समर्थन वापस लेना चाहिए.

पढ़ें :- परमाणु परीक्षण के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस आज, जानें मकसद

संधि के तहत इसकी पुष्टि करने वाला कोई भी देश किसी भी परिस्थिति में कभी भी परमाणु हथियार या अन्य परमाणु विस्फोटक उपकरण विकसित नहीं कर सकता, उनका परीक्षण, उत्पादन, निर्माण नहीं कर सकता और उन्हें रख भी नहीं सकता. यह परमाणु हथियारों या परमाणु विस्फोटक उपकरणों के किसी भी हस्तांतरण या उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाता है.

न्यूयॉर्क : अमेरिका ने परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली संयुक्त राष्ट्र की संधि की पुष्टि करने वाले देशों से इससे पीछे हटने की अपील की है.

इस संधि को लागू करने के लिए 50 देशों की पुष्टि की जरूरत है और समर्थकों का कहना है कि इसे इस सप्ताह मंजूरी मिल सकती है.

इस संधि को मंजूरी देने वाले देशों को अमेरिका द्वारा लिखे पत्र में कहा गया कि पांच मूल परमाणु शक्तियां - अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस तथा अमेरिका के नाटो सहयोगी संधि के संभावित नतीजों को लेकर हमारे विरोध का समर्थन कर रहे हैं.

उसने कहा कि संधि से हम वापस निरस्त्रीकरण के दौर में पहुंच जाएंगे, जो आधी सदी पुरानी परमाणु अप्रसार संधि के लिए खतरनाक है, जिसे वैश्विक अप्रसार प्रयासों के लिए मील का पत्थर माना जाता है.

पत्र में कहा गया है, हालांकि, हम परमाणु हथियार निषेध संधि (टीपीएनडब्ल्यू) का समर्थन करने के आपके अधिकार को स्वीकार करते हैं, लेकिन हमारा मानना है कि आपने एक रणनीतिक त्रुटि की है और आपको समर्थन वापस लेना चाहिए.

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संधि के तहत इसकी पुष्टि करने वाला कोई भी देश किसी भी परिस्थिति में कभी भी परमाणु हथियार या अन्य परमाणु विस्फोटक उपकरण विकसित नहीं कर सकता, उनका परीक्षण, उत्पादन, निर्माण नहीं कर सकता और उन्हें रख भी नहीं सकता. यह परमाणु हथियारों या परमाणु विस्फोटक उपकरणों के किसी भी हस्तांतरण या उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाता है.

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