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देश में हिंसा फैलाने वालाें की खैर नहीं, जानें क्याें इतने सख्त हुए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति

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Published : Jul 19, 2021, 10:13 AM IST

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि कानून अपने हाथ में लेने वालों को जड़ जमाने नहीं दिया जाएगा.

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जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने नेल्सन मंडेला अंतरराष्ट्रीय दिवस पर आयोजित वेबिनार में अपने संबोधन में कहा कि देश में हिंसा को, कानून अपने हाथ में लेने वालों और कानून के स्वयंभू पहरेदारों को जड़ जमाने नहीं दिया जाएगा.

रामाफोसा ने रविवार को कहा कि यह खास तौर पर महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि हमलोग विशेषकर क्वाजुलु नटाल (प्रांत) में नस्ली तनाव और नस्ली हिंसा की बढ़ती घटनाओं को लेकर खबरें देख रहे हैं.

राष्ट्रपति पिछले कुछ दिनों से भारतवंशी बहुल क्षेत्र फीनिक्स, उत्तरी डरबन में चल रही हिंसा का हवाला दे रहे थे जहां कुछ समूहों ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की जेल की सजा के विरोध में हुए प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद सप्ताह भर चली हिंसा, लूटपाट और आगजनी की घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्र के प्रवेश मार्गों को अवरूद्ध कर दिया था.

जुमा को सात जुलाई को जेल की सजा सुनाए जाने के बाद ये प्रदर्शन शुरू हुए. लेकिन बाद में ये व्यापक लूटपाट और आगजनी में तब्दील हो गए. देश की शीर्ष अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत की अवमानना के लिए जुमा को 15 महीने जेल की सजा सुनाई है.

इसे भी पढ़ें : कोविड-19 : द. अफ्रीका ने लॉकडाउन में ढील के लिए घोषित की पांच-स्तरीय योजना

फीनिक्स के आस पास के तीन अश्वेत बहुल शहरों के निवासियों से यह शिकायत मिली थी कि उन्हें इलाके में घुसने नहीं दिया जा रहा है, यहां तक कि उन्हें अपने कार्यस्थल पर भी नहीं जाने दिया जा रहा है. फीनिक्स में 20 लोगों के मारे जाने और अन्य के लापता होने की खबर है.

(पीटीआई-भाषा)

जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने नेल्सन मंडेला अंतरराष्ट्रीय दिवस पर आयोजित वेबिनार में अपने संबोधन में कहा कि देश में हिंसा को, कानून अपने हाथ में लेने वालों और कानून के स्वयंभू पहरेदारों को जड़ जमाने नहीं दिया जाएगा.

रामाफोसा ने रविवार को कहा कि यह खास तौर पर महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि हमलोग विशेषकर क्वाजुलु नटाल (प्रांत) में नस्ली तनाव और नस्ली हिंसा की बढ़ती घटनाओं को लेकर खबरें देख रहे हैं.

राष्ट्रपति पिछले कुछ दिनों से भारतवंशी बहुल क्षेत्र फीनिक्स, उत्तरी डरबन में चल रही हिंसा का हवाला दे रहे थे जहां कुछ समूहों ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की जेल की सजा के विरोध में हुए प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद सप्ताह भर चली हिंसा, लूटपाट और आगजनी की घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्र के प्रवेश मार्गों को अवरूद्ध कर दिया था.

जुमा को सात जुलाई को जेल की सजा सुनाए जाने के बाद ये प्रदर्शन शुरू हुए. लेकिन बाद में ये व्यापक लूटपाट और आगजनी में तब्दील हो गए. देश की शीर्ष अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत की अवमानना के लिए जुमा को 15 महीने जेल की सजा सुनाई है.

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फीनिक्स के आस पास के तीन अश्वेत बहुल शहरों के निवासियों से यह शिकायत मिली थी कि उन्हें इलाके में घुसने नहीं दिया जा रहा है, यहां तक कि उन्हें अपने कार्यस्थल पर भी नहीं जाने दिया जा रहा है. फीनिक्स में 20 लोगों के मारे जाने और अन्य के लापता होने की खबर है.

(पीटीआई-भाषा)

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