ETV Bharat / international

पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों में सैन्य ठिकाना बना सकता है चीन - अमेरिकी रक्षा विभाग

अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन, पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों में सैन्य ठिकाना बना सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक PRC ने म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, सेशेल्स, तंजानिया, अंगोला और ताजिकिस्तान में PLA सैन्य रसद सुविधाओं के लिए स्थानों पर विचार किया है.

कॉन्सेप्ट इमेज
कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Sep 7, 2020, 8:48 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिकी रक्षा विभाग ने कांग्रेस को चीनी सेना की वर्तमान क्षमता और भविष्य की तैयारियों को लेकर अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि चीन ने अपना सैन्य ठिकाना बनाने के लिए जिन देशों को चुना है, उनमें पाकिस्तान भी शामिल है.

पिछले हफ्ते प्रकाशित रक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, PRC पीएलए को इस परियोजना के लिए और अधिक दूरी पर सैन्य शक्ति बनाए रखने की अनुमति देने के लिए एक मजबूत विदेशी रसद और आधारभूत संरचना स्थापित करने की मांग कर रहा है.

जिबूती में अपने वर्तमान आधार से परे, PRC नौसेना, वायु और जमीनी बलों का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त विदेशी सैन्य रसद सुविधाओं के लिए योजना बनाने की संभावना है.

रिपोर्ट के मुताबिक PRC ने म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, सेशेल्स, तंजानिया, अंगोला और ताजिकिस्तान में PLA सैन्य रसद सुविधाओं के लिए स्थानों पर विचार किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पाकिस्तान से गुजरने वाले 'वन बेल्ट-वन रोड' प्रोजेक्ट के तहत चीन पाइपलाइन और बंदरगाह का निर्माण भी कर रहा है.

दरअसल, चीन को डर है कि मलक्का की खाड़ी जैसे रणनीतिक जलमार्गों से ऊर्जा संसाधनों की आवाजाही खतरे से खाली नहीं है. यहां कभी भी उसका रास्ता रोका जा सकता है. इसलिए चीन वैकल्पिक रास्ते स्थापित करने में लगा है.

इस प्रोजेक्ट के माध्यम से चीन एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश कर रहा है. इनमें अपनी क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत बनाना, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाना, रूस, पाकिस्तान और ASEAN देशों की सेना के साथ रिश्ते बेहतर करना शामिल है.

पढ़ें - लापता भारतीयों पर चीन मौन, अरुणाचल को फिर बताया अपना

पीपुल्स रिपब्लिकन आॉफ चाईना OBOR को चीन की पश्चिमी और दक्षिणी परिधि के साथ परियोजनाओं में निवेश करने के लिए स्थिरता प्रदान करता है.

इसी तरह, पाकिस्तान में पाइपलाइनों और बंदरगाह निर्माण से जुड़ी OBOR परियोजनाएं रणनीतिक चोक पॉइंट्स जैसे मलक्का जल के माध्यम से ऊर्जा संसाधनों के परिवहन पर चीन की निर्भरता को कम करने का इरादा रखती हैं.

वॉशिंगटन : अमेरिकी रक्षा विभाग ने कांग्रेस को चीनी सेना की वर्तमान क्षमता और भविष्य की तैयारियों को लेकर अपनी वार्षिक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि चीन ने अपना सैन्य ठिकाना बनाने के लिए जिन देशों को चुना है, उनमें पाकिस्तान भी शामिल है.

पिछले हफ्ते प्रकाशित रक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, PRC पीएलए को इस परियोजना के लिए और अधिक दूरी पर सैन्य शक्ति बनाए रखने की अनुमति देने के लिए एक मजबूत विदेशी रसद और आधारभूत संरचना स्थापित करने की मांग कर रहा है.

जिबूती में अपने वर्तमान आधार से परे, PRC नौसेना, वायु और जमीनी बलों का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त विदेशी सैन्य रसद सुविधाओं के लिए योजना बनाने की संभावना है.

रिपोर्ट के मुताबिक PRC ने म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, सेशेल्स, तंजानिया, अंगोला और ताजिकिस्तान में PLA सैन्य रसद सुविधाओं के लिए स्थानों पर विचार किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पाकिस्तान से गुजरने वाले 'वन बेल्ट-वन रोड' प्रोजेक्ट के तहत चीन पाइपलाइन और बंदरगाह का निर्माण भी कर रहा है.

दरअसल, चीन को डर है कि मलक्का की खाड़ी जैसे रणनीतिक जलमार्गों से ऊर्जा संसाधनों की आवाजाही खतरे से खाली नहीं है. यहां कभी भी उसका रास्ता रोका जा सकता है. इसलिए चीन वैकल्पिक रास्ते स्थापित करने में लगा है.

इस प्रोजेक्ट के माध्यम से चीन एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश कर रहा है. इनमें अपनी क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत बनाना, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाना, रूस, पाकिस्तान और ASEAN देशों की सेना के साथ रिश्ते बेहतर करना शामिल है.

पढ़ें - लापता भारतीयों पर चीन मौन, अरुणाचल को फिर बताया अपना

पीपुल्स रिपब्लिकन आॉफ चाईना OBOR को चीन की पश्चिमी और दक्षिणी परिधि के साथ परियोजनाओं में निवेश करने के लिए स्थिरता प्रदान करता है.

इसी तरह, पाकिस्तान में पाइपलाइनों और बंदरगाह निर्माण से जुड़ी OBOR परियोजनाएं रणनीतिक चोक पॉइंट्स जैसे मलक्का जल के माध्यम से ऊर्जा संसाधनों के परिवहन पर चीन की निर्भरता को कम करने का इरादा रखती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.